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फाईल- 2, अररिया की खबरें. आवंटन के बाद भी बाबा साहब की प्रतिमा का नहीं हुआ स्थान परिवर्तन -पूर्व डीएम के आदेश का नहीं हुआ अनुपालन

फाईल- 2, अररिया की खबरें. आवंटन के बाद भी बाबा साहब की प्रतिमा का नहीं हुआ स्थान परिवर्तन -पूर्व डीएम के आदेश का नहीं हुआ अनुपालन फोटो:2-बस पड़ाव के समीप स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा प्रतिनिधि, अररियाप्रशासन की उदासीनता का गवाह बना हुआ है शहर के बस स्टैंड स्थित एनएच 57 के समीप बना बाबा […]

फाईल- 2, अररिया की खबरें. आवंटन के बाद भी बाबा साहब की प्रतिमा का नहीं हुआ स्थान परिवर्तन -पूर्व डीएम के आदेश का नहीं हुआ अनुपालन फोटो:2-बस पड़ाव के समीप स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा प्रतिनिधि, अररियाप्रशासन की उदासीनता का गवाह बना हुआ है शहर के बस स्टैंड स्थित एनएच 57 के समीप बना बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा स्थल. ज्ञात हो कि रख-रखाव व साफ – सफाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण आंबेडकर मंच के सदस्यों व स्थानीय लोगों के द्वारा प्रशासन से स्थान परिवर्तन की मांग की गयी थी. इस मांग पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन डीएम नरेंद्र कुमार सिंह ने एसडीओ व सीओ को भूमि के चयन का आदेश दिया. भूमि का चयन भी हुआ. आंबेडकर की प्रतिमा को वर्तमान स्थल से हटा कर व एनएच 57 के सर्विस रोड को छोड़ कर पूरब की ओर स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया और इसके लिए जगह का भी चयन कर लिया गया. इसके बाद इस प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए व प्रतिमा के समीप पार्क बनाने के लिए प्राक्कलन भी तैयार हुआ था. एसडीओ, सीओ व राजमार्ग प्राधिकरण के डायरेक्टर की उपस्थिति में अमीन के द्वारा चयनित भूमि की मापी भी की गयी. लेकिन इसे आज तक अमली जामा नहीं पहनाया गया. आज भी बाबा साहब की प्रतिमा उसी स्थान पर है. पहले प्रतिमा के चारों ओर घेराबंदी कर पार्क बनाया गया था. लेकिन समय के साथ पार्क की घेराबंदी के लिए लगाया गया ग्रिल चोरों द्वारा काट लिया गया फिर वहां रोज दिन सब्जी की दुकानें सजने लगीं. साथ ही इस स्थान पर स्थानीय दुकानदारों द्वारा कचरा फेंका जाता है. यही नहीं प्रतिमा स्थल के पास लोग शौच भी करते नहीं चुकते. कब स्थापित हुई थी प्रतिमासंविधान के निर्माता डॉ भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा स्थल का निर्माण तत्कालीन राज्यमंत्री विजय कुमार मंडल के द्वारा दो जून 1992 को कराया गया था. हालांकि उस वक्त यह किसी को पता नहीं था कि केंद्र की महत्वपूर्ण परियोजना इस्ट वेस्ट कॉरीडोर के तहत फोर लेन सड़क का निर्माण इसी प्रतिमा स्थल के समीप से गुजरेगा. स्थान परिवर्तन से जाम की समस्या का होगा निदानयूं कहा जाय तो इस समय डॉ आंबेडकर की प्रतिमा जहां पर है वहां से एनएच 57 की सर्विस रोड निकलती है. लेकिन बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित होने के कारण सर्विस सड़क को ही पूरब दिशा से निकाल दिया गया. इसके कारण रोज दिन वहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. यदि प्रतिमा को वहां से हटा कर पूरब की ओर ले जाया जाता है तो सर्विस सड़क सीधी हो जायेगी और दुर्घटनाओं की आशंका भी समाप्त हो जायेगी. हालांकि जाम की समस्या से निजात पाने के लिए प्रशासन के द्वारा इस सड़क पर ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था हाल के दिनों में किया गया है. लेकिन इससे जाम की समस्या से शहरवासियों को निजात नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही रोजाना लगने वाले जाम से भी शहरवासियों को निजात मिल जायेगी. साथ ही प्रतिमा स्थल के पास यदि पार्क बन जाता है तो शहर की खूबसूरती भी बढ़ जायेगी. स्थल परिवर्तन के लिए राशि है आवंटित अनुसूचित जाति जन जाति कर्मचारी संघ के संयोजक अखिलेश्वर कुमार पासवान ने बताया कि आंबेडकर साहब के प्रतिमा स्थल को परिवर्तित करने के लिए आंबेडकर मंच से जुड़े सदस्यों ने कई बार आवाज उठायी. फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2013-14 में विधायक जाकिर अनवर के द्वारा प्रतिमा स्थल के स्थान परिवर्तन व पार्क नव निर्माण के लिए विधायक योजना मद से एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी थी. इसके बाद तत्कालीन डीएम नरेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर स्थान का चयन कर एसडीओ, सीओ व राजमार्ग प्राधिकरण के डायरेक्टर ने अमीन से मापी करा कर स्थान भी सुनिश्चित कर लिया. लेकिन परिणाम जस का तस है. श्री पासवान के अलावा आंबेडकर मंच के सदस्य रणवीर पासवान, सूर्यानंद पासवान ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाये.

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