बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को मिलते हैं 120 रुपये व पंजाब के कॉलेज के छात्र को मिलते हैं 60 हजार प्रतिनिधि, अररियाटेक्निकल एजुकेशन लेने वाले पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के बिहार के छात्र आखिर बिहार में क्यों पढ़ें. बिहार में पढ़ने वाले छात्रों को अन्य प्रदेशों की तुलना में कम अनुदान मिलता है. बिहार में पढ़ने वाले पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रतिवर्ष 120 रुपये वजीफा मिलता है, जबकि पंजाब जैसे संपन्न प्रदेशों में पढ़ने पर उन्हें 60 हजार रुपये वजीफा मिलता है. इंस्टीट्यूट एक जैसा, पढ़ाई एक जैसी, सिलेबस एक, फिर भी अनुदान की राशि में इतना अंतर है कि बिहार के छात्र बिहार के टेक्निकल इंस्टीट्यूट में नहीं पड़ना चाहते. बिहार सरकार हर प्रांत के सरकारी कॉलेजों में निर्धारित की गयी फिस के अनुरूप अनुदान देती है. बिहार के सरकारी कॉलेजों के लिए न्यूनतम अनुदान निर्धारित की गयी है. दो तरह के नुकसानबिहार के छात्रों के बाहर जाने से दो तरह का नुकसान हो रहा है. पहला तो यह कि बिहार का पैसा बाहर जा रहा है दूसरा यह कि यहां के छात्रों के दूसरे प्रदेशों में जाने से यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों को छात्र नहीं मिल रहे हैं. बिहार में अनुदान की राशि कम मिलने के कारण बिहार के गरीब तबकों के छात्र बिहार में टेक्निकल कॉलेजों में नामांकन कराने से कतराते हैं. क्योंकि सरकारी मदद उन्हें नाम मात्र ही मिलती है,जबकि हर साल करोड़ों रुपये बिहार से बाहर पढ़ने वाले छात्रों को अनुदान के रूप में बाहर भेजा जाता है. बिहार में एक तो बीटेक के लिए सरकारी कॉलेज भी कम है. बिहार में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की कुल संख्या 14 है जबकि 17 कॉलेज प्राइवेट हैं. जानकारों के अनुसार इनमें से अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में से कुल 53 प्रतिशत सीटें सेशन 15-16 में खाली रह गयी. इसकी एक बड़ी वजह पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाले सरकारी अनुदान राशि में बड़ा अंतर भी बताया जाता है. इसके अलावा बिहार में मौजूद प्राइवेट कॉलेजों के छात्रों को बैंक शिक्षा ऋण देने से कतराती हैं. हालांकि ये सभी एआइसीटी से अनुमोदित हैं. टेक्निकल कॉलेज खोलने की घोषणासरकार रोज नये टेक्निकल कॉलेजों के खोलने की घोषणा करती है. लेकिन दूसरी ओर इंजीनियरिंग कॉलेजों में पड़ने वाले छात्रों को मिलने वाली अनुदान राशि का निर्धारण नहीं करती. यदि अन्य प्रदेशों की तरह बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को भी अन्य प्रांतों के कॉलेजों की तरह अनुदान राशि दे तो बिहार के छात्र आखिर बिहार को छोड़ कर अन्य प्रदेशों का रुख क्यों करें. खास बातें प्रदेश® मिलने वाला सरकारी अनुदान बिहार®120 पंजाब®60,000हरिया®30,000झारखंड®21,000मेघालय®50,000उत्तर प्रदेश®40,000कहते हैं कॉलेज के चेयरमैन इस संबंध में फारबिसगंज स्थित एमबीआइटी इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन अमित दास ने कहा कि बिहार सरकार को अपने इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को दिये जाने वाले अनुदान की राशि का पुनर्निर्धारण करना चाहिए. इसके दो लाभ होंगे. एक तो बिहार का पैसा बिहार में खर्च होगा दूसरा यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों को छात्र भी पर्याप्त मिलेंगे. ऐसे में इंजीनियरिंग कॉलेज सहित अन्य टेक्निकल कॉलेज खोलने वाले लोग इस ओर आकर्षित हो सकते हैं. अन्यथा कोई भी संचालक बिहार में अपना पैसा क्यों वेस्ट करेगा.
बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को मिलते हैं 120 रुपये व पंजाब के कॉलेज के छात्र को मिलते हैं 60 हजार
बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को मिलते हैं 120 रुपये व पंजाब के कॉलेज के छात्र को मिलते हैं 60 हजार प्रतिनिधि, अररियाटेक्निकल एजुकेशन लेने वाले पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के बिहार के छात्र आखिर बिहार में क्यों पढ़ें. बिहार में पढ़ने वाले छात्रों को अन्य प्रदेशों की तुलना में कम अनुदान मिलता […]
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