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लक्ष्य से ज्यादा आच्छादन के बाद भी धान के बेहतर उत्पादन को लेकर संशय

अररिया : जिले में लक्ष्य से ज्यादा धान की रोपाई के बाद भी बेहतर उत्पादन को लेकर संशय व्याप्त है. उम्मीद यही की जा रही है कि मौसम की मार के चलते पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार धान की उत्पादन में कमी आ सकती है. जिला कृषि विभाग के अधिकारी भी उपज […]

अररिया : जिले में लक्ष्य से ज्यादा धान की रोपाई के बाद भी बेहतर उत्पादन को लेकर संशय व्याप्त है. उम्मीद यही की जा रही है कि मौसम की मार के चलते पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार धान की उत्पादन में कमी आ सकती है. जिला कृषि विभाग के अधिकारी भी उपज घटने की आशंका से इनकार नहीं करते.

गौरतलब है कि इस बार जिले में निर्धारित लक्ष्य से 3,105 हेक्टेयर ज्यादा भूभाग पर धान की रोपाई की गयी. राज्य सरकार से जिले को 93 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ था. आच्छादन के बेहतर आंकड़ों को देख कर इस बार जिले में धान के बेहतर पैदावार की उम्मीद थी. लेकिन खरीफ मौसम के अंतिम दिनों में जिले में हुई मूसलाधार बारिश व कुछ प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बेहतर उत्पादन के इस उम्मीद को गहरा धक्का पहुंचा है.

प्रखंडों की स्थिति बेहतर धान रोपनी के मामले में जिले के नौ प्रखंडों में अररिया प्रखंड को छोड़ कर अन्य प्रखंडों की स्थिति बेहतर रही है. अररिया एक मात्र ऐसा प्रखंड हैं, जो धान आच्छादन मामले में अपने निर्धारित लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर सका. मालूम हो कि प्रखंड के 8,545 हेक्टेयर भूमि पर धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित था.

इसमें महज 7,740 हेक्टेयर भूमि पर ही धान के पौधों की रोपनी की जा सकी. धान आच्छादन के लक्ष्य को रानीगंज प्रखंड में भी पूरा नहीं किया जा सका. 12,953 हेक्टेयर आच्छादन के लक्ष्य की तुलना में महज 11,323 हेक्टेयर भूमि पर ही धान के पौधों का आच्छादन किया जा सका. इसके अलावा पलासी, कुर्साकांटा, सिकटी, जोकीहाट, भरगामा व उत्पादन में बढ़ोतरी की थी उम्मीद जिले में धान उत्पादन का औसत प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल रहा है.

इस लिहाज से धान आच्छादित कुल 96,105 हेक्टेयर भू भाग में से करीब 38,442 मीट्रिक टन धान उत्पादन का अनुमान था. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो मौसम की सामान्य दशा में प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पांच से सात क्विंटल तक का इजाफा संभव है. उनकी राय में नयी तकनीकों के प्रयोग और जैविक खाद्य के प्रति किसानों का बढ़ता आकर्षण उत्पादन के बेहतर नतीजों के रूप में सामने आ सकते हैं.

उम्मीद को लगा धक्का जिले में धान आच्छादन के बेहतर नतीजे के बाद भी फसल तैयारी के दौरान जिले में हुई मूसलाधार बारिश व कुछ अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण धान के बेहतर उत्पादन की उम्मीदों को गहरा धक्का पहुंचा है. मालूम हो कि बीते सप्ताह जिले के हुई बारिश ने धान के पौधों को गंभीर क्षति पहुंचायी है. बारिश के कारण रानीगंज के धामा में नहर का बांध टूट गया. इससे नहर का पानी आस-पास के इलाकों में फैल गया. घटना में करीब 200 एकड़ में लगी धान की फसल बरबाद होने की बात बतायी जाती है. किसानों की मानें तो बारिश के कारण खेत में लगे धान के फसल खेतों में गिर गये.

तैयारी के लिए खलिहानों में रखा धान का पत्तन भी बारिश के पानी से भीग कर सड़ गया. हालांकि बारिश से हुए नुकसान का कोई निश्चित आंकड़ा कृषि विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं. लेकिन उत्पादन में गिरावट आने की बात से कृषि अधिकारी भी इनकार नहीं कर रहे हैं.

कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारीडीएओ इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बारिश से कहीं ज्यादा फसल का नुकसान बांध टूटने की वजह से हुआ है. बारिश के बाद जिले का मौसम लगातार साफ रहा है. इससे बहुत हद तक फसल को क्षति होने से बचाया जा सका. बांध टूटने के मामले में दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिला कृषि विभाग प्रभावित किसानों को जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास में लगा है.

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