बुनियादी केंद्र समाज के उपेक्षितों को एक छत के नीचे िमलेंगी कई सुविधाएं
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बुजुर्ग, नि:शक्त व विधवा जीयेंगे सामान्य जीवन
बुनियादी केंद्र समाज के उपेक्षितों को एक छत के नीचे िमलेंगी कई सुविधाएं विश्व बैंक की मदद से बिहार समेकित सामाजिक सुदृढ़ीकरण परियोजना के तहत राज्य के सभी अनुमंडलों में कौशल विकास से लेकर जरूरी काउंसेलिंग की बुनियादी केंद्र पर व्यवस्था होगी. समाज कल्याण विभाग की नयी पहल जिले में जल्द प्रभावी होगा. अररिया : […]
विश्व बैंक की मदद से बिहार समेकित सामाजिक सुदृढ़ीकरण परियोजना के तहत राज्य के सभी अनुमंडलों में कौशल विकास से लेकर जरूरी काउंसेलिंग की बुनियादी केंद्र पर व्यवस्था होगी. समाज कल्याण विभाग की नयी पहल जिले में जल्द प्रभावी होगा.
अररिया : विश्व बैंक की मदद से बिहार समेकित सामाजिक सुदृढ़ीकरण परियोजना के तहत राज्य के सभी अनुमंडलों में कौशल विकास से लेकर जरूरी काउंसेलिंग की बुनियादी केंद्र पर व्यवस्था होगी. समाज कल्याण विभाग की नयी पहल जिले में जल्द प्रभावी होगा.
सा माजिक अपेक्षा का शिकार जिले के बुजुर्ग, विधवा व विकलांग लोगों की आवश्यक देखभाल व उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए समाज कल्याण विभाग की नयी पहल जिले में जल्द प्रभावी होगा.
अपनी इस पहल के जरिये विभाग सभी अनुमंडलों में बुनियादी केंद्र की स्थापना करने जा रहा है. विश्व बैंक की मदद से बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण परियोजना के तहत राज्य के सभी अनुमंडलों में ऐसे केंद्रों की स्थापना की जायेगी. बुनियादी केंद्र के माध्यम सामाजिक अपेक्षा का शिकार ऐसे लोगों को एक ही छत के नीचे सरकार द्वारा संचालित तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराया जायेगा. इतना ही नहीं केंद्र के माध्यम से बुजुर्ग, विकलांग व विधवा महिलाओं के पुर्नवास, उनकी सेहत की देखभाल के साथ उनके कौशल को बढ़ावा देकर रोजगार के स्थायी साधन उपलब्ध कराने का इंतजाम होगा. अररिया अनुमंडल में केंद्र के निर्माण के लिए निर्धारित स्थान का चयन कर लिया गया है. बीडीओ रतन कुमर के मुताबिक प्रखंड कृषि कार्यालय के निकट 65 गुणा 90 स्कावर फीट जगह केंद्र निर्माण के लिए चिह्नित किया जा चुका है.
ऐसे लोगों को मिल सकेगी केंद्र की सुविधा : बुनियादी केंद्र के माध्यम से 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग को सभी तरह की जरूरी मदद मुहैया करायी जायेगी. इसके अलावा शारीरिक विकलांगता का शिकार किसी भी आयु के महिला, पुरुष व बच्चे केंद्र के माध्यम से लाभान्वित होंगे. साथ ही 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी विधवा महिलाओं को केंद्र के माध्यम से तरह-तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी, ताकि उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का हक दिलाया जा सके.
विकलांग व विधवाओं के कौशल विकास की होगी व्यवस्था : बुनियादी केंद्र विकलांग जनों को उचित जांच के बाद उनके प्रमाणीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करायेगा. विकलांगता की जांच करते हुए उनके निदान के लिए सहायक उपकरण व पुनर्वास की व्यवस्था केंद्र के माध्यम से होगी. विकलांग अस्थायी तौर पर केंद्र में रूक सकेंगे. आवश्यकता अनुरूप उनके कौशल को बढ़ावा देकर रोजगार के उचित परामर्श उपलब्ध कराये जायेंगे. इसी तरह विधवाओं के लिए केंद्र रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण मुहैया करायेगा. महिलाओं को एसएचजी समूह से जोड़ कर उनके आर्थिक सुदृढ़ीकरण की कोशिश की जायेगी. केंद्र ऐसी महिलाओं के पुनर्वास का प्रयास करेगा. साथ ही उपयोगी सरकारी योजना की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराते हुए उनका मार्गदर्शन करेगा.
मनोरंजन व खेल के माध्यम से दिया जायेगा ज्ञान को बढ़ावा
बुजुर्ग, विधवा व विकलांग लोगों में शिक्षा व ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र पर मनोरंजक खेलों का इंतजाम होगा. विभिन्न तरह की सामूहिक गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को आपसी सौहार्द व सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जायेगा.
अलग-अलग तरह के समाचार पत्र-पत्रिका केंद्र पर मौजूद होगी. दिव्यांग लोगों के लिए खेल कूद के विशेष प्रबंध होंगे. चित्रकारी, दस्तकारी का इंतजाम भी इसलिए किया जायेगा ताकि समाज के बुजुर्ग, विधवा व विकलांग लोगों के सृजनात्मक गतिविधि को बढ़ावा देकर जीवन के प्रति उनके उत्साह को बरकरार रखा जा सके. साथ ही समाज में सम्मान पूर्वक जीने का हक उन्हें मुहैया करायी जा सके.
बुजुर्गों को केंद्र से िमलने वाली सुविधाएं
कानून की जरूरी जानकारी व अन्य विषयों पर बुजुर्गों को केंद्र में निशुल्क काउंसेलिंग की जायेगी. उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल, आंखों की जांच के साथ वाक व श्रवण संबंधी जांच व उचित निदान की व्यवस्था केंद्र पर होगी. इसकी जानकारी देते हुए बुनियादी केंद्र के जिला प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि केंद्र पर कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण मुफ्त में उपलब्ध कराये जायेंगे. सामाजिक सुरक्षा के तहत उनके लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ के उचित परामर्श के साथ उनके अस्थायी निवास की व्यवस्था केंद्र पर होगी. बुजुर्गों को भावनात्मक परामर्श के साथ जरूरी रेफरल सुविधा उपलब्ध कराते हुए उसके पुनर्वास के लिए केंद्र जरूरी मदद करेगा.
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