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प्रधान सचिव का निर्देश बेअसर

-प्रधान सचिव व डीएम के निर्देश के बाद भी अब तक जांच टीम के द्वारा नहीं की गयी जांच अररिया : प्रधान सचिव के निर्देश के बावजूद गठित जांच टीम द्वारा पाइप जलापूर्ति योजना की जांच ठंडे बस्ते में डाली दी गयी है. अभी तक जांच टीम के द्वारा पाइप जलापूर्ति योजना में तय मापदंड […]

-प्रधान सचिव व डीएम के निर्देश के बाद भी अब तक जांच टीम के द्वारा नहीं की गयी जांच
अररिया : प्रधान सचिव के निर्देश के बावजूद गठित जांच टीम द्वारा पाइप जलापूर्ति योजना की जांच ठंडे बस्ते में डाली दी गयी है. अभी तक जांच टीम के द्वारा पाइप जलापूर्ति योजना में तय मापदंड के अनुसार एजेंसी के द्वारा किये जा रहे कार्य की गुणवत्ता की जांच नहीं की गयी है, जबकि अब भी लोगों के द्वारा पाइप जलापूर्ति योजना में अनियमितता और जल मीनार के निर्माण कार्य में तय मापदंड को ताक पर रख कर काम किये जाने की शिकायत की जा रही है.
करोड़ों रुपये की लागत से नप क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के अलावा जल मीनार का निर्माण कार्य किया जाना है. लेकिन पर्याप्त तथ्य के आधार पर अनुश्रवण की कमी का फायदा कार्य एजेंसी के द्वारा मनमाने कार्य का निष्पादन कर किया जा रहा है.
नहीं हुई जांच
प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा के पत्रांक 143 दिनांक सात जनवरी 16 के द्वारा वार्ड संख्या 17 के नगर पार्षद रितेश कुमार राय के प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लिया. उनके पत्र के द्वारा नप क्षेत्र में लगाये जा रहे जलापूर्ति पाइप की खराब गुणवत्ता पर व मास्टर प्लान के अनुसार कार्य नहीं किये जाने के संबंध में मिली शिकायत पत्र में वर्णित बिंदुओं की स्थल जांच करने का आदेश मुख्य अभियंता बिहार राज्य जल पर्षद के द्वारा किये जाने की अनुशंसा की गयी थी.
साथ ही प्रधान सचिव ने डीएम अररिया को भी अपने स्तर पर इसका तटस्थ मूल्यांकन कर नगर विकास विभाग व आवास विभाग जांच प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया था. प्रधान सचिव के निर्देश पर डीएम के द्वारा तीन फरवरी 2016 को जांच टीम का गठन करते हुए नगर परिषद के कनीय अभियंता को गठित टीम से समन्वय स्थापित कर जांच टीम का सहयोग करने का निर्देश दिया गया था. डीएम के द्वारा जारा ज्ञापांक 220 के द्वारा जलापूर्ति योजना के पाइप बिछाने की खराब गुणवत्ता व मास्टर प्लान के अनुसार एजेंसी के द्वारा कार्य नहीं करने को लेकर जांच करने के लिए जिला योजना पदाधिकारी प्रभात कुमार झा व पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता संजय दुबे को नियुक्त किया गया है. जानकारी अनुसार अब तक जांच शुरू नहीं हो पायी है.
जांच की कार्रवाई सुस्त
जानकारी यह भी आ रही है कि जल पर्षद के द्वारा निर्धारित 24 करोड़ 59 लाख रुपये से पूर्व में शहर के चालीस किलोमीटर एरिया में ही पाइप लाइन बिछाना था लेकिन वार्ड स्तर पर दूरी को देखते हुए पाइप बिछाने का 20 किलोमीटर का अतिरिक्त काम अब विभाग के द्वारा कराया जायेगा, जिससे प्राक्कलन में बढ़ोतरी भी होगी.
अब पूर्व से निर्धारित प्राक्कलन के अनुसार कार्य कर रहे एजेंसी के विरुद्ध न तो कोई कार्रवाई हो रही है, जबकि जल पर्षद के द्वारा अब तक नगर परिषद से 19 करोड़ रुपये की राशि खाते में स्थानांतरित भी करा लिया गया है. लोगों की माने तो उनका कहना है कि विभाग जांच को ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है.

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