मो अकबर पीड़ित मो मजेबुल का सौतेला भाई है. बुधवार को थानाध्यक्ष विपिन कुमार ने गिरफ्तार युवक से गहन पूछताछ की. इस दौरान मो अकबर ने बताया कि उसने मैट्रिक की परीक्षा ली अकादमी से 2010 में, इंटर की बीडीबीकेएस कॉलेज से वर्ष 2012 में पास की. अभी वह रानीगंज के वायएनपी कॉलेज में स्नातक द्वितीय खंड का छात्र है.
वह कमाने के लिए तमिलनाडु गया था, जहां उसने कंधन नीड्स स्पोर्ट गारमेंट फैक्टरी यूनिट-ए-1/287 ए एंड बी पीएन रोड पंगुपलायम पोस्ट कनक्कम पलायम तीरुपुर में धागा काटने का काम किया था. ढाई महीना काम करने के दौरान उसी फैक्टरी में काम करने वाले रहीम नाम के एक कारीगर से उसकी दोस्ती हो गयी. अकबर ने बताया कि रहीम कोलकाता के संदेशपुर का रहने वाला है और पासपोर्ट बना कर विदेश जाना चाहता था. इसके बाद वह रहीम को साथ लेकर नौ दिसंबर को फारबिसगंज आया. रहीम उसके घर पर ही रहा. दोनों ने एक साथ पासपोर्ट बनाने के लिए ऑनलाइन सोनू फोटो स्टेट व साइबर कैफे से आवेदन किया. दोनों साथ पटना गये, जहां पासपोर्ट कार्यालय में फिंगर प्रिंट व आंख के रेटीना व कागजात की जांच भी हुई. थाना में एसपी कार्यालय से ज्ञापांक 2947 दिनांक 20 दिसंबर 14 को उसका कागज व 4329 दिनांक 27 दिसंबर 14 को रहीम का पासपोर्ट जांच के लिए आया.
इसमें पता मजेबुल का और फोटो रहीम का लगाया गया था. थाना में उसकी जांच 24 दिसंबर 14 को हुई. रहीम के द्वारा मजेबुल के पता पर बनाया गया पासपोर्ट मजेबुल को मिल गया. इस कारण जालसाजी का भंडाफोड़ हुआ. उसने पुलिस को बताया कि मजेबुल के नाम-पता पर बनाये गये पासपोर्ट में जो फोटो है वह तमिलनाडु में साथ काम करने वाले रहीम की है. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. इधर पुलिस ने मो मजेबुल को मिले पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है. गिरफ्तार युवक से पूछताछ जारी है.