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तीस प्रतिशत किसान अब भी वंचित

फसल क्षति अनुदान : जिले में स्वीकृत लाभुक किसानों की संख्या 51 हजार 535 पंकज झा, अररिया फसल क्षति अनुदान का लाभ किसानों को उपलब्ध कराने में विभाग का सुस्त रवैया अब भी कायम है. क्षेत्र के सैकड़ों किसान अब भी अनुदान राशि से वंचित हैं. ऐसे किसान लाभ के लिए बैंक व कृषि कार्यालय […]

फसल क्षति अनुदान : जिले में स्वीकृत लाभुक किसानों की संख्या 51 हजार 535
पंकज झा, अररिया
फसल क्षति अनुदान का लाभ किसानों को उपलब्ध कराने में विभाग का सुस्त रवैया अब भी कायम है. क्षेत्र के सैकड़ों किसान अब भी अनुदान राशि से वंचित हैं. ऐसे किसान लाभ के लिए बैंक व कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. विभागीय आंकड़ें जो भी हों, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक जिले में 30 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जिन्हें अब तक अनुदान का लाभ नहीं मिल पाया है.
वहीं जिला कृषि विभाग के अधिकारी भी इसको खारिज नहीं कर रहे हैं.बताया जाता है कि विभाग द्वारा कृषकों को अनुदान मुहैया कराने में बैंक का रवैया भी निराशाजनक है.
48 हजार 548 किसानों का एडवाइस भेज चुका है बैंक
फसल क्षति अनुदान के लिए जिले में स्वीकृत लाभुकों की संख्या 51 हजार 535 है. मिली जानकारी के मुताबिक इसमें से 48 हजार 548 किसानों का एडवाइस जिला कृषि विभाग बैंक को भेज चुका है. अकेले अररिया प्रखंड में ही 8600 आवेदकों को अनुदान उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गयी है. आंकड़े बताते हैं कि करीब सात प्रतिशत लाभुकों का एडवाइस अब तक बैंक भी नहीं भेजा गया है. खास बात यह कि जिन लाभुकों का एडवाइस बैंक भेजा गया है. उनमें से भी कई को अनुदान का लाभ नहीं मिल पाया है.
अनुदान नहीं मिलने से परेशान हैं किसान
पांच माह बीत जाने के बाद भी अनुदान का लाभ नहीं मिल पाने से जिले के किसान हताश व निराश हैं. किसानों की मानें तो भुगतान के लिए वे कभी बैंक तो कभी कृषि कार्यालय का चक्कर लगाने को बाध्य हैं. कृषि अधिकारी अनुदान मिल जाने का आश्वासन तो देते हैं, लेकिन यह कब मिलेगा इसे लेकर उनकी चुप्पी बनी रहती है.
कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
डीइओ इंद्रजीत सिंह जिले के 30 प्रतिशत किसानों को अनुदान नहीं मिलने की बात को स्वीकारते हैं. उन्होंने कहा कि करीब 25 से 30 प्रतिशत किसानों का आरटीजीएस नहीं हो पाया है. उन्होंने इसके लिए बैंक के कार्य व्यवहार पर नाराजगी जतायी. डीइओ ने कहा कि एक तरफ बैंक सूची में गड़बड़ी की बात कहता है. दूसरी तरफ सूची में सुधार के लिए इसे विभाग को वापस नहीं लौटा रहा. इस वजह से भुगतान में देरी हो रही है. उन्होंने संबंधित समस्या से जिला पदाधिकारी व अन्य वरीय अधिकारियों को अवगत कराने की बात कही.
37 हजार हेक्टेयर में लगी फसल हुई थी बरबाद
मौसम की बेरुखी के कारण जिले के गेहूं व मक्का उत्पादक किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी. सैंकड़ों एकड़ जमीन पर लगी गेहूं की फसल में जहां दाना नहीं आने की शिकायत मिली थी, वहीं असमय बारिश व अन्य वजहों से मक्का उत्पादक किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था. विभागीय आंकड़ों में कुल 37 हजार 417 एकड़ में लगी फसल के बरबाद होने की बात कही गयी है. प्रभावित किसानों को अनुदान उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा जिले को कुल 10 करोड़ 50 लाख 67 हजार रुपये आवंटित किये महीनों गुजर गये हैं. इसके बाद भी शत प्रतिशत किसानों को अनुदान का लाभ नहीं मिल पाया है.
विभाग द्वारा भेजे गये एडवाइस में गलतियों की है भरमार
कृषि विभाग द्वारा स्वीकृति के बाद लाभुकों की जो सूची बैंकों को उपलब्ध करायी गयी है, उसमें गलतियों की भरमार है. सूत्रों की मानें तो विभाग द्वारा भेजे गये एडवाइस में लाभुकों के नाम, एकाउंट नंबर, आइएफएस कोड में काफी विसंगती हैं. इस वजह से बैंक भुगतान में आनाकानी कर रहा है. इन गलतियों की वजह से कई एडवाइस बैंक द्वारा विभाग को लौटाया भी जा चुका है.

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