धीमी गति से चल रहा है फारबिसगंज-सहरसा आमान परिवर्तन का कार्य फारबिसगंज रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म संख्या तीन के समीप घने जंगल से यात्री परेशान आमान परिवर्तन नहीं होने से प्लेटफॉर्म संख्या दो पर उगा जंगल फोटो:5 व 6-फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उग आया जंगल कलीमुद्दीन, फारबिसगंज फारबिसगंज-सहरसा रेल खंड पर विगत 20 जनवरी 2012 से राघोपुर तक ट्रेन बंद कर मेगा ब्लॉक लगाते हुए आमान परिवर्तन का कार्य प्रारंभ किया गया था. मेगा ब्लॉक लगने के चार वर्ष बीतने को है मगर अब तक आमान परिवर्तन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. आमान परिवर्तन कार्य करने में लगी एजेंसियों को सुस्ती के कारण फारबिसगंज रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म संख्या तीन व प्लेटफॉर्म के पश्चिमी भाग में कूड़े-कचरा ही नहीं घने जंगलों का अंबार हो गया है. जिस कारण यात्रियों को प्लेटफॉर्म के पश्चिम ओर बस स्टैंड बस पकड़ने के लिए जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्लेटफॉर्म संख्या तीन के जीर्णोद्धार व साफ-सफाई के प्रति न तो एनएफ रेलवे ने तो पूर्व मध्य रेलवे ही ध्यान दे रही है. रेलवे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक फारबिसगंज-सहरसा रेल खंड के राघोपुर तक मेगा ब्लॉक लगने के बाद आमान परिवर्तन कार्य डेलको इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी कर रही है. बताया जाता है कि कुल 70 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सरायगढ़ तक मात्र 40 प्रतिशत काम ही अभी हो पाया है. जबकि 60 प्रतिशत काम अभी बाकी है. 18 छोटे पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. मगर बड़े पुलों में से सात पुलों का निर्माण होना अभी बाकी है. नरपतगंज रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य तथा इस रेल खंड पर मिट्टी भराई का कार्य जारी है. जबकि राघोपुर से सहरसा तक ट्रेन चल रही है. मगर आमान परिवर्तन कार्य के लिए मिट्टी भराई का काम भी चल रहा है. राघोपुर तक बड़ी नदी व नहर पर मात्र तीन बड़े पुल ही बन पाये हैं. फारबिसगंज-सहरसा रेल खंड पर आमान परिवर्तन कार्य के संदर्भ में पूर्व मध्य रेलवे अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने नाम छापने की शर्त पर बताया कि इस रेल खंड पर आमान परिवर्तन का कार्य जून 2016 तक पूर्ण कर लिये जाने की योजना है. मगर कार्य जिस कच्छप गति से चल रहा है शायद यह मुमकिन नहीं है. उन्होंने बताया कि मेगा ब्लॉक लगने के बाद डेलको इंफ्रास्ट्रक्चर नामक कंपनी काम कर रही थी. मगर कार्य के गति धीमी होने के कारण ललित ग्राम, राघोपुर, प्रतापगंज सहित अन्य स्टेशनों के निर्माण कार्य के लिए बागमती कंस्ट्रक्शन को व ललित ग्राम से सरायगढ़ तक बड़े पुलों के निर्माण का काम मेसर्स आरएस झा कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम दिया गया है. जबकि डेलको कंपनी भी अपना काम कर रही है. बताया कि शीघ्र ही राघोपुर से था बिटिया तक मेगा ब्लॉक लग सकता है. जहां तक रेलवे ट्रैक की बात है तो ललित ग्राम तक का ट्रैक गिर चुका है. आमान परिवर्तन पूरा होने में हो रहे विलंब से फारबिसगंज से सहरसा की ओर जाने वाले यात्रियों को बस ही एक मात्र सहारा है. जहां यात्रियों का न केवल आर्थिक दोहन हो रहा है बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप से भी यात्री परेशान होते हैं. समय की भी बरबादी होती है. यदि ट्रेन सेवा प्रारंभ होता है तो यात्री सहरसा 113 किलोमीटर महज 25 से 30 रुपये में आराम के साथ पहुंच जाते हैं. वैसे अभी बस में किराया भी अधिक देना पड़ता है. बस से यात्रा करने पर सहरसा का किराया 100 रुपये, नरपतगंज 15 रुपये, राघोपुर 50 रुपये, प्रतापगंज 40 रुपये किराया यात्री को देना पड़ता है. कहते हैं समस्तीपुर के डीआरएमआमान परिवर्तन के धीमी गति के मामले में समस्तीपुर के डीआरएम सुधांशु शर्मा ने बताया कि आमान परिवर्तन का कार्य जारी है. जल्दी ही इसे पूरा करा लिया जायेगा.
धीमी गति से चल रहा है फारबिसगंज-सहरसा आमान परिवर्तन का कार्य
धीमी गति से चल रहा है फारबिसगंज-सहरसा आमान परिवर्तन का कार्य फारबिसगंज रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म संख्या तीन के समीप घने जंगल से यात्री परेशान आमान परिवर्तन नहीं होने से प्लेटफॉर्म संख्या दो पर उगा जंगल फोटो:5 व 6-फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उग आया जंगल कलीमुद्दीन, फारबिसगंज फारबिसगंज-सहरसा रेल खंड पर विगत 20 […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement