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जरा संभल कर मिठाई की करें खरीद

अररिया : मिठाई खरीद रहे हैं तो जरा संभल कर खरीदें, बाजार में नकली मिठाइयों की बिक्री भी धड़ल्ले से जारी है. मिठाई दुकानों में बिक रही सभी मिठाइयां अच्छी नहीं है. नवमी व दशमी को भक्त मां दुर्गा को मिठाई चढ़ाने के लिए धड़ल्ले से मिठाई की खरीद करते हैं. लेकिन इस दौरान सावधान […]

अररिया : मिठाई खरीद रहे हैं तो जरा संभल कर खरीदें, बाजार में नकली मिठाइयों की बिक्री भी धड़ल्ले से जारी है. मिठाई दुकानों में बिक रही सभी मिठाइयां अच्छी नहीं है. नवमी व दशमी को भक्त मां दुर्गा को मिठाई चढ़ाने के लिए धड़ल्ले से मिठाई की खरीद करते हैं.

लेकिन इस दौरान सावधान रहने की जरूरत है. इस संबंध में एक मिठाई दुकानदार ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि बाजार में बिक रही मिठाई में बाहरी राज्यों से लाये गये केमिकल युक्त मावा का उपयोग किया जा रहा है. बुंदिया भी मंगाया जा रहा है अन्य राज्यों सेभक्त अगर मां दुर्गा को मिठाई चढ़ाना चाहते हैं, तो उनकी पहली पसंद मोदक अर्थात लड्डू होती है. लड्डू का निर्माण मुख्यत: बेसन से बने बुंदिया से किया जाता है,

लेकिन अब दुकानदारी की मार व कारीगर की कमी ने लोगों को बेसन से बने बुंदिया के स्वाद से भी महरूम कर दिया है. बाजार के अधिकांश मिठाई दुकानों में बिक रही बुंदिया को एक- एक महीना पहले मंगाया जाता है. उसी बाहर से मंगाये गये बुंदिया से दुकानदार अपने कारीगर के द्वारा लड्डू बनवाते हैं. मलाई व छेना की मिठाई भी नहीं है महफूज लोग अगर यह सोच रहे हैं कि मिठाई दुकानदार उन्हें मलाईदार व छेना की बनी मिठाई खिला रहे हैं तो वे इस भ्रम में भी नहीं रहे.

बाजार में बिक रहे मिल्क केक, बर्फी, कलाकंद, चमचम, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, डोडा बर्फी आदि मिठाइ या तो बाहर से आ रही है या फिर आयातित मावा से तैयार हो रही है. ऐसी मिठाई हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. छेना की मात्रा अगर शुद्ध रूप से दी जाये तो बाजार में बिकने वाली मिठाइयों के दर में स्वत: बढ़ोतरी हो जायेगी.

इसलिए सावधानी के साथ भरोसे मंद दुकान से ही शुद्ध मिठाई की खरीद करें. मिठाई दुकानदार ने बताया कि शुद्ध मिठाई का दाम निकालना मुश्किल है. एक किलो मावा निकालने के लिए तीन सौ रुपये खर्च आता है. फिर चीनी व कारीगर का खर्च अलग है, जबकि बाजार में ढाई सौ से तीन सौ रुपये तक प्रति किलो मावा की मिठाई मिल जाती है.

भरोसेमंद दुकान से करें मिठाई की खरीदमिठाई की खरीद करने के लिए सही दुकान का चयन करें. दुकानदार को यह अवश्य कह दें कि वह चीज अच्छी दे और स्थानीय बाजार में बनी हुई दे. बाहरी से आने वाली बुंदिया कड़ी होती है, जबकि बेसन से बनी स्थानीय बुंदिया मुलायम होती है. मावा की पहचान भी चखने के बाद हो जाती है.

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