दर्जनों दुर्घटनाएं ऑटो के कारण होती रहती हैं. वार्डन रंजना वर्मा हत्याकांड के बाद सभी ऑटो में चालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, लाइसेंस का ब्योरा लिखने का निर्देश एसपी ने दिया गया था, पर अब तक ऐसा नहीं हो पाया. नगर परिषद प्रशासन भी ऑटो स्टैंड को ले उदासीन है.
ऐसे में जहां-जहां ऑटो चालक ऑटो लगा देते हैं. आवाजाही करने वालों को परेशानी होती है. शहर के चांदनी चौक से सदर अस्पताल तक वाहन-बाइक चालक तो क्या पैदल चलने में भी लोग खतरा महसूस करते हैं. शहर में ऑटो के कारण जाम ही जाम दिखता है. आंबेडकर प्रतिमा स्थल के पास यदा-कदा पुलिस के जवान दिखते हैं, लेकिन यहां अब तक यातायात व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है. बहरहाल जिला मुख्यालय में जब समुचित व्यवस्था नहीं तो लोग कैसे उम्मीद करें कि जोकीहाट, पलासी, अररिया बैरगाछी सहित अन्य जगहों पर सड़क पर बने अघोषित वाहन पड़ाव से निजात मिलेगी.