फारबिसगंज: प्रखंड के डाक हरिपुर पंचायत के वार्ड संख्या 13 महादलित टोला में दो महादलित की ठंड से हुई मौत की खबर प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को प्रशासन सक्रिय हुआ. शुक्रवार को सीओ शिव शंकर प्रसाद सिंह, बीडीओ किशोर कुमार दास पंचायत के मुखिया प्रवीण कुमार दास को साथ लेकर पीड़ित परिवार सहित महादलित बस्ती में लोगों से जाकर मिले उनकी समस्याओं को सुना व समाधान का भी आश्वासन दिया. बीडीओ श्री दास ने बताया कि वे एसडीओ को लिखेंगे कि मृतक के आश्रितों को पारिवारिक लाभ योजना का 20 हजार रुपया दिया जाय साथ ही महादलित बस्ती में 40 से 50 कंबल का वितरण भी किया जायेगा.
योजनाओं से वंचित
शहर से सटे प्रखंड के डाक हरिपुर पंचायत के वार्ड संख्या 13 महादलित टोला वासी सुशासन की इस सरकार में भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं. ये अलग बात है कि ठंड के कारण चंद्रेश्वर ऋषिदेव पिता अशर्फी ऋषिदेव व विधवा मीणा देवी पिता बिहारी ऋषिदेव की मौत के बाद सीओ, बीडीओ ने पहुंच कर 50 परिवार के लगभग तीन सौ आबादी वाले टोले में मात्र 11 कंबल का वितरण कर अपने फर्ज से इतिश्री कर लिया. पत्रकारों के गांव पहुंचने पर महादलित परिवार के वार्ड सदस्य सुनीता देवी, वासो ऋषिदेव, मोजी लाल ऋषिदेव, छेदी मेहता, मनोज सादा, रामवृक्ष ऋषिदेव, योगेंद्र ऋषिदेव, टीलाय ऋषिदेव, पृथ्वी ऋषिदेव, कुंदन ऋषिदेव, शिवानंद ऋषिदेव, मुखिया प्रवीण कुमार दास, समाज सेवी सदानंद मेहता, मिथिलेश मेहता, सुजीत मेहता सहित अन्य ने बताया कि लगभग तीन सौ आबादी वाले इस महादलित टोला में एक भी शौचालय नहीं है न तो आंगनबाड़ी, विद्यालय ही है.
महादलितों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. एक भी महादलित को रेडियो नहीं मिला. गांव में आने का संपर्क सड़क भी नहीं बना जबकि ग्रामीण सदानंद मेहता, पंच लाल मेहता, सुजीत मेहता ने सड़क के लिए जमीन भी दिया. टोला के दर्जनों युवक ऐसे हैं जिनका पहचान पत्र तक नहीं बना बीएलओ के यहां चक्कर काट कर परेशान हो गया. पहचान पत्र के अभाव में युवकों का बाहर जाकर कमाना भी दुभर हो गया है. यहीं नहीं जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है.
न तो अन्न कलश योजना का लाभ ही मिल पा रहा है. मुखिया श्री दास ने बताया कि गांव में आंगनबाड़ी खोलने के लिए जमीन भी पंजीकृत करवा दिया मगर सीडीपीओ कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. जबकि विद्यालय के लिए योजना स्वीकृत होने के बाद भी मामला भूमि से संबंधित सीओ के यहां अधर में लटका कर रखा गया है. मुखिया ने तीखे स्वर में कहा कि आरटीपीएस इन दिनों बीटीपीएस बन गया है. बहरहाल मुखिया के प्रयास के बाद भी पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण महादलित बस्ती में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.