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26 मार्च के बाद पैक्स में खरीदे धान को विभाग ने बताया अमान्य, अध्यक्ष की बढ़ गयी परेशानी

विभिन्न पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि सहकारिता विभाग ने 31 मार्च तक धान अधिप्राप्ति की समय सीमा की थी तय, परंतु 26 को ही एप चोरी से कर दिया गया बंद अब केवल विभाग 26 मार्च तक रिपोर्टिंग धान का ही पेमेंट करने की कर रही बात पैक्स अध्यक्ष बाजार में धान बेचकर किसानों […]

  • विभिन्न पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि सहकारिता विभाग ने 31 मार्च तक धान अधिप्राप्ति की समय सीमा की थी तय, परंतु 26 को ही एप चोरी से कर दिया गया बंद
  • अब केवल विभाग 26 मार्च तक रिपोर्टिंग धान का ही पेमेंट करने की कर रही बात
  • पैक्स अध्यक्ष बाजार में धान बेचकर किसानों को उनकी राशि कर रहे भुगतान
बांका : लक्ष्य से कम धान अधिप्राप्ति का सिलसिला इस बार भी जिले में कामयाब रहा. वहीं दूसरी ओर 26 से 31 मार्च तक विभिन्न पैक्सों में खरीदे गये धान को विभाग ने अमान्य करार दे दिया है. ऐसा आरोप जिले के दर्जनों पैक्स अध्यक्षों का है.
पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि सूबे की सरकार व सहकारिता विभाग ने 31 मार्च तक विभिन्न पैक्सों में धान अधिप्राप्ति का निर्देश दिया था. परंतु 26 मार्च को ही संबंधित एप को बंद कर दिया गया. 26 से लेकर 31 मार्च तक पैक्स अध्यक्षों ने कई क्विंटल धान की खरीद की.
साथ ही नियुक्त सत्पापन पदाधिकारी ने पैक्स का भौतिक निरीक्षण भी किया. परंतु अचानक विभाग ने 26 मार्च तक ही खरीदे गये धान को ही वैध घोषित करने की बात कही. इस निर्णय से जिले के सभी पैक्स अध्यक्षों में घोर निराशा है. इस कड़ी में डांड़ा पैक्स अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने 26 से 31 मार्च तक खरीदे गये 550 क्विंटल धान को व्यापारी के हाथों में बेच दिया. साथ ही सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर भी पोस्ट कर दिया.
इस प्रकार भीखनपुर पैक्स अध्यक्ष श्रीनारायण शर्मा सलील का भी आरोप है. उन्होंने भी करीब 561 क्विंटल पैक्स में खरीदे गये धान को बाजार में बेचकर किसानों को भुगतान किया. दरअसल, ऐसा आरोप कमोबेश सभी पैक्स अध्यक्षों का है. उनका कहना है कि एप सही तरीके से काम भी नहीं करता था. वहीं अबकी जिले भर में विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 24263 एमटी धान की खरीदारी हुई है. जबकि लक्ष्य 72 हजार एमटी के करीब था.
कहते हैं जिला सहकारिता पदािधकारी
जिला सहकारिता पदािधकारी अरुण कुमार ने कहा कह ऐसी शिकायत उनके पास नहीं आयी है. अगर कोई पैक्स अध्यक्ष ऐसा आरेाप लगा रहे हैं तो वह निराधार है. एप 31 मार्च रात 12 बजे तक क्रियाशील था.
प्रखंडवार धान अधिप्राप्ति (एमटी में)
अमरपुर- 3481.593. बांका- 3208.372. बाराहाट-2102.42.बौंसी-2671.44. बेलहर-1544.26.चांदन-1914.7. धोरैया-1760.73.कटोरिया-278.268. फुल्लीडुमर-1430.835.रजौन- 3902.68. शंभुगंज- 1968.3.
26 मार्च से 31 मार्च तक उनके पैक्स में किसानों ने धान दिया. परंतु सरकारी गैर नीति की वजह से संबंधित किसान को तय राशि पैक्स से भुगतान नहीं हो पाया. आनन-फानन में व्यापारी को करीब 550 क्विंटल धान बेच कर और खुद का पैसा जोड़ कर किसान को भुगतान करना पड़ गया.
जबकि धान अधिप्राप्ति की तिथि 31 मार्च तक निर्धारित थी, पंरतु विभाग ने 26 को ही अचानक एप बंद कर दिया. यह केवल उनकी नहीं जिले के सभी पैक्सों अध्यक्षों के साथ हुआ है. जल्द ही इस संबंध में उच्च स्तरीय अधिकारी को ज्ञापन दिया जायेगा.
अनिल कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष, डांड़ा
26 मार्च से 31 मार्च तक करीब 561 क्विंटल धान की खरीद उनके पैक्स में हुई. परंतु विभाग की विपरीत नीति की वजह से सरकारी राशि का भुगतान किसानों को नहीं मिल पाया. मजबूरन सभी धान को बाजार में बेचकर किसानों को राशि देना पड़ रहा है. विभाग को एप बंद करने की सूचना पहले देनी चाहिए थी. इसके अलावा एप कभी भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा था.
श्रीनारायण शर्मा सलील, पैक्स अध्यक्ष भीखनपुर

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