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दो सौ परिवारों को मिलेगा मकान
योजना . भेजी 215 लाभुकों की सूची केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हाउसिंग फोर ऑल योजना के तहत 2015 में जिले में 200 लाभुकों के चयन की जिम्मेदारी दी गयी थी. इसमें मापदंड का निर्धारण नहीं हुआ था, लेकिन यह जरूर तय था कि जिसे पक्का मकान नहीं है उसे योजना का लाभ िमले. […]
योजना . भेजी 215 लाभुकों की सूची
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हाउसिंग फोर ऑल योजना के तहत 2015 में जिले में 200 लाभुकों के चयन की जिम्मेदारी दी गयी थी. इसमें मापदंड का निर्धारण नहीं हुआ था, लेकिन यह जरूर तय था कि जिसे पक्का मकान नहीं है उसे योजना का लाभ िमले.
अररिया : घर हो मुकम्मल सबके लिए की सोच के साथ नगर परिषद ने भी शहरवासियों के लिए अपना कदम आगे बढ़ाना शुरू किया है. केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना हाउसिंग फॉर ऑल के क्रियान्वयन की दिशा में नगर परिषद द्वारा अपने स्तर से सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली है.
इसके लिए लाभुकों की सूची तैयार कर नगर विकास विभाग आवास विभाग को 16 फरवरी को 2016 को भेजा गया है. हालांकि लक्ष्य के विरुद्ध ज्यादा लाभुकों की सूची विभाग को भेजी गयी है. अगस्त 2015 के एक सर्वे के अनुसार शहर में 7017 परिवार छत विहीन हैं, जिन्हें छत देने में अभी और वक्त लगेगा.
कितने आवास बनाने का है लक्ष्य
जानकारी अनुसार केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हाउसिंग फॉर आल योजना के लिए दिसंबर 2015 में नगर परिषद को 200 छत विहीन लाभुकों के चयन की जिम्मेवारी दी गयी थी. इसमें मापदंड का निर्धारण नहीं हुआ था.
यह जरूर तय था कि वैसे परिवार जिन्हें पक्का का मकान नहीं हो उसे ही इस योजना का लाभ दिया जाये. लेकिन कम लक्ष्य देखते हुए 29 वार्डों के लाभुकों का नाम तय करने के लिए नप बोर्ड की बैठक में छत विहीन विधवा, दिव्यांग, एससी व एसटी परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर चयन करने का निर्णय लिया गया. जानकारी अनुसार दो माह के बाद नगर परिषद, टैक्स कलेक्टर व सीटी मैनेजर की देख-रेख में प्रत्येक वार्ड स्तर पर सात-सात लाभुकों का चयन किया. चयन के बाद 215 लाभुकों की सूची को 16 फरवरी को अग्रतर कार्रवाई के लिए नगर आवास विभाग को भेज दिया गया है. नगर आवास विभाग के द्वारा जिले से प्राप्त सूची को अग्रेतर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जायेगी.
यह तय नहीं है कि घर बनायेगा कौन
नगर आवास विभाग बिहार सरकार व केंद्र सरकार के द्वारा हाउसिंग फॉर आल के लिए चयनित सूची की रूप रेखा के तहत आवास बनाने का मापदंड का निर्धारण क्या होगा यह तय नहीं हुआ है.
जानकारी अनुसार इस योजना के तहत लाभुकों के पक्का आवास निर्माण के लिए दो लाख की राशि केंद्र और राज्य सरकार मिल कर खर्च करेगी. इसके तहत केंद्र जहां डेढ़ लाख रुपये देगी, तो राज्य सरकार पचास हजार रुपये आवास निर्माण की दिशा में प्रति लाभुक खर्च करेगी.
हालांकि लाभुकों के चयन में यह निर्देश जरूर है कि जनगणना के आधार पर ही लाभुकों का चयन किया जाये. इसका मतलब है कि संपन्न हुए जनगणना को भी आधार बनाते हुए लाभुकों का चयन सूची तैयार किया गया है. लाभुकों से जमीन का रसीद भू स्वामित्व प्रमाण पत्र, वोटर आइ कार्ड या आधार कार्ड की मांग लाभुकों से की गयी है.
अब यह तय नहीं हो पा रहा है कि आवास योजना के तहत नप द्वारा भेजे गये सूची के आधार पर आखिर उनके लिए आवास का निर्माण लाभुक खुद करेंगे या फिर एजेंसी के द्वारा लाभुकों के आवास का निर्माण होगा. हालांकि आवास निर्माण के लिए भेजे गये सूची में लाभुकों की खाता संख्या नहीं भेजी गयी है जबकि इसके लिए कोई दिशा निर्देश भी नप को नहीं दिया गया था.
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