अररिया : जिला व्यवहार न्यायालय के अधीन विभिन्न न्यायालयों द्वारा चालू वर्ष में अब तक सत्रवाद के अलग अलग नौ मामलों में अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. जबकि अन्य 10 वादों में सुनावई के बाद दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है. वहीं वर्ष 2012 से 2016 के बीच पांच सालों में कुल मिलाकर 28 सत्रवादों में कारावास की सजा दी गयी है. लोक अभियोजक महेश्वर शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 21 दिसंबर तक अलग अलग न्यायालयों में चल रहे नौ सत्रवादों में एक महिला सहित कुल 18 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हुई है.
बाकी के 10 अलग अलग वादों में लगभग 20 अभियुक्तों को दो वर्ष से 10 वर्ष तक की सजा सुनायी जा चुकी है. वर्ष 2012 से लेकर 2016 तक पांच सालों में न्यायालय द्वारा पांच दर्जन से अधिक सत्रवादों में सुनवाई के बाद आजीवन कारावास सहित अलग अलग सजाएं सुनायी गयी हैं. मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में पांच, वर्ष 2013 में आठ, वर्ष 2014 में एक व वर्ष 2015 में छह सत्रवादों में अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. इस तरह वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2016 तक कुल 29 सत्रवादों में न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा दी गयी है, जबकि बाकी के 33 सत्रवादों में दो साल से लेकर 10 वर्ष तक सश्रम कारावास की सजा अभियुक्तों को दी गयी. दूसरी तरफ वादों के त्वरित निष्पादन पर अपनी प्रतिक्रिया में लोक अभियोजक श्री शर्मा ने कहा कि वादों में ससमय गवाही दिलवाने में जिला के डीएम व एसपी का सक्रिय योगदान रहा है.