मौसम शुरू होते ही ऊनी वस्त्रों की खरीदारी के लिए मचने लगी होड़ छोटे बड़े चौक चौराहों पर सज चुकी है ऊनी वस्त्रों की दुकानें ऊनी वस्त्रों का है जिले में रोजाना लाखों का कारोबार फोटो:8 से 11 तक प्रतिनिधि, अररिया ठंढ का मौसम शुरू होते ही हर साल ऊनी कपड़ों के विक्रेताओं की बल्ले बल्ले हो जाती है. ऐसा ही नजारा इस बार भी शहर के बाजारों में दिख रहा है. जिले में जैसे जैसे पारा नीचे लुढ़कता जा रहा है. जिले भर के छोटे बड़े बाजारों में ऊनी कपड़ों की खरीदारी की होड़ मचती जा रही है. ऊनी वस्त्रों के कई बड़ी बड़ी दुकानें शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर सज चुकी हैं. वहीं फुटपाथों पर भी दर्जनों दुकानें सस्ते ऊनी वस्त्र बेच रहे हैं. वहां भी खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ दिखती है. ऊनी कपड़ों का रोजाना है लाखों का कारोबार जिले में ऊनी वस्त्रों की खरीदारी के लिए बगल के जिले कटिहार, पूर्णिया व सिलिगुड़ी के बाजारों की ओर रुख करने वाले ग्राहकों की बड़ी तादाद है. इसके बाद भी स्थानीय बाजार में ऊनी कपड़ों का व्यवसाय फल-फूल रहा है. अकेले मुख्यालय के बाजार में ही ऊनी वस्त्रों के पांच लाख से ज्यादा के कारोबार का अनुमान है. इस लिहाज से जिले में प्रति दिन ऊनी कपड़ों का करीब 20 लाख के कारोबार होने की बात जानकार बताते हैं. एक व्यवसायी ने बताया कि कारोबार के लिहाज से अमूमन 15 फरवरी तक के समय को अनुकूल माना जाता है. आमतौर पर लोग इसके बाद ऊनी कपड़ों की खरीदारी नहीं करते हैं.ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है शहर में लगा उलेन मेला मुख्य बाजार सहित अमूमन जिले के सभी बाजारों में ऊनी कपड़ों के स्थायी दुकानदारों की भरमार है. इसके बाद भी खरीददारों को शहर में लगा ऊनी मेला खासा आकर्षित कर रहा है. गौरतलब है कि लुधियाना उलेन मेला, काशमिरी उलेन मेला सहित ऐसे ही कई नामों से शहर में लगे ऊनी कपड़ों के स्टॉल पर खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट रही है. ऊनी कपड़ों के विशाल रेंज व हर तरह के उत्पाद एक ही जगह उपलब्ध होने के खासियत की वजह से यह ग्राहकों को अपनी और आकर्षित कर रहा है. स्टाइलिश जैकेट और जयपूरी रजाई की मांग ज्यादाऊनी कपड़ों की बिक्री के लिए लगे दुकानों में वैसे तो स्वेटर, जैकेट, शॉल, कार्डिगन डिजायनर स्वेटर व कंबल की खास किस्में मौजूद हैं. लेकिन स्टाइलिश जैकेट व जयपूरी रजाई के खरीदारी के प्रति लोगों की खास दिलचस्पी दिखती है. बाजार में जैकेट जहां हजार रुपये से लेकर तीन हजार रुपये मूल्य तक के उपलब्ध हैं. तो वहीं जयपूरी रजाई दो हजार रुपये से लेकर पांच हजार तक के मूल्य के रजाई आसानी से उपलब्ध हैं. हर वर्ग के लोगों के लिए है बाजार ठंड आते ही जहां ब्रांडेड कपड़ों का बाजार गर्म है वहीं गरीब तबकों के लिए फेरी वालों की शहर में भरमार है. हर चौक चौराहे पर इस तरह की दुकानें सजी हैं. यहां तक रजाई और कंबल में पोलो कपड़े के रजाई और कंबल भी इस बार बाजार में खूब आये हैं. हर तबके के लोगों के पहुंच के भीतर इनकी कीमत है. ऊनी वस्त्र – दाम कोरियन कंबल- 1050 रुपये से 3500 रुपये तकजयपुरी रजाई- 1050 रुपये से 3000 रुपये तकस्वेटर लेडिज- 125 रुपये से 3500 रुपये तकस्वेटर जैंट्स- 170 रुपये से 2000 रुपये तकजैकेट- 1000 रुपये से 3500 रुपये तकऊनी वस्त्र विक्रेता धमेंद्र बोथरा के मुताबिक जिले में ऊनी कपड़ों का बड़ा व्यवसाय है. आमतौर पर अभी जिले में ठंढ थोड़ी कम पड़ रही है. जैसे ही ठंड में तेजी आयेगी तो व्यवसाय में भी इजाफा होगा. ऊनी कपड़ों का बड़ा बाजार होने के कारण यहां व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा भी ज्यादा है. जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद है. ग्राहकों को उचित कीमत पर अच्छे ऊनी वस्त्र उपलब्ध हो पा रहे हैं.
मौसम शुरू होते ही ऊनी वस्त्रों की खरीदारी के लिए मचने लगी होड़
मौसम शुरू होते ही ऊनी वस्त्रों की खरीदारी के लिए मचने लगी होड़ छोटे बड़े चौक चौराहों पर सज चुकी है ऊनी वस्त्रों की दुकानें ऊनी वस्त्रों का है जिले में रोजाना लाखों का कारोबार फोटो:8 से 11 तक प्रतिनिधि, अररिया ठंढ का मौसम शुरू होते ही हर साल ऊनी कपड़ों के विक्रेताओं की बल्ले […]
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