बुजुर्ग पेंशनरों को ऋण देने आगे आया एसबीआइमुख्य शाखा में लगा ऋण मेला प्रतिनिधि, अररियाअब पेंशन धारक बुजुर्गों को भी ऋण देने के लिए एसबीआइ ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है. पेंशन धारकों को एसबीआइ पेंशन ऋण योजना के तहत कर्ज देता है. इसी योजना के प्रति पेंशन धारकों को जागरूक करने के लिए शुक्रवार को मुख्य शाखा परिसर में बैंक द्वारा ऋण मेला लगा कर जानकारी दी गयी.जानकारी देते हुए शाखा के मुख्य प्रबंधक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि पेंशन ऋण योजना पुरानी योजना है, पर इसमें कुछ नये आयाम जुड़े हैं. बताया गया कि मेला में तीन दर्जन से अधिक पेंशन धारक बुजुर्ग शामिल हुए. उन्हें ऋण लेने के नियम कानून व आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी गयी. बताया गया कि योजना के तहत पेंशन धारकों को अधिकतम 18 माह के पेंशन के बराबर ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान है.मुख्य प्रबंधक ने बताया कि योजना के तहत ऋण मेला में कुल 36 लाख 50 हजार ऋण के लिए 25 आवेदन जेनरेट किये गये. इन में से कुल पांच लाख के तीन आवेदन के विरुद्ध ऋण विमुक्त भी किया गया. इस अवसर पर बैंक के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.एमएसडीपी योजना का हाल: पांच साल में भी शत प्रतिशत पूरी नहीं हुई योजनाएं33 उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए नहीं उपलब्ध हो पाया है जमीनलंबित योजनाओं को जल्द पूरा करें कार्यकारी एजेंसी योजनाओं की होगी नियमित मॉनीटरिंगप्रतिनिधि, अररियाएमएसडीपी के तहत जिले में ली गयी निर्माण योजनाओं का हाल बहुत बेहतर नहीं है. निर्माण कछुआ की गति से हो रहा है. आलम ये है कि पिछले पांच सालों में शत-प्रतिशत पूरी नहीं हो पायी हैं. 33 स्वास्थ्य उन केंद्रों के लिए तो अभी जमीन की उपलब्धता का मसला ही हल नहीं हो पाया है. ऐसा खुलासा गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में हुआ. बताया जाता है कि स्थिति पर नाराजगी जताते हुए डीएम हिमांशु शर्मा ने सभी लंबित योजनाओं को जल्द पूरा करने का निर्देश कार्यकारी एजेंसियों को दिया. मिली जानकारी के अनुसार समीक्षा बैठक में एमएसडीपी के तहत स्वास्थ्य उप केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य, स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष, पहुंच पथ व छात्रावास निर्माण योजनाओं की समीक्षा डीएम ने अपने कार्यालय कक्ष में अधिकारियों के साथ की. जानकारी के मुताबिक ये सभी 11 पंच वर्षीय योजनाएं हैं. बताया जाता है कि अधिकांश योजनाओं के लिए वर्ष 2010 में कार्यादेश निर्गत कर दिया गया था. बताया जाता है कि करार के अनुसार 2013 तक योजनाएं पूरी हो जानी चाहिए थी. पर अब वर्ष 2015 में भी बहुत सारी योजनाएं पूरी नहीं हो पायी हैं. बताया जाता है कि 69 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल 32 ही पूरी हो पायी हैं. 33 के लिए जमीन की समस्या बनी हुई है. बाकी चार पर काम चल रहा है. इसी प्रकार 24 अतिरिक्त पीएचसी में से केवल 16 का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है. चार छात्रावासों में से एक अब भी अपूर्ण है. आइटीआइ में बालिका छात्रावास का काम पूरा हो चुका है. बताया जाता है वर्ग कक्ष निर्माण व आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण की भी कुछ योजनाएं अब भी अपूर्ण हैं. पूछे जाने पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मो रिजवान अहमद ने बताया कि बैठक में डीएम ने अपूर्ण योजनाओं को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि जमीन की उपलब्धता के लिए अंचलाधिकारियों को सूची उपलब्ध कराते हुए जमीन की व्यवस्था का निर्देश डीएम ने दिया है. बताया गया कि डीएम ने कहा कि पूर्ण योजनाओं की जांच अधिकारी करेंगे. साथ ही निर्माणाधीन योजनाओं की सख्त मॉनीटरिंग भी की जायेगी.जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ने बताया जरूरत पड़ने पर कार्यकारी एजेंसी राशि के लिए अधियाचना कर सकते हैं. पर डीएम का निर्देश है कि अधियाचना के साथ पूर्व में खर्च की गयी राशि के एवज उपयोगिता प्रमाण पत्र, अभिप्रमाणित फोटो, एमबी की छाया प्रति व गुणवत्ता प्रमाण पत्र आदि देना होगा.बैठक में डीडीसी अरशद अजीज, शिक्षा विभाग के डीपीओ मनोज कुमार व आरिफ हुसैन के अलावा एलइओ के सहायक अभियंता आदि भी मौजूद थे. हालात-69 की जगह 32 उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का हुआ है निर्माण08 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन भी है अपूर्णएक छात्रावास भी बनना है बाकी
बुजुर्ग पेंशनरों को ऋण देने आगे आया एसबीआइ
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