बांका : अब सभी सरकारी अस्पताल नए मोड में काम करेगी. अस्पताल में प्रतिदिन रोको-टोको अभियान चलाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इस अभियान के तहत चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल में कार्यरत अधिकारी प्रतिदिन गंभीरता पूर्वक मरीजों को टोक कर हाल-चाल पूछेंगे. मरीज से उनकी बीमारी, सुधार व अस्पताल में मिलने वाली सभी सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. मरीज अगर किसी प्रकार की परेशानी के बारे में जानकारी देते हैं,
तो उसे अविलंब हल किया जाएगा. डीएम कुंदन कुमार ने रोको-टोको अभियान चलाने का निर्देश दिया है. अस्पताल में मरीज के साथ हो रहे दुर्व्यवहार व सरकारी योजनाओं से मरीजों को वंचित रखने का मामला अक्सर डीएम के समक्ष पहुंच जा रहा था. डीएम ने इससे निबटने के लिए नयी व्यवस्था लागू कर दिया है. अगर मरीज की बात अस्पताल में नजर-अंदाज की गयी तो,
डीएम स्वयं इसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. रोको-टोको अभियान सभी सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन संचालित हो रहा है. डीएम ने मुख्य रुप से यह निर्देश दिया है कि आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए 24 घंटा एंबुलेंस, दवा, चिकित्सक व अन्य उपकरण चुस्त-दुरुस्त रखना है. ताकि विकट परिस्थिति से निपटा जा सके.
मुन्ना भाई फिल्म के तर्ज पर मिलेंगे डॉक्टर
रोको-टोको अभियान का कुछ हिस्सा मुन्ना-भाई एमबीबीएस फिल्म से मिलता-जुलता है. चिकित्सक प्रत्येक मरीज से आत्मीय व्यवहार के साथ संवेदनशील रिश्ता जोड़ेंगे. जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन संवेदनशील होकर चिकित्सक प्रत्येक मरीज से बातचीत कर उन्हें मानसिक तौर पर मजबूती देंगे. ताकि बीमारी से उबरने की शक्ति मरीज में दोगुनी रफ्तार से बढ़ सके. मरीज को यह विश्वास दिलाना है कि अस्पताल में पूर्ण व उचित इलाज संभव है और घबराने की कोई जरुरत नहीं है.
डीएम ने रोको-टोको अभियान की सशक्त मॉनिटरिंग के लिए एक वाट्सअप्प ग्रुप बनाया है. इस अप्प से सीएस के साथ सभी सरकारी अस्पताल के प्रभारी, प्रबंधक व लेखापाल को मुख्य रुप से जोड़ा गया है. वाट्सअप्प ग्रुप में प्रतिदिन रोको-टोको अभियान से जुड़ी तस्वीर पोस्ट की जाएगी. तस्वीर में मरीज से बातचीत करते हुए नजर आनी चाहिए. जानकारी के मुताबिक कटोरिया व चांदन अस्पाल में रोको-टोको अभियान मजबूती से चलाया जा रहा है.
वाहन की नहीं होगी दिक्कत
कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि मरीज की हालत गंभीर रहने के बावजूद अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं रहता है. ऐसी स्थिति से निबटने के लिए प्रत्येक सरकारी अस्पताल को प्राइवेट वाहन मालिक से संपर्क में रहना के निर्देश दिया गया है. सभी सरकारी अस्पताल को पांच प्राइवेट वाहन का मोबाइल नंबर रखना है. ताकि आपातकालीन स्थिति में इन वाहनों से सहयोग ली जा सके.
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के मकसद से रोको-टोको अभियान चलाया जा रहा है. मरीजों से प्रतिदिन फीड बैक लिया जा रहा है. आपात स्थिति से निबटने को तैयार हैं. गुणात्मक सुधार पर बल दिया जा रहा है.
सुधीर महतो, सीएस, बांका