डीपीएम मामले में डीएम ने कहा अभी कुछ भी स्पष्ट नहींचल रही है जांचप्रतिनिधि, अररियाजिला स्वास्थ्य विभाग में सर्जिकल उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितता व इस मामले में डीपीएम के कथित संलिप्तता को लेकर आ रही खबरों के बाबत डीएम ने कहा कि अभी किसी बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है. मामले की जांच चल रही है.गुरुवार के प्रेस कांफ्रेंस में डीपीएम-एसीएमओ विवाद को लेकर पूछे गये प्रश्न पर डीएम श्री शर्मा ने कहा कि एसीएमओ ने डीपीएम के खिलाफ शिकायत की थी. उनकी शिकायत थी कि वर्ष 2011 में डीपीएम रेहान अशरफ को मिला प्रोमोशन व आर्थिक लाभ गलत था. दूसरी शिकायत 25 लाख के सर्जिकल उपकरणों के खरीद में अनियमितता के संबंधित थी. दोनों ही मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गयी है. कमेटी में डीआरडीए निदेशक, सीएस व कोषागार पदाधिकारी शामिल हैं. जांच रिपोर्ट अभी नहीं आयी है. लिहाजा किसी सूचना या खबर की पुष्टि नहीं की जा सकती है. अब गुरुजी खोलवायेंगे स्कूली बच्चों का बैंक खाताप्रधानाध्यापकों की बैठक आजपांच लाख बच्चों का खुलना है खाता खातों में जायेगी छात्रवृत्ति की राशिप्रतिनिधि, अररियास्कूली बच्चों के बैंक खाता खोलने में आ रही दिक्कतों को दूर करने का जिला प्रशासन ने एक नायाब तरीका ढूंढ लिया है. अब खाता खोलने में बच्चों या उनके अभिभावकों को बैंक अधिकारियों की मिन्नत नहीं करनी पड़ेगी. बल्कि ये जिम्मा अब विद्यालय के प्रधानाध्यापक उठायेंगे. प्रधान ही बच्चों की पहचान व निवास का प्रमाण पत्र भी देंगे. ये प्रमाण पत्र बैंक में मान्य होगा. ऐसी जानकारी देते हुए गुरुवार को जिला पदाधिकारी ने बताया कि लगभग छह लाख 25 हजार स्कूली बच्चों में से एक लाख का खाता खोला जा सका है. पांच लाख खाता खुलना है. 18 जनवरी तक खाता खुल जाना है, ताकि छात्रवृत्ति की राशि सीधे बच्चों के खातों में भेजी जा सके.उन्होंने कहा कि बैठक में बैंक अधिकारियों ने अपनी समस्याएं रखीं. वहां कर्मियों की कमी है. जिले में लगभग 120 बैंक शाखाएं हैं. ऐसी परिस्थिति में निर्धारित समय तक सामान्य प्रक्रिया के तहत सभी खाता खोलना मुमकिन नहीं है. लिहाजा तय पाया कि इस काम में विद्यालय के प्रधान सहयोग करेंगे. ये भी तय हुआ कि तत्काल स्कूली बच्चे के माता, पिता का बैंक खाता भी मान्य होगा. बाद में बच्चे का खाता खोलना होगा.उन्होंने बताया कि अब विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने स्कूल के उन बच्चों की सूची बनायेंगे जिनका खाता नहीं खुला है. उनकी भी सूची बनेगी जिन मां या पिता के नाम भी कोई खाता नहीं है. ऐसे बच्चों की सूची बना कर वे नजदीकी बैंक से खाता खोलने का फार्म लेकर बच्चों की विवरणी दर्ज करेंगे. निवास व पहचान के लिए प्रधान ही सादा कागज पर अपना मुहर लगा कर प्रमाण पत्र जमा करेंगे. बैंक इसी आधार पर खाता खेलेगा. इसकी तफसील एक्सेल शीट में प्रधानाध्यापक को दे दी जायेगी. पासबुक मिलने में थोड़ा समय लग सकता है.इस संबंध में शुरू की जाने वाली कवायद की जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ फैयाजुर्रहमान ने बताया कि शनिवार को बीआरसी में संबंधित प्रखंड के प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में डीपीओ भी रहेंगे व उसी बैठक में आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों या उनके माता पिता का बैंक खाता नहीं है, उसकी सूची बनायी जायेगी. अभिभावकों के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चे का फोटो व पासबुक उपलब्ध रहने की स्थिति में पासबुक की छाया प्रति प्रधानाध्यापक को 24 घंटे के भीतर दे दें. नये साल ने कराया पर्यावरण में खतरनाक बदलाव का एहसासप्रतिनिधि,अररियातमाम इंतजार के बाद आखिरकार शुक्रवार को अपनी पलकों पर हजारों सपने सजाये नये साल ने अपनी आंखें तो खोल दी. गुरुवार की देर रात से लेकर शुक्रवार के दिन ढले तक जिले वासियों ने नये साल का जश्न भी बड़े धूमधाम से मनाया. कमोबेश ये जश्न किसी बड़े हादसे के बगैर गुजर गया. पर इसी नये साल के पहले दिन ने पर्यावरण में होने वाले उस खतरनाक बदलाव का भी एहसास करा दिया जिसे लेकर दुनिया भी के पर्यावरणविद चिंतित हो रहे हैं.हमेशा की तरह उम्मीद की जा रही थी कि जिले वासी नव वर्ष का स्वागत ठिठुरती ठंड में करेंगे. चहुं ओर कुहासा होगा. पिकनिक स्पॉट तक जाने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. लोगों ने अपनी तैयारी भी इसी अनुसार कर रखी थी. लेकिन हुआ बिल्कुल विपरीत. शुक्रवार को दिन भी न केवल धूप खिली रही बल्कि गर्मी इतनी तेज थी कि एक स्वेटर भी बदन पर बोझ लग रहा था. धूप की तपिश यहां तक पहुंची कि दोपहर के करीब लोग खुले से निकल कर कमरे या अन्य छायादार स्थानों पर चले गये.ऐसे बदलाव ने जिले वासियों को हैरत में डाल दिया है. लोगों का कहना है कि जब शीत लहर चलनी चाहिए, उस समय गर्मी पड़ना ठीक नहीं. इसे लेकर किसान भी चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि ऐसा मौसम रबी के फसल को प्रभावित करेगा. गेहूं की अच्छी फसल के लिए जरूरी है कि आवश्यक ठंड पड़े. गौर तलब है कि बीते साल बरसात के मौसम में भी जिले वासियों ने ऐसे ही बदलाव का सामना किया था. बाढ़ आना तो दूर की बात खरीफ धान के समय तो बारिश ही नहीं हुई थी. किसानों ने अन्य स्रोतों से सिंचाई कर धान की फसल पैदा की थी. अब मौसम के चलते गेहूं पर खतरा पैदा हो सकता है.मौसम में हो रहे इस बदलाव को लेकर जिले के पर्यावरण प्रेमी पिछले काफी समय से चिंतित हैं. उनका मानना है कि मौसम का ये बदलाव खतरे की घंटी है. समय रहते पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी. सरकारी योजनाओं के वित्त पोषण के मामले में बैंकों का रवैया निराशाजनकशिक्षा ऋण की उपलब्धि 12 तो केसीसी की 25 प्रतिशतजिले में बैंकों की कुल शाखाओं की संख्या 12690 हैं कमर्शियल बैंक, यूबीजीबी की 30 शाखाएंप्रतिनिधि, अररियापिछले कुछ वर्षों की तरह बीते साल भी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभुकों को ऋण देने के मामले में जिले में कार्यरत बैंक की शाखाओं का रवैया निराशाजनक ही रहा. खास तौर पर शिक्षा व केसीसी में तो बैंकों की उपलब्धि काफी हद तक खराब रही. इसकी पुष्टि बुधवार को आयोजित डीएलसीसी की बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट से होती है. अग्रणी बैंक कार्यालय द्वारा तैयार व बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2015 के पहले छह माह में लक्ष्य के विरुद्ध केवल 25 प्रतिशत नये किसानों को केसीसी ऋण दिया गया. शिक्षा ऋण की स्थिति तो और अधिक खराब रही. लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि केवल 12 प्रतिशत से कुछ अधिक रही. कमर्शियल बैंक की 90 शाखाओं को कुल 537 शिक्षा ऋण का लक्ष्य था. पर केवल 68 छात्रों को ही ऋण दिया जा सका. यूबीजीबी द्वारा 39 के लक्ष्य के विरुद्ध महज चार को ऋण दिया गया. इसी प्रकार कमर्शियल बैंकों को केसीसी का कुल 25 हजार 543 का लक्ष्य पूरा करना है. पर पहले छह माह में केवल आठ हजार 305 को केसीसी ऋण स्वीकृत किया जा सका है. वैसे जिले को मिले कुल 41 हजार 695 केसीसी लक्ष्य के विरुद्ध पहले छह माह में केवल 10 हजार 441 नये केसीसी ऋण स्वीकृत किये गये. इसी प्रकार मुर्गी पालन, मत्स्य पालन व जीविका आदि में बैंकों की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रही है. रिपोर्ट के मुताबिक पहले छह माह में जीविका के तहत गठित 2126 स्वयं सहायता समूहों में से 1998 समूहों का बैंक खाता तो खुला है. पर पहले छह माह में क्रेडिट लिंकेज केवल 155 समूहों का हो पाया.
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डीपीएम मामले में डीएम ने कहा अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं
डीपीएम मामले में डीएम ने कहा अभी कुछ भी स्पष्ट नहींचल रही है जांचप्रतिनिधि, अररियाजिला स्वास्थ्य विभाग में सर्जिकल उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितता व इस मामले में डीपीएम के कथित संलिप्तता को लेकर आ रही खबरों के बाबत डीएम ने कहा कि अभी किसी बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है. मामले […]
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