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फर्जी पासपोर्ट का मामला : रहीम ने बैंक में खुलवाया था खाता

मजेबुल के प्रमाण पत्र का सहारा लेकर फारबिसगंज : स्थानीय थाना क्षेत्र के चौरा परवाहा वार्ड संख्या 11 निवासी मो मजेबुल पिता मुस्तकीम के नाम, पता व फर्जी कागजात का सहारा लेकर संदेशपुर कोलकाता निवासी तथा तमिलनाडु में गारमेंट स्पोर्ट फैक्टरी में काम करने वाले रहीम ने न केवल पासपोर्ट बनवाया बल्कि फर्जी कागजात के […]

मजेबुल के प्रमाण पत्र का सहारा लेकर
फारबिसगंज : स्थानीय थाना क्षेत्र के चौरा परवाहा वार्ड संख्या 11 निवासी मो मजेबुल पिता मुस्तकीम के नाम, पता व फर्जी कागजात का सहारा लेकर संदेशपुर कोलकाता निवासी तथा तमिलनाडु में गारमेंट स्पोर्ट फैक्टरी में काम करने वाले रहीम ने न केवल पासपोर्ट बनवाया बल्कि फर्जी कागजात के सहारे बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाता भी खुलवाया था.
अपना फोटो चिपका कर फर्जी कागजात के सहारे मो मजेबुल बन कर रहीम ने बैंक में गत 10 अक्तूबर 2014 को खाता खुलवाया था. इसमें रहीम के मजेबुल होने की पहचान मास्टर माइंड मो अकबर ने ही किया है. शुक्रवार को फारबिसगंज थाना के अनि सिकंदर मंडल, सअनि पीबी मिश्र ने बैंक पहुंच कर शाखा प्रबंधक भानु कुमार से इसकी जानकारी ली. शाखा प्रबंधक ने पुलिस को बताया कि खाता में अभी मात्र 943 रुपये हैं, जबकि खाता में कई बार राशि की निकासी व जमा की गयी थी. उन्होंने बताया कि 30 दिसंबर 2014 को उक्त खाता में तमिलनाडु के तीरूपुर बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में 16 हजार रुपये जमा कराया गया था. उस राशि की निकासी एटीएम के माध्यम से गत फरवरी माह में किया गया.
इसमें 10 हजार व चार हजार रुपये की निकासी दो बार की गयी है. मजेबुल के नाम से जो खाता रहीम ने बैंक में खुलवाया उसकी खाता की संख्या एसबी- 16537 है. बताया जाता है कि मो मजेबुल एक सिलाई मशीन का मामूली मेकैनिक है जो अनपढ़ है. मगर बैंक खाता खुलवाने में रहीम ने मजेबुल का हस्ताक्षर अंग्रेजी में किया है. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बैंक में मजेबुल के नाम पता का जो प्रमाण दिया गया बैंक अधिकारी ने किस प्रकार उसकी जांच की. फर्जी दस्तावेज के सहारे एक फर्जी आदमी का खाता एक दिन में ही खोल देना तथा उसे बैंक के द्वारा एटीएम कार्ड भी मुहैया करा दिया जाना बैंक की कार्यशैली पर ही प्रश्न चिह्न् लगाता है.
जानकार बताते हैं कि एक आम आदमी को बैंक ऑफ इंडिया ही नहीं किसी भी राष्ट्रीय कृत बैंक में सरकार की जन-धन योजना के तहत खाता खुलवाने में काफी परेशानी हो रही है. लेकिन एक फर्जी व्यक्ति का फर्जी दस्तावेज के आधार पर एक ही दिन में खाता खुल गया और उसे एटीएम भी दे दिया गया. यह जांच का विषय है. विदित हो कि चौरा परवाहा वार्ड संख्या 11 निवासी मो मजेबुल को ‘बिना आवेदन के ही मिल गया पासपोर्ट’ शीर्षक से प्रभात खबर ने समाचार को प्रमुखता से छापा था. इसके बाद पुलिस की नींद टूटी और फर्जी दस्तावेज पर मजेबुल के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनाने में अज्ञात व्यक्ति रहीम को मदद करने वाला मास्टर माइंड मजेबुल का सौतेला भाई मो अकबर पिता मुस्तकीम चौरा परवाहा वार्ड संख्या 11 निवासी सहित दो गवाह को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
मास्टर माइंड मो अकबर की गिरफ्तारी के बाद मजेबुल पासपोर्ट प्रकरण के रहस्य से परदा उठा. बहरहाल अमन पसंद लोगों के बीच यह बात चर्चा का विषय बना है कि मात्र ढाई महीना के काम करने के दौरान अकबर की दोस्ती जिस अपरिचित व्यक्ति रहीम से हुई वह फारबिसगंज पहुंच कर अकबर के सहारे उसके सौतेले भाई मो मजेबुल के नाम पता व फर्जी दस्तावेज का सहारा लेकर पासपोर्ट बनाने और बैंक पासबुक खुलवाने के पीछे मकसद क्या था.

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