अररिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में बच्ची बचाओ, बच्ची पढ़ाओ नामक अभियान चलाने के बावजूद लोगों में लिंगभेद समाप्त करने को लेकर जागरूकता नहीं आ रही है. बच्ची के पैदा होते ही लोग इतने निर्मम हो जाते हैं कि उसे भगवान भरोसे सूनसान स्थान पर फेंककर रफुचक्कर हो जाते हैं. शुक्रवार की देर रात रानीगंज इलाके में भी एक निष्ठुर मां ममता को कलंकित कर नवजात बच्ची को अंधेरे में फेंककर भाग गयी. मां की ममता को कलंकित और समाज को शर्मशार करने वावली यह घटना रानीगंज रेफरल के नजदीक की है.
दरअसल, शुक्रवार की शाम फारबिसगंज कन्हैली की किरण देवी नामक एक महिला अपने पति सुनील यादव के साथ रानीगंज रेफरल अस्पताल प्रसव के लिए आयी थी. अस्पताल में एएनएम वंदना की देखरेख में किरण ने एक सुंदर और स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. बताया जाता है कि किरण और उसके पति सुनील को जैसे ही बेटी के पैदा होने की जानकारी मिली, वे मायूस हो गये. इस दंपति को पहले से दो संतानें हैं, जिसमें एक बेटा और एक बेटी है. इसके बाद देर रात अंधेरे का लाभ उठाते हुए किरण अस्पताल से बाहर निकली और नजदीक में ही एक चाय की दुकान के पास नवजात बच्ची को फेंककर भाग गयी.
यह तो उस बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि उसके रोने की आवाज सुनकर पास में ही रहने वाली रीता कुमारी वहां पहुंच गयी. वह तत्काल बच्ची को चाय की दुकान से उठाकर अपने घर ले गयी. फिलहाल, नवजात बच्ची रीता कुमारी के संरक्षण में सुरक्षित है. हालांकि, घटना की सूचना मिलने के बाद उसे गोद लेने की कई लोगों ने इच्छा जाहिर की है. वहीं, रानीगंज पुलिस मौके पर पहुंच मामले की छानबीन करना शुरू कर दिया है.