अररिया : जिले में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का सिलसिला सोमवार को भी जारी दिखा. एक तरफ जहां जांच दल में शामिल दो लिपिक संचिकाओं को खंघालते हुए नजर आये. वहीं बताया जाता है कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अशोक मंडल सहित कुछ अन्य अधिकारियों को भी डीएम हिमांशु शर्मा ने जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
मिली जानकारी के अनुसार जांच के क्रम में हैरत में डालने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. अब तक ये तो स्पष्ट हो चुका है कि कुर्साकांटा व अररिया सहित अन्य प्रखंडों में दर्जनों ऐसे विद्यलय चिह्नित हो रहे हैं जहां बच्चों की अत्यधिक संख्या बता कर छात्रवृत्ति के नाम पर राशि का गबन किया गया है. कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या इस हद तक बढ़ा कर भेजी गयी कि कोई भी विश्वास नहीं करे. ऐसा ही एक मामला अररिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गरगद्दी का है.
मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय कि प्रधानाध्यापक द्वारा छात्रवृत्ति की राशि के लिए दूसरी अधियाचना भेजी गयी. इस अधियाचना में कहा गया कि पहली अधियाचना में नामांकित बच्चों की संख्या भूलवश कुछ कम हो गयी थी. लिहाजा अतिरिक्त 1838 बच्चों के लिए राशि भेजी जाये. दिलचस्प ये कि अधियाचना में अंकित बच्चों की संख्या पर न तो अग्रसारित करने वाले अधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और न ही जिला कल्याण प्रशाखा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोई संदेह जताया. बिना किसी जांच परख के मांगी गयी राशि भेज दी गयी.