सूर्यवंश व चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की मूर्तियां औरंगाबाद (सदर) मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा प्राचीन काल में उमगा नगर के नाम से प्रसिद्ध था, भले ही आज उमगा की पहाड़ियां विरान हैं, लेकिन उसके गर्भ में मानव जीवन का साक्ष्य, सभ्यता व संस्कृति छिपी है. यहां सूर्यवंश व चंद्रवंश के मिलन का भी प्रमाण मिलता है. भारतीय कला अपनी प्राचिनता व विविधता के लिए विख्यात रही है. विद्वानों का मानना है कि प्राचीन काल में चित्रकला, वास्तुकला व मूर्ति कला तीनों मिले हुए थे. साथ ही ये धर्म से भी प्रेरित रहे हैं. तभी तो कलाकार व शिल्पी धर्माचार्यों के निर्देशानुसार काम किया करते थे. कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते समय संसार को जैसा देखा वैसे दिखाने का प्रयास किया करते थे. जिसका साक्ष्य आज भी कहीं-कहीं विशेषज्ञ व स्थानीय लोग देते हैं. मदनपुर क्षेत्र के तीन मंदिरों की कुछ मूर्तियां ये प्रमाण देती है कि उमगा सूर्यवंश व चंद्रवंश का मिलन स्थल रहा है. धर्मवीर फिल्म टीवी प्रोडक्शन द्वारा उमगा पर किये गये शोद्ध व उमगा पहाड़ी पर बनायी जा रही डॉक्यूमेंटरी हैरिटेज ऑफ मगध का अनुक्रम ‘ उमगा : द टेंपल्स माउंटेन’ की शूटिंग के दौरान तीनों मंदिर में स्थापित मूर्तियां स्पष्ट रूप से सामने आयी. इसके बाद इसकी पुष्टि पुजारियों ने भी की. उमगा के मुख्य पुजारी बालमुकुंद पाठक ने बताया कि उमगा नगर के सूर्यवंश व चंद्रवंश का पाणी ग्रहण संस्कार का साक्ष्य शिल्पकारों द्वारा पत्थरों पर खोदे गये तथ्य देते हैं. यहीं से सूर्य व चंद्रवंश के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित हुए थे. जैसा कि शिल्पकार व मूर्तिकारों ने मंदिर में स्थापित मूर्तियों में दर्शाया है कि दो स्त्री-पुरुष अपने-अपने हाथों में वर माला लिए हैं. सूर्य के नीचे पुरुष व चंद्रमा के नीचे वर माला लिए स्त्री खड़ी है, मूर्ति के बीच में ऋषि का भी चित्रण किया गया है. साथ ही मूर्ति के ऊपरी भाग में आशीर्वाद मुद्रा के रूप में एक हाथ को भी दर्शाया गया है, जो दोनों वर वधू को आशीर्वाद दे रहा है. ऐसी प्रतिमा प्रथम मदनपुर के उमगा गांव के मंदिर में दूसरा मदनपुर देवी मंदिर में व तीसरा मदनपुर पोखरा के शिव मंदिर में देखने को मिलता है. पुजारी बालमुकुंद पाठक बताते हैं कि इससे संबंधित कई साक्ष्य और हैं जो संग्रहित हैं, जिन्हें प्रस्तुत किया जा सकता है. ये कहते हैं कि सूर्यवंशी व चंद्रवंशी के मिलन व विवाह से संबंधित शिलापट्ट भी उमगा की पहाड़ियों में पाये जाते हैं. जो कई भाषाओं में हैं. फिल्म प्रोडक्शन के निर्देशक धर्मवीर भारती ने बताया कि निर्माणाधीन डॉक्यूमेंटरी ‘उमगा : द टेंपल माउंटेन’ की शूटिंग के दौरान उमगा के बहुत से रहस्य खुल कर सामने आ रहे हैं. साथ ही शूटिंग के दौरान जो शिलापट्ट मिले हैं उन पर लिखे तथ्यों को संग्रहित कर उनका अध्ययन करते हुए अनुवाद किया जा रहा है. इससे उमगा से जुड़े तमाम साक्ष्य सामने आयेंगे.
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सूर्यवंश व चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की मूर्तियां
सूर्यवंश व चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की मूर्तियां औरंगाबाद (सदर) मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा प्राचीन काल में उमगा नगर के नाम से प्रसिद्ध था, भले ही आज उमगा की पहाड़ियां विरान हैं, लेकिन उसके गर्भ में मानव जीवन का साक्ष्य, सभ्यता व संस्कृति छिपी है. यहां सूर्यवंश व चंद्रवंश के मिलन का […]
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