कटोरिया : एंबुलेंस नहीं मिलने पर बाइक द्वारा मृत बालक का शव ले जाने के मामले से संबंधित प्रभात-खबर में प्रकाशित खबर को डीएम कुंदन कुमार ने गंभीरता से लिया है. डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन डा सुधीर कुमार महतो ने रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व निकासी व्ययन पदाधिकारी के दयित्व से डा योगेंद्र प्रसाद मंडल को तत्काल प्रभाव से विमुक्त कर दिया है. अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा एसडी मंडल को कटोरिया एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमदाहा का प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह निकासी व व्ययन पदाधिकारी बनाया है.
डा एसडी मंडल को चौबीस घंटे के भीतर प्रभार ग्रहण कर अधोहस्ताक्षरी को संसूचित करने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने सिविल सर्जन को इस गंभीर मामले की जांच कर त्वरित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. सीएस ने रेफरल अस्पताल कटोरिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा योगेंद्र प्रसाद मंडल व स्वास्थ्य प्रबंधक भरत भूषण चौधरी से 12 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है. स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं रहने पर बर्खास्तगी व प्रपत्र-क गठन करने की कार्रवाई की जायेगी.
चूंकि जिला प्रशासन ने पहले ही सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया था कि मृत शव को घर ले जाने के लिये तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था कर दी जाय. एंबुलेंस नहीं रहने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वाहन उपलब्ध कराये जायें. ऐसा नहीं करने पर इसे अक्षम्य दोष माना जायेगा. ज्ञात हो कि गत 11 सितंबर को कटोरिया के बसमत्ता पंचायत के कालीगढ़ी-घुठिया गांव में स्नान करने के दौरान रवि यादव का पुत्र आशीष कुमार (13वर्ष) डूब गया था. उसे बचाने के लिये उसकी मां यशोदा देवी भी तालाब में कूद गयी. ग्रामीणों के सहयोग से दोनों को बाहर निकाला गया. बेहोशी की हालत में बाइक द्वारा आशीष कुमार को परिजन 23 किलोमीटर दूर रेफरल अस्पताल लेकर आये. यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों द्वारा एंबुलेंस मांगे जाने के बावजूद उन्हें अस्पताल एंबुलेंस या वाहन उपलब्ध नहीं कराये गये. लाचार परिजन बाइक से ही शव को 23 किलोमीटर दूर घर ले जाने को मजबूर हुए.