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मां आमी आसछी आज भी माता पिता के कानों में गूंज रहे यह शब्द

मां आमी आसछी आज भी माता पिता के कानों में गूंज रहे यह शब्द पिछले दिनों हुई थी स्कूली वैन व ट्रक की टक्कर फोटो 5 केएसएन 3गमगीन मां व पिता को ढांढस बंधाते परिजन प्रतिनिधि किशनगंजमां आमी आसछी, बाबा आसछी, गुरुवार को सड़क दुर्घटना में मारे गये बच्चों के ये आखिरी शब्द आज भी […]

मां आमी आसछी आज भी माता पिता के कानों में गूंज रहे यह शब्द पिछले दिनों हुई थी स्कूली वैन व ट्रक की टक्कर फोटो 5 केएसएन 3गमगीन मां व पिता को ढांढस बंधाते परिजन प्रतिनिधि किशनगंजमां आमी आसछी, बाबा आसछी, गुरुवार को सड़क दुर्घटना में मारे गये बच्चों के ये आखिरी शब्द आज भी परिजनों के कानों में गूंज रहे है. स्कूल जाने से पूर्व के वाकिये को याद कर फूट फूट कर रोते हुए चाकुलिया ललितपुर निवासी दवा विक्रेता नीलांबर दास ने बताया कि अपने इकलौते बच्चे को अच्छी शिक्षा देने व पढ़ा लिखा कर अच्छा इंसान बनाने की तमन्ना के कारण परिवार को गांव से ले आया था. उन्होंने बताया कि बच्चे को स्कूल आने जाने में हो रही कठिनाइयों के कारण इस हफ्ते नयी छोटी गाड़ी खरीदने की इच्छा थी. क्योंकि स्कूल से लौट कर आने के बाद अक्सर बेटा बोलेरो चालक द्वारा तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की शिकायत किया करता था. उन्होंने रूंधे गले से बताया कि काश मैं यह फैसला कुछ दिन पूर्व ही कर लिया होता तो आज मेरा लाल जिंदा होता. उन्होंने बताया कि घटना में मारे गये एक अन्य छात्र अर्णव भी उनका नजदीकी रिश्तेदार था. अर्णव के माता-पिता चाकुलिया में सरकारी नौकरी करते है. जबकि उनका पैतृक स्थान पश्चिम बंगाल के कलियागंज में है. वहीं मृतक छात्र शाही अदनान के पिता एहबाड़ अहमद ने बताया कि वे स्वयं पेशे से स्कूल टीचर है. चाकुलिया व आस पड़ोस के इलाके में एक भी ढंग का इंग्लिश मीडियम स्कूल न होने के कारण उसका नामांकन किशनगंज स्थित सेंट जेवियर स्कूल में करना पड़ा था. वहीं घटना के दिन के वाकये को याद कर फूट-फूट कर रोते हुए श्री अहमद ने बताया कि अदनान स्कूल जाने में अक्सर आनाकानी किया करता था. परंतु घटना के दिन वह प्रात: काल ही स्कूल जाने के लिए तैयार हो गया था. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन उसकी मां उसे तैयार करती थी. गुरुवार को उन्होंने स्वयं उसे तैयार किया था और गाड़ी तक छोड़ने भी गया था. वहीं एक अन्य मृतक छात्र गोपाल सरकार की मां अनु सरकार की स्थिति बेटे के गम में पागलों जैसी हो गयी थी. उन्होंने रोते हुए बताया कि अगर मेरे बेटे को ससमय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो जाती, तो शायद आज वह जिंदा होता. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा घटना की जानकारी दिये जाते ही चाकुलिया थाना को भी घटना से अवगत करा दिया गया था. परंतु सात किमी की दूरी तय करने में पश्चिम बंगाल पुलिस को 2 घंटा से भी अधिक समय लग गया. हालांकि उन्होंने बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों के अविलंब घटना स्थल पर पहुंच जाने व आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ कर दिये जाने को ले उन्हें धन्यवाद भी दिया. संवेदना व्यक्त करने के उद्देश्य से चाकुलिया बाजार विगत दो दिनों से बंद है. इलाके के स्कूली बच्चों द्वारा कैंडिल मार्च निकाला जा रहा है. बताते चले कि मृतक अधिकांश बच्चों की माताएं आंगनबाड़ी सेविका के पद पर कार्यरत है तथा अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिये जाने के उद्देश्य से उन लोगों ने चाकुलिया बाजार में अपना मकान बना लिया था.

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