इसकी जांच के लिए शनिवार को थानाध्यक्ष विपिन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम बैंक पहुंची. टीम में शामिल अनि प्रदीप कुमार, केके झा ने शाखा प्रबंधक गौरव कुमार देव से रहीम द्वारा खाता खोलने के समय बैंक को दिये गये सभी कागजात की कॉपी ली तथा उसकी गहनतापूर्वक जांच की. शनिवार को जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि परवाहा निवासी मामले का मास्टर माइंड मो अकबर का भी खाता इसी शाखा में है. उसका खाता संख्या 13539 है, जिसमें पासपोर्ट में बने गवाह मो शहाबुद्दीन पिता अब्बास चौरा परवाहा ने गवाही दी है. जबकि रहीम के द्वारा मजेबुल के नाम खोले गये फर्जी खाता में अकबर ने गवाही दी है.
सबसे बड़ी बात यह है कि रहीम ने मजेबुल के नाम का मतदाता पहचान पत्र व निवास प्रमाण पत्र बैंक को दिया था, दोनों फर्जी है. उस खाता पर दिया गया मोबाइल नंबर भी किसी अन्य का है. बहरहाल पुलिस बैंक में खोले गये फर्जी खाता के तार किन-किन लोगों से जुड़े हैं, इसकी भी जांच कर रही है. बताया जाता है कि रहीम के द्वारा मजेबुल के नाम फर्जी पासपोर्ट व बैंक खाता खुलवाने प्रकरण का रहस्य दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है.सबसे आश्चर्य की बात यह है कि न तो पासपोर्ट कार्यालय ने और न बैंक ने फर्जी प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र की सही तरीके से जांच की. बिना सत्यापन के ही पासपोर्ट बना दिया गया और खात खोल दिया गया. बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.