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विवि की गलती की सजा भुगत रहे हैं एक शक्षिक

विवि की गलती की सजा भुगत रहे हैं एक शिक्षक अंक पत्र में प्राप्तांक है दर्ज है परंतु टीआर में नहीं है दर्ज प्रतिनिधि, अररिया जिले के राम लाल उच्च विद्यालय हरिपुर डाक के एक शिक्षक विश्वविद्यालय की गलती की सजा भुगत रहे हैं. पिछले छह माह से पुलिस के भय से भागे फिर रहे […]

विवि की गलती की सजा भुगत रहे हैं एक शिक्षक अंक पत्र में प्राप्तांक है दर्ज है परंतु टीआर में नहीं है दर्ज प्रतिनिधि, अररिया जिले के राम लाल उच्च विद्यालय हरिपुर डाक के एक शिक्षक विश्वविद्यालय की गलती की सजा भुगत रहे हैं. पिछले छह माह से पुलिस के भय से भागे फिर रहे हैं. निगरानी विभाग माध्यमिक शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच विश्वविद्यालय से करायी गयी. विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये पांच रिपोर्ट में रामलाल उच्च विद्यालय के शिक्षक शिवनाथ चौधरी के अंक पत्र को फर्जी बताया गया. विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट के आधार पर निगरानी विभाग द्वारा शिक्षक शिवनाथ चौधरी के विरुद्ध नगर थाना में 22 जुलाई 2015 को प्राथमिकी संख्या 363/15 दर्ज की गयी. इसके अलावा निगरानी विभाग द्वारा जिला परिषद नियोजन इकाई को उनके नियोजन को निरस्त करने की अनुशंसा की कर दी थी. उक्त अनुशंसा के आलोक में नियोजन इकाई द्वारा श्री चौधरी के नियोजन को निरस्त करते हुए वेतन के रूप में ली गयी राशि जमा करने का निर्देश दिया गया. शिक्षक श्री चौधरी अपने साथ हुए अन्याय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 14496/15 दर्ज कर कहा है कि उनका अंक पत्र सही है. विवि द्वारा प्रतिवेदित रिपोर्ट गलत है. निगरानी विभाग को अपना सभी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर कहा था कि विश्वविद्यालय में ही कोई त्रुटि रही होगी. उन्होंने स्नातकोत्तर के साक्षात्कार परीक्षा में विधिवत भाग लिये हैं व अंक पत्र में इन्हें 40 अंक दिया गया है. उच्च न्यायालय ने उक्त याचिका को जिला अपीलीय प्राधिकार के पास सुनवाई के लिए भेज दिया. अपीलीय वाद संख्या 24/15 दर्ज कर पीठासीन पदाधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने वाद की सुनवाई करते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्टर, परीक्षा नियंत्रक को 21 दिसंबर को उपस्थित होकर तथ्य विवरणी समर्पित करने का निर्देश दिया था. प्राधिकार से मिली जानकारी अनुसार उक्त तिथि को विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी उपस्थित होकर तथ्य विवरणी प्रस्तुत नहीं किया. अगली तिथि 21 जनवरी दी गयी है. क्या है मामला शिक्षक शिवनाथ चौधरी स्नातकोत्तर के साक्षात्कार में भाग लिया था. इसमें उन्हें 40 अंक प्राप्त हुआ. उनके अंक पत्र के कॉलम नंबर 22 में 40 अंक दर्ज है परंतु विश्वविद्यालय के टीआर में अंकित नहीं है. जिसके कारण निगरानी के प्रतिवेदन के आधार पर नियोजन इकाई द्वारा उनकी सेवा समाप्त कर दी गयी है. निगरानी विभाग द्वारा अररिया नगर थाना में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित होने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत अंक पत्र में साक्षात्कार का 40 अंक दर्ज है. परंतु विश्वविद्यालय के टीआर में दर्ज नहीं है. क्या कहते हैं पीठासीन पदाधिकारी पीठासीन पदाधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक को नोटिस किया गया है. एक बार उपस्थित नहीं होने पर पुन: नोटिस भेजा जायेगा. तीसरी तिथि को निर्णय लिया जायेगा, निर्णय की सूचना उच्च न्यायालय के भेज दी जायेगी. उन्होंने बताया कि जिला परिषद नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी को निर्देशित किया गया है. जब तक वाद की सुनवाई पूर्ण नहीं हो जाती है, तब तक अपीलकर्ता के रिक्त को अक्षुण्ण रखा जाये.

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