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एस सिन्हा कॉलेज बना सियासी अखाड़ा, माहौल गरमाया

औरंगाबाद : सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज अब लगता है कि राजनीति का अखाड़ा बन गया है. पढ़ाई से अधिक कॉलेज नेतागिरी के लिए सुर्खियों में रह रहा है. बुधवार को पूरे दिन कॉलेज में हंगामे का दौर चलता रहा. एक तरफ नारेबाजी तो दूसरे तरफ धरना प्रदर्शन का दौर. माहौल पूरी तरह अफरा-तफरी का रूप ले […]

औरंगाबाद : सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज अब लगता है कि राजनीति का अखाड़ा बन गया है. पढ़ाई से अधिक कॉलेज नेतागिरी के लिए सुर्खियों में रह रहा है. बुधवार को पूरे दिन कॉलेज में हंगामे का दौर चलता रहा. एक तरफ नारेबाजी तो दूसरे तरफ धरना प्रदर्शन का दौर. माहौल पूरी तरह अफरा-तफरी का रूप ले लिया. ऐसे में कॉलेज प्रशासन को पुलिस की मदद लेनी पड़ी.

यूं कहे कि नगर थानाध्यक्ष एके साहा अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ घटनाक्रम पर निगरानी रखते रहे. हुआ यह कि एनएसयूआई, छात्र राजद सहित महागठबंधन के अन्य छात्र संगठनों को जब पता चला कि कॉलेज के प्राचार्य सहित अन्य शिक्षकों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण कर ली, तो फिर महागठबंधन के छात्र नेता आक्रोशित हो गये और फिर सिन्हा कॉलेज में पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया.
प्राचार्य सहित कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे की सूचना पर प्राचार्य डॉ वेदप्रकाश चतुर्वेदी सहित कॉलेज के कई कर्मी वहां पहुंचे और छात्रों से बात की, पर वे सुनने को तैयार नहीं हुए और फिर प्रशासनिक भवन के समक्ष धरने पर बैठ गये.
महागठबंधन के छात्र नेताओं ने स्पष्ट कहा कि इस कॉलेज में पढ़ाई नहीं, बल्कि राजनीति का खेल चल रहा है. एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष भीम सिंह चौहान, सचिव मजहर शाहिल, छात्र राजद अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, हम के जिलाध्यक्ष भीम प्रताप ने कहा कि कॉलेज अब कॉलेज नहीं रहा, बल्कि राजनीति का अखाड़ा बन गया है.
कॉलेज के प्रिसिंपल अपने चेंबर में बैठ कर विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण करते है और शिक्षक भी उनके कदमों पर चल रहे है. किसी भी राजनीतिक छात्र संगठन का सदस्यता ग्रहण करना नियम के खिलाफ है. कॉलेज में एक खास संगठन को आगे बढ़ाया जा रहा है. जब से प्राचार्य सिन्हा कॉलेज में पदस्थापित हुए है, तब से शैक्षणिक माहौल ध्वस्त हो चुका है. केवल संगठन विशेष की गतिविधियां चलाने पर ध्यान दिया जा रहा है.
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष व कॉलेज अध्यक्ष भूख हड़ताल पर
कॉलेज को राजनीति का अखाड़ा बनाने के मामले में प्राचार्य की बर्खास्तगी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष भीम सिंह चौहान और कॉलेज अध्यक्ष सचिन कुमार भूख हड़ताल पर बैठ गये. इन दोनों का कहना था कि जब तक प्राचार्य अपने पद से इस्तीफा नहीं देते है या जब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा प्राचार्य को बर्खास्त नहीं किया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जिलाध्यक्ष ने कहा कि कॉलेज में पढ़ाई का माहौल अब नहीं है. सिर्फ नाच-गाना पर ध्यान दिया जा रहा है. एक सप्ताह में चार-चार दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है.
वायरल हुई सदस्यता ग्रहण करने की तस्वीर
कॉलेज के प्राचार्य व अन्य शिक्षकों द्वारा अभाविप की सदस्यता ग्रहण करने के बाद तमाम तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट हो गयी. इसके बाद महागठबंधन के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गये. इनका स्पष्ट कहना था कि कॉलेज में सिर्फ पढ़ाई होनी चाहिए. हजारों बच्चों के भविष्य का सवाल है. लेकिन, यहां लोग सदस्यता अभियान में शामिल हो रहे है और सदस्य बन रहे है.
प्रधानाचार्य से मांगा जायेगा स्पष्टीकरण
कॉलेज के कार्यालय में सार्वजनिक रूप से किसी भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करना ठीक नहीं है. यह सर्वथा अनुचित है. ऐसे पदों पर आसीन पदाधिकारियों को नैतिकता के आधार पर भी न्यायसंगत नहीं है1 प्रधानाचार्य के इस कृत्य के कारण ही दूसरे पार्टी के छात्रों को विरोध करने का अवसर मिला. इस कारण प्रधानाचार्य व संबंधित अन्य कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा.
प्रो सत्यरतन प्रसाद सिंह, प्रभारी कुलपति सह डीएसडब्ल्यू, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया
प्राचार्य ने डीएम का दिलाया ध्यान, कार्य बाधित करनेवालों पर हो कार्रवाई
सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर कॉलेज की घटना के प्रति ध्यान दिलाया. प्राचार्य ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन को बिना पूर्व सूचना के एनएसयूआई और महागठबंधन के छात्रों एवं कुछ इनके संगठन के बाहरी छात्रों द्वारा महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को बंद कर 28 अगस्त से महाविद्यालय के कार्य को बाधित किये हुए है. मगध विश्वविद्यालय बोधगया द्वारा स्नातक भाग एक के नामांकन की अंतिम तिथि 28 अगस्त तक ही निर्धारित की गयी है.
स्नातक भाग दो का नामांकन कार्य चल रहा है और स्नातक भाग तीन परीक्षा का फार्म भरने की तिथि दो अगस्त तक निर्धारित है. विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय योजना के तहत विशेष शिविर महाविद्यालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है. महागठबंधन के छात्रों द्वारा बिना किसी कारणवश सारे कार्यक्रम को बाधित कर दिया गया.
तालाबंदी के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है और छात्र आक्रोशित हो रहे है. कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है. महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन को खोलवाकर कार्य सुचारु रूप से संचालित कराया जाये और प्रशासनिक कार्य को बाधित करने वाले छात्रों पर कार्रवाई की जाये.
प्राचार्य ने कहा सहमति से बना संगठन का सदस्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि सुर्खियों में रहने और अखबारों में छाने के लिए 90 प्रतिशत बाहरी छात्रों ने कॉलेज के कार्य को बाधित किया.
10 प्रतिशत कॉलेज के छात्र थे जो नासमझी में बैठे. आंदोलन करने वाले जब अखबार में आ जायेंगे तो वे अपना धरना स्वत: समाप्त कर लेंगे. प्राचार्य ने कहा कि वे सहमति से संगठन का सदस्य बने. उस संगठन के बारे में उन्हें पता है कि वह राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाता है. बच्चे उनके पास आये तो उनकी सहमति थी.

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