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मेले के डाक में नहीं ली किसी ने रुचि अब प्रशासन के जिम्मे राजस्व वसूली

डाक के लिए तीन से पांच जनवरी तक की तिथि थी मुकर्रर पूर्व में एक बंदोबस्तधारी ने डाक के लिए 10 लाख पांच सौ रुपये का िदया था आवेदन राशि कम होने के कारण जिला प्रशासन ने किया इनकार बांका : इस बार बौंसी मेला का सैरात (डाक) नहीं होगा. जिला प्रशासन ने बौंसी मेले […]

डाक के लिए तीन से पांच जनवरी तक की तिथि थी मुकर्रर

पूर्व में एक बंदोबस्तधारी ने डाक के लिए 10 लाख पांच सौ रुपये का िदया था आवेदन
राशि कम होने के कारण जिला प्रशासन ने किया इनकार
बांका : इस बार बौंसी मेला का सैरात (डाक) नहीं होगा. जिला प्रशासन ने बौंसी मेले की डाक के लिए गत दिसंबर माह में एक समय निश्चित किया था, जिसमें बौंसी मेला की डाक के लिए कोई भी बंदोबस्तधारी डाक के लिए आगे नहीं आये. बाद में जिला प्रशासन ने मेले की डाक के लिए पुन: 3 से लेकर 5 जनवरी की तिथि मुकर्रर की थी, लेकिन इस दौरान भी कोई भी लोग डाक के लिए आगे नहीं आये. जिसके बाद अब जिला प्रशासन ने बौंसी मेले का सैरात अपने पास रखने का निर्णय लिया है.
बौंसी मेले में लगने वाली सभी दुकानों के राजस्व की वसूली खुद जिला प्रशासन अपने स्तर से करेगी. इसको लेकर राजस्व शाखा प्रभारी सह ओएसडी डा. राकेश कुमार ने बताया है कि बौंसी मेला में लगाने वाले दुकानदारों के लिए स्थान व राजस्व की वसूली के लिए अंचलाधिकारी बौंसी के कार्यालय एवं मेला ग्राउंड के सामुदायिक भवन में एक काउंटर खोला गया है जहां दुकानदार अपने अपने जगह का बुकिंग कराकर अपना स्थान सुरक्षित करा सकते हैं.
मालूम हो कि जिला प्रशासन ने इस बार बौंसी मेला के बंदोवस्त के लिए सुरक्षित राशि 22 लाख 19 हजार 5 सौ रुपये निर्धारित किया था. लेकिन निर्धारित समय पर एक भी आवेदक के नहीं आने से जिला प्रशासन ने यह मेला अपने पास ही रख लिया है. बताया यह भी जा रहा है कि बौंसी मेला के डाक के लिए पूर्व में एक बंदोबस्तधारी ने मेला की डाक के लिए जिला प्रशासन को 10 लाख 5 सौ रूपये में अपने नाम मेला का सैरात देने की अपील की थी, जिसे जिला प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया है.
उधर, इस बार भी मेला समिति को डाक में घाटा ही सहनी पड़ी थी. बावजूद धीरे धीरे इस मेला का डाक लाखों में होने लगी. लेकिन विगत चार वर्ष पूर्व थियेटर देखने के दौरान मची भगदड़ में तीन लोगों की हुई मौत के बाद जिला प्रशासन ने थियेटर और चित्रहार पर रोक लगा दी है. आलम यह हो गया कि थियेटर और चित्रहार पर रोक लगने के बाद बंदोबस्तधारी की कमाई कम होने लगी. वहीं जिला प्रशासन की ओर प्रतिवर्ष डाक की राशि में 15 प्रतिशत का इजाफा होता चला गया. 2017 में इस मेला का डाक 19 लाख 30 हजार में मधुसूदन सहकारी समिति ने लिया था. इस बार भी जिला प्रशासन की ओर से डाक की सुरक्षित राशि 22 लाख 19 हजार 5 सौ रुपये निर्धारित की गयी. जिसे देखते हुए इस बार कोई भी बंदोबस्तधारी आगे नहीं आये. लिहाजा प्रशासन ने इस बार मेला को अपने पास ही रख लिया.

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