48 घंटे तक पड़ा रहा बालिका का अधजला शव बालिका गृह की 13 वर्षीय बच्ची की हुई थी इलाज के दौरान मौत फोटो: 16- शव को देखती नगर थाना की पुलिस प्रतिनिधि, अररिया 48 घंटे तक बालिका गृह की मृत बच्ची का अधजला शव श्मशान में पड़ा रहा. बाद में इसकी जानकारी होने के बाद उसे दोबारा जलाया गया. मिली जानकारी के अनुसार शहर के खरैया बस्ती में संचालित बालिका गृह में रह रही 13 वर्षीय एक बच्ची तालाकुरी मुर्मू पिता पतालो मुर्मू की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी. बच्ची के मौत की सूचना पर पुलिस पदाधिकारी के अलावा जिला प्रशासन की टीम अस्पताल पहुंची. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची के शव को जलाने की जिम्मेवारी बालिका गृह को सौंपी गयी. बालिका गृह के कर्मी शव को जलाने के लिए श्मशान ले गये, लेकिन जल्दबाजी में शव पूरी तरह से जलने के पूर्व ही छोड़ कर चले आये. अधजले शव की खबर पूर्व मुख्य पार्षद स्वीटी दास गुप्ता के पति टिबलू दास गुप्ता को दी गयी. टिबलू दास गुप्ता, वार्ड संख्या 24 के पार्षद प्रतिनिधि छोटू व मो हैदर के द्वारा शव को जलाने के लिए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार को सूचना दी गयी. कार्यपालक पदाधिकारी ने पार्षद से जानकारी ली. उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि मामला बालिका गृह से जुड़ा हुआ है. कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने इस बात की सूचना सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक को दी. सूचना के बाद प्रशासन हरकत में आया. और शव को दोबारा जलाया गया. कौन है तालाकुरी मुर्मू जिले के पलासी थाना क्षेत्र के डेढ़ा बलुआ निवासी 13 वर्ष की नाबालिग तालाकुरी मुर्मू पतालो मुर्मू की पुत्री थी. पांच जून 2015 को किशनगंज बाल कल्याण समिति ने बच्ची को अररिया बालिका गृह को सौंपा था. जानकारी अनुसार तालाकुरी मुर्मू जब दस वर्ष की थी. उसी समय उसके पिता का निधन हो गया. उसकी मां ने दूसरे का साथ शादी रचा ली. तालाकुरी मुर्मू इसके बाद दिघल बैंक के डोरिया निवासी अपने मौसा कुचलू मुर्मू व मौसी फुलमणि मुर्मू के पास रह कर काम करने लगी. इस बीच उसके मामा ने उसे दस हजार रुपये में बेच दिया. बिक चुकी तालाकुरी मुर्मू को उसका खरीदार वर्द्धमान आसाम लेता गया. किसी प्रकार वहां से वह भाग गयी. भाग कर वह किशनगंज पहुंची, जहां उसे बाल कल्याण समिति किशनगंज के हवाले कर दिया गया. कुछ दिनों के बाद तालाकुरी मुर्मू को किशनगंज बाल कल्याण समिति ने अररिया बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. तीन जनवरी को इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी. कहते हैं एसडीपीओ एसडीपीओ मो कासिम ने बताया कि मामले में जो भी कार्रवाई हो सकती थी, की गयी है. इसके बाद की कार्रवाई के लिए एसडीओ व सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. कहते हैं सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक सहायक निदेशक अभय कुमार ने बताया कि पुलिस के द्वारा निर्देश दिया गया था कि धार्मिक रीति रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाये. निर्देश के बाद शव को जलाने की जिम्मेवारी बालिका गृह संचालक को दी गयी, लेकिन शव पूरी तरह नहीं जल पाया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बालिका गृह संचालकों ने लापरवाही बरती है. इनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए कार्रवाई की जायेगी. सहायक निदेशक ने कहा कि जल्द ही यूडी केस दर्ज कराया जायेगा.
48 घंटे तक पड़ा रहा बालिका का अधजला शव
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