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35-40 मरीज रोज आ रहे हैं अस्पताल

मुसीबत. जिले में तेजी से फैल रहा डायरिया अररिया, पलासी, फारबिसगंज व जोकीहाट प्रखंडों में डायरिया का प्रसार तेजी से हो रहा है. सदर अस्पताल में रोज औसतन 35 से 40 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. अररिया : जिले के मौसम में तेजी से हो रहा बदलाव लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं […]

मुसीबत. जिले में तेजी से फैल रहा डायरिया

अररिया, पलासी, फारबिसगंज व जोकीहाट प्रखंडों में डायरिया का प्रसार तेजी से हो रहा है. सदर अस्पताल में रोज औसतन 35 से 40 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
अररिया : जिले के मौसम में तेजी से हो रहा बदलाव लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा कर रहा है. इस साल जिले में आयी बाढ़ के कारण निचले इलाकों में लंबे समय तक जल जमाव की स्थिति बनी रही. अब पानी तो धीरे धीरे सूखने लगा है. लेकिन नमी वाले इन क्षेत्रों से आ रही सड़ांध सहित खान-पान से जुड़ी कुछ अनियमितता के कारण लोगों में डायरिया का प्रकोप फैल रहा है. अररिया सहित पलासी, फारबिसगंज व जोकीहाट प्रखंडों में रोग का प्रसार तेजी से हो रहा है. अनुमान के मुताबिक सदर अस्पताल में ही रोज औसतन 35 से 40 मरीज डायरिया या इससे संबंधित शिकायतों को लेकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. पिछले एक माह के दौरान डायरिया से करीब छह लोगों के मौत की बातें भी सामने आ रही है.
अमूमन डायरिया के मरीज जिले के सभी प्रखंडों में देखे जा सकते हैं. कुछ एक जगहों पर मुहल्ला का मुहल्ला रोग की चपेट में दिखता है. अररिया प्रखंड के कथहरपुर, सौरगांव, झमटा के कई टोलों के लोग रोग की चपेट में हैं. पलासी प्रखंड में रोग की स्थिति और भी भयावह दिखती है. प्रखंड के मोहनियां, ककोड़वा गांव, बरहट, फरसाडांगी, डेहटी सहित अन्य इलाके के दर्जनों लोग रोग से प्रभावित हैं. जोकीहाट सहित फारबिसगंज प्रखंड के कई इलाकों में भी इसका कहर तेजी से फैल रहा है.
छोटे बच्चे हो रहे हैं आसान िशकार
डायरिया इलाकों में रोग छोटे उम्र के बच्चों को अपना आसान शिकार बना रहा है. जिले में जिस तेजी से डायरिया फैल रही है. इसे देख इसके रोकथाम के प्रति स्वास्थ्य विभाग की नाकामी स्पष्ट झलकती है. हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग डायरिया से अब तक मौत के किसी वाकिये को सिरे से नकारता है. साथ ही रोगियों के इलाज व बचाव के लिये मुस्तैद होने का दावा करती है. इसके बाद भी प्रभावित गांवों में बचाव के लिये किये गये विभागीय प्रयास नाकाफी लगते हैं.
प्रभावित गांव के लोग फरमान, रेहाना, सिकंदर व अन्य बताते हैं कि रोगियों को लेकर विभाग की चिंताएं तो अखबारों में खबर छपने के बाद होती है. इससे पहले अगर कोई मर भी जाय तो विभाग इस पर मौन ही बना रहेगा. उन्होंने कहा कि गांव में डायरिया फैलने के एक सप्ताह बाद अखबार में इसकी खबर छपी. इसके दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव तो पहुंची. फिर रोगियों का जरूरी दवा देकर जो वह लौटी है. दोबारा लौट कर नहीं आयी. इधर डायरिया दूसरे लोगों को लगातार अपने चपेट में लिया जा रहा है.
डायरिया से जिले में किसी की मौत नहीं हुई है. डायरिया का उपचार व रोकथाम के प्रति स्वास्थ्य विभाग गंभीर है. सूचना मिलते ही विशेष टीम प्रभावित गांव भेजी जा रही है. प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी अलग से की गयी है. एहतियात के तौर पर उन्होंने लोगों से स्वच्छ पानी का सेवन, बासी खानों से परहेज, बाजार की तली-भुनी चीजों से परहेज की अपील की.
एनके ओझा, सिविल सर्जन अररिया.

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