पीओ के प्रतिनिधि ने लिया मजदूरों का आवेदन
अररिया: प्रखंड परिसर स्थित मनरेगा कार्यालय में सोमवार को उस वक्त तनाव का माहौल दिखा. जब प्रखंड के करीब 11 पंचायत के लोग मनरेगा योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता नहीं दिये जाने को लेकर अपना विरोध जताने लगे. जमुआ, चातर, किस्मत खवासपुर, भोजपुर, साहसमल, शरणपुर, गैयारी, बनगामा, रामपुर कोदरकट्टी, हयातपुर व चंद्रदेई पंचायत के दर्जनों मजदूर काम नहीं तो भत्ता देने, हमारे अधिकारों से मनमानी नहीं चलेगी जैसे नारे कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगा कर अपना विरोध जता रहे थे. मजदूरों का कहना था कि वित्तीय वर्ष 2012-13 व 2013-14 में उनके द्वारा 100 दिनों का काम मांगा गया. इसके बावजूद उन्हें महज 20 से 25 दिनों का काम ही उपलब्ध करवाया गया. 100 दिनों का काम उपलब्ध नहीं करवाने के एवज में इतने दिनों के बेरोजगारी भत्ता की मांग मजदूर कर रहे थे. मजदूरों का विरोध इस बात से भी था कि उनके द्वारा बेरोजगारी भत्ता संबंधी आवेदन कार्यालय में जमा किये जाने की लिखित सूचना मनरेगा पीओ दिलीप कुमार को पूर्व में दी जा चुकी थी, बावजूद इसके वे कार्यालय से अनुपस्थित थे. मजदूरों द्वारा संबंधित सूचना पूर्व में ही डीडीसी अररिया को भी दिये जाने की बात बतायी गयी. मजदूरों का आवेदन पीओ के प्रतिनिधि द्वारा लिया गया. मजदूरों का नेतृत्व कर रहे एक गैर सरकारी संस्थान के सचिव रंजीत पासवान ने बताया कि आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. मजदूरों के आवेदन पर एक माह के भीतर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो एमआइएस स्टेटस के आधार पर मजदूर अपने हक के लिए डीडीसी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे. विरोध कर रहे मजदूर मो ताहीर, कृत्यानंद ठाकुर, मो मोफील, रेहान आलम, तनवीर आलम, उपेंद्र ऋषिदेव, महेंद्र ऋषिदेव, रहीम, मेहरूण निशां, दुर्गानंद मंडल ने काम मांगे जाने के बावजूद काम उपलब्ध नहीं होने के लिए क्षेत्र के पीआरएस व जन प्रतिनिधियों की मिलीभगत को जिम्मेदार बताया.