उन्हें बताया कि बंदियों की सिलाई की ट्रेनिंग के बाद जो कुछ भी तैयार होगा, उसका मार्केटिंग संस्था करेगी. उससे आयी आमदनी महिला बंदी के खाता में जायेगी. संस्था की उपाध्यक्ष सुपेइलु ने बताया कि पीड़ित महिला को स्वावलंबी बनाने की कोशिश की जायेगी. उसके मन में जो कुंठा है. उसे समाप्त कर उनको स्वाभिमानी व स्वावलंबी बनाया जायेगा.
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मंडल कारा की महिला बंदियों को मिलेगा प्रशिक्षण
अररिया: मंडल कारा अररिया में बंद विचाराधीन 22 कैदी व एक सजायाफ्ता कैदी के स्किल डेवलपमेंट के लिए एक संस्था आगे आयी है. रविवार को नोमी नेटवर्क नामक संस्था की उपाध्यक्ष सुपेइलु, राज्य समन्वयक शिवशंकर कुमार, रोशन खातून, गहनी देवी ने महिला बंदियों से लगभग एक घंटा बातचीत की. उन्हें बताया कि बंदियों की सिलाई […]
अररिया: मंडल कारा अररिया में बंद विचाराधीन 22 कैदी व एक सजायाफ्ता कैदी के स्किल डेवलपमेंट के लिए एक संस्था आगे आयी है. रविवार को नोमी नेटवर्क नामक संस्था की उपाध्यक्ष सुपेइलु, राज्य समन्वयक शिवशंकर कुमार, रोशन खातून, गहनी देवी ने महिला बंदियों से लगभग एक घंटा बातचीत की.
उन्होंने कहा कि संस्था ने बिहार में पहली बार अररिया मंडल कारा से इस कार्यक्रम की शुरुआत करने का फैसला लिया है. इसी संदर्भ में वे यहां आयी. इस दौरान महिला बंदियों में उत्सुकता का भाव था. कारा अधीक्षक राजीव कुमार झा ने बताया कि कोई भी मनुष्य जन्म से अपराधी नहीं होता है. इसी दर्शन के तहत संस्था से संपर्क किया गया. कैदियों को समाज के मुख्य धारा में लाया जा सकता है. सार्थक प्रयास आवश्यक है. मौके पर जेलर सतीश कुमार सिंह, मनोज ठाकुर सहित अन्य जेल कर्मी मौजूद थे.
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