औरंगाबाद नगर : निमोनिया पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है. वर्ष 2015 के अनुमान के अनुसार, भारत में 1000 नवजात शिशुओं में सात की मृत्यु निमोनिया से प्रतिवर्ष होती है. न्यूमो कोकस वैक्टीरिया निमोनिया का एक प्रमुख कारण है. पीसीवी वैक्सीन न्यूमोकोकस वैक्टीरिया से होनेवाले निमोनिया व अन्य बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर तरीका है. इस वैक्सीन के इस्तेमाल से बच्चों में निमोनिया से निजात मिलेगी. वहीं, शिशु मृत्यु दर में भी कमी आयेगी. उक्त बातें सिविल सर्जन डाॅ जनार्दन प्रसाद ने कही. उन्होंने कहा कि पीसीवी वैक्सीन जल्द ही नियमित टीकाकरण में शामिल किया जायेगा.
इस वैक्सीन के रखरखाव व उपयोग करने के तरीकों की विस्तृत जानकारी उपस्थित चिकित्सक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक बाल विकास परियोजना पदाधिकारी व कोल्ड चैन हैडलर को दी गयी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ मिथिलेश सिंह, डीपीएम कुमार मनोज, डब्लूएच ओ वीरसेन, यूनिसेफ के अरसी अली शामिल थे. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ सिंह ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन काफी महंगा है. निजी क्लिनिकों में इसके एक डोज की कीमत चार हजार रुपये में आती है. अब तक यह वैक्सीन केवल निजी चिकित्सकों के पास ही उपलब्ध थी. लेकिन, सरकार ने उसे मुफ्त में मुहैया कराने की रूपरेखा तैयार कर ली है. शून्य से एक वर्ष के बच्चों को क्रमश: डेढ़ माह, साढ़े तीन माह व नौ माह पर दिया जायेगा. एक जून से पीसीवी वैक्सीन लांच की जायेगी.