15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कनीय अभियंता व सहायक अभियंता के विरुद्ध दर्ज होगी प्राथमिकी

कनीय अभियंता व सहायक अभियंता के विरुद्ध दर्ज होगी प्राथमिकीआइटीसी भवन निर्माण में राशि गबन का आरोपबीडीओ ने प्राथमिकी के लिए थानाध्यक्ष को दिया पत्रसवा साल से प्राथमिकी का मामला लटका था अधर में फोटो: 5 -प्रखंड परिसर स्थित आइटीसी भवन प्रतिनिधि, रानीगंजप्रखंड परिसर स्थित आइटीसी भवन निर्माण में बरती गयी अनियमितता को लेकर कनीय […]

कनीय अभियंता व सहायक अभियंता के विरुद्ध दर्ज होगी प्राथमिकीआइटीसी भवन निर्माण में राशि गबन का आरोपबीडीओ ने प्राथमिकी के लिए थानाध्यक्ष को दिया पत्रसवा साल से प्राथमिकी का मामला लटका था अधर में फोटो: 5 -प्रखंड परिसर स्थित आइटीसी भवन प्रतिनिधि, रानीगंजप्रखंड परिसर स्थित आइटीसी भवन निर्माण में बरती गयी अनियमितता को लेकर कनीय अभियंता व संबंधित सहायक अभियंता के विरुद्ध जल्द ही प्राथमिकी दर्ज होगी. कनीय अभियंता मधुरेन्द्र कुमार सिन्हा व ग्रामीण कार्य विभाग के संबंधित सहायक अभियंता पर योजना के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है. हालांकि दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का मामला पिछले सवा साल से अधर में लटका था. लेकिन हाल के दिनों में जिला प्रशासन के सख्त रुख के कारण बीडीओ ने 31 दिसंबर 15 को पत्रांक 1367 के माध्यम से रानीगंज थानाध्यक्ष को प्राथमिकी के लिए पत्र प्रेषित की है. जानकारी अनुसार दो सितंबर 14 को डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद् अररिया द्वारा प्रखंड परिसर स्थित निर्माणाधीन सूचना केंद्र भवन का निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के दौरान डीडीसी अरशद अजीज ने प्रथम दृष्टया योजना में घटिया किस्म का काम पाया था. टाइल्स की गुणवत्ता, सिमेंट बालू की मात्रा में गड़बड़ी, जमीन की ढलाई, छत का प्लास्टर व लकड़ी सहित विभिन्न तकनीकी खामियां योजना के क्रियान्वयन में पाया था. इसके साथ ही बिना कार्यपालक अभियंता द्वारा एमबी जांच करवाये राशि उठाव किये जाने से संबंधित अनियमितता पायी गयी थी. बताया जाता है कि पांच लाख रुपये से अधिक के कार्य का एमबी जांच कार्यपालक अभियंता द्वारा होना चाहिए, जो नहीं कराया गया था. इसके बावजूद भी तत्कालीन बीडीओ द्वारा योजना में भुगतान किया जाता रहा. मालूम हो कि 13 वीं वित्त आयोग की राशि से पंचायत समिति मद से रानीगंज प्रखंड मुख्यालय में सूचना केंद्र भवन निर्माण की योजना ली गयी थी. संबंधित योजना संख्या 01/12-13 के अभिकर्ता कनीय अभियंता मधुरेन्द्र कुमार सिन्हा हैं. कुल प्राक्कलित राशि 36,09,600 रुपये में से 33,28,964 रुपये निकासी की गयी है. अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में डीडीसी ने स्पष्ट कहा है कि निर्माण कार्य काफी कम गुणवत्ता के आधार पर कराया जा रहा है. इसके लिए दोनों अभियंता राशि के गबन एवं दुरुपयोग के लिए दोषी हैं. इसके साथ ही तत्कालीन बीडीओ ललन ऋषि व नित्यानंद पांडेय भी तकनीकी तौर पर दोषी बताया गया है. बहरहाल आइटीसी भवन निर्माण के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये गये. लेकिन आज भी संबंधित भवन का निर्माण कार्य अपूर्ण माना जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें