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परिजनों का हाल-चाल जानने को रहे बेताब

अररिया: पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में शनिवार को आये भूकंप ने तबाही मचा कर रख दी. उसका असर सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र के लोगों पर भी पड़ा. रोटी-बेटी के रिश्ते का असर साफ तौर पर दिखायी दिया. सिकटी थाना के ढेंगरी गांव निवासी दुर्गानंद मंडल हो या फिर बरदाहा बाजार निवासी अजीज अंसारी सभी बेचैन हो […]

अररिया: पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में शनिवार को आये भूकंप ने तबाही मचा कर रख दी. उसका असर सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र के लोगों पर भी पड़ा. रोटी-बेटी के रिश्ते का असर साफ तौर पर दिखायी दिया.

सिकटी थाना के ढेंगरी गांव निवासी दुर्गानंद मंडल हो या फिर बरदाहा बाजार निवासी अजीज अंसारी सभी बेचैन हो उठे. कारण यह कि नेपाल में रिश्तेदारी है. फोन से संपर्क नहीं हो पाने से अत्यधिक बेचैनी और चेहरे पर अनजान भय साफ तौर पर दिख रहा था. वहीं पलासी थाना क्षेत्र के कलियागंज निवासी एखलाख की पीड़ा भी एक जैसी थी. उसकी बहन की शादी नेपाल के इटहरी में है.

टीवी पर घटनाक्रम को देख वह परेशान हो उठा. मोबाइल से संपर्क नहीं हो पा रहा था. नेपाल की स्थिति को जान कर इटहरी जाने की हिम्मत भी नहीं हुई. व्यवसायी राजू भगत की रिश्तेदारी भी नेपाल के विराटनगर में है. वह भी परेशान थे कि न जाने क्या स्थिति है बहन-बहनोई की. वे बदहवास होकर बाइक से विराटनगर निकल गये. दरअसल नेपाल व भारत के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है. किसी का ससुराल तो किसी का मायके है. जाहिर सी बात है कि नेपाल में आये जलजला का सीधा असर भारत के सीमावर्ती इलाके पर पड़ता है. इसी तरह भारतीय सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों से नेपाली सगे-संबंधियों का रिश्ता संवेदनशील होना लाजमी है. सर्वाधिक परेशानी दूर संचार व्यवस्था भंग होने से हो रही बतायी जाती है. इन परेशानियों में झलक जा रहा है नेपाल से रिश्तों की संवेदनशीलता.

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