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पेंशन लेने से पहले बुजुर्ग महिला की हुई मौत

पेंशन लेने से पहले बुजुर्ग महिला की हुई मौत-मरने से पहले वृद्धा की पूरी नहीं हो सकी इच्छा-पेंशन शिविर में व्याप्त कुव्यवस्था पर उठा सवाल – बीडीओ ने कहा घर में हुई मौत, शव लेकर पहुंचे परिजन – पीड़ित पुत्र ने कहा व्यवस्था की भेंट चढ़ गयी मां फोटो: 11-शव के समीप विलाप करते परिजन.प्रतिनिधि […]

पेंशन लेने से पहले बुजुर्ग महिला की हुई मौत-मरने से पहले वृद्धा की पूरी नहीं हो सकी इच्छा-पेंशन शिविर में व्याप्त कुव्यवस्था पर उठा सवाल – बीडीओ ने कहा घर में हुई मौत, शव लेकर पहुंचे परिजन – पीड़ित पुत्र ने कहा व्यवस्था की भेंट चढ़ गयी मां फोटो: 11-शव के समीप विलाप करते परिजन.प्रतिनिधि 4 रानीगंजबौंसी थाना क्षेत्र अंतर्गत मध्य विद्यालय बसैटी परिसर में आयोजित पेंशन शिविर में गुरुवार को एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी. अनियंत्रित भीड़ व कथित कुव्यवस्था के कारण धोबनियां निवासी लगभग 75 वर्षीय मसोमात ललिया देवी की मौत होने की बात सामने आयी है. पेंशन शिविर में एक वृद्धा की मौत की सूचना पर क्षेत्र में सनसनी फैल गया. मृतका को देखने के लिए आस-पास के लोगों की भीड़ उमड़ आयी. मौके पर मृतका के पुत्र जोगेंद्र ऋषिदेव ने कहा कि सूचना पर अपनी मां ललिया देवी को लेकर शिविर स्थल पर लगभग साढ़े दस बजे पहुंचे थे. अफरा-तफरी के माहौल में दोपहर तक उसकी बुजुर्ग मां पेंशन के लिए व्याकुल रही. लेकिन मौके पर किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. भीड़ में शामिल उसकी मां अचानक गीर पड़ी. लाख प्रयास के बाद भी परिजन उसे बचा नहीं पाये. पेंशन उठाव करने से पहले ही ललिया देवी की मौत हो गयी. जानकारी अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत एक जून 2013 को लेखा संख्या 521/13-14 के माध्यम से पेंशन की स्वीकृति दी गयी है. पिछले सात माह का पेंशन देने के लिए बुजुर्ग महिला को धोबनिया से बसैटी बुलाया गया था. जोगेंद्र ऋषिदेव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के कथित उदासीनता से उसकी मां की इच्छा पूरी नहीं हो पायी. गमगीन माहौल में परिजन शव अपने साथ गांव ले गये. वहीं दूसरी तरफ इस मामले में बीडीओ ने कहा कि संबंधित लाभुक की मौत घर में ही हुई है. शिविर स्थल पर उसकी मौत नहीं हुई है. लाभुक के मरने की स्थिति में परिजन को पेंशन नहीं दी जा सकती है. लेकिन पारिवारिक लाभ सहित अन्य योजनाओं का लाभ पीडि़त परिजन को दिया जायेगा. बहरहाल बीडीओ की बात पर सवाल लाजिमी है कि क्या पेंशन का लाभ लेने के लिए परिजन शव लेकर शिविर में आये थे या फिर व्यवस्था की कमजोरी को छुपाने का प्रयास हो रहा है. -नाम निर्देशन को ले प्रखंड परिसर में बढ़ने लगी भीड़-अभ्यर्थी को हो रही असुविधा, चरमरा रही व्यवस्था-मुख्य गेट पर तैनात कर्मी के व्यवहार से महिला अभ्यर्थी असहज-महिला पुलिस कर्मी की नहीं है तैनाती-कुव्यवस्था के आलम में हो रहा नाम निर्देशन फोटो: 12-अफरा-तफरी के बीच नामांकन करते अभ्यर्थीप्रतिनिधि 4 रानीगंजक्षेत्र में पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान समय के साथ बढ़ने लगा है. वहीं दूसरी तरफ प्रखंड परिसर स्थित नाम निर्देशन स्थल पर अभ्यर्थियों की बढ़ती भीड़ से अफरा-तफरी का माहौल सामने आने लगा है. भीड़ को नियंत्रित करने को ले कर जवाबदेह कर्मी की कथित मनमानी सामने आने लगी है. इससे खास कर वार्ड सदस्य व मुखिया के लिए बने काउंटर पर महिला अभ्यर्थी को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. महिला व पुरुषों का अलग-अलग व्यवस्था बहाल रखने में कहीं न कहीं वरीय अधिकारियों का निर्देश ताक पर है. शांति व समुचित सुविधा के साथ नाम निर्देशन प्रक्रिया को संपन्न करवाने को लेकर जवाबदेह कर्मी खुद सुविधा की ताक में लगे हैं. नतीजतन कुव्यवस्था के आलम में किसी तरह अभ्यर्थी नाम निर्देशन प्रक्रिया को निबटा रहे हैं. वहीं मुख्य द्वार पर प्रतिनियुक्त कर्मी द्वारा अभ्यर्थी व उसके प्रस्तावक के साथ मनमाना व्यवहार पेश किये जाने की बात सामने आ रही है. बैरिकेड के अंदर खास लोगों की बेरोकटोक आवाजाही से व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होने लगा है. वहीं कुछ अभ्यर्थी व उनके प्रस्तावक को वैद्य कागजात रहने के बाद भी लंबी पूछताछ से गुजरना पड़ता है. इससे कभी कभार विधि-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाती है. गुरुवार को नाम निर्देशन करने आयी कुछ महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि बैरिकेड के गेट पर मौजूद कर्मी बेवजह मनमानी करते हैं. महिलाओं को भी पुरुषों की भीड़ में धकेल देते हैं. मालूम हो कि नाम निर्देशन स्थल पर महिला पुलिस कर्मी की मौजूदगी नगण्य है. इससे महिला अभ्यर्थी गेट पर असहज हो जाती हैं.

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