अररिया : एनपीआर, एनआरसी व सीएए के विरोध में हम हैं भारत के बैनर तले गुरुवार को जनसभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता व गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि केंद्र की सत्ता पर बैठी सरकार आज भय के साये में हैं. देश की 25 लाख से अधिक की आबादी इस काले कानून के विरोध में इंकलाब का नारा बुलंद कर चुकी है. सरकार को यही बात परेशान कर रही है.
यह धरती कवि दिनकर, कर्पूरी ठाकुर, रेणु की है. यहां के गरीब मजदूरों ने इसे अपनी मेहतन से सींचा हैं. आज उन पर अपनी नागरिकता साबित करने का दबाव बनाया जा रहा है. पूरे देश में इसे लेकर हो रहे आंदोलन में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर सभा में दो मिनट का मौन भी रखा गया.
जिग्नेश ने कहा कि सीएए, एनपीआर के बहाने एक मजहब के लोगों को टार्गेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनआरसी से पहले एनपीआर होगा. इसमें 1987 के बाद इस मुल्क में जन्म लेने वाले लोगों को अपने मां-बाप के जन्मस्थान व पैदाइश से संबंधी कागजात दिखाने होंगे. बहुत सारे मुसलमानों के पास ऐसे कागजात हो सकते हैं.
लेकिन आदिवासी, दलित, बंजारा समुदाय के लोग ऐसे कागजात कहां से लायेंगे. इसलिये इस काले कानून का संगठित विरोध जरूरी है. देश महंगाई की गंभीर मार झेल रहा है. सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रही है. इन सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही सरकार इस काले कानून को देश की जनता के ऊपर थोपना चाहती है.
जामिया की छात्रा लदीदा फरजाना ने कहा कि हिंदूवादी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों पर जारी अत्याचार को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इसके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जामिया, जेएनयू के छात्रों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किये जा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार अपने मकसद में नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने नागरिकता संबंधी किसी तरह का दस्तावेज नहीं दिखाने का आह्वान लोगों से किया.
सभी से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील
जिग्नेश ने कहा कि देश के हिंदुवादी ताकतों से लड़ने के लिये सभी समुदाय के लोग एकजुट होकर संघर्ष करें. गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता देव देसाई ने कहा कि विकास के गुजरात मॉडल का सपना दिखा कर मोदी अमित-शाह की जोड़ी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई. अब गुजरात के विकास को असल मॉडल देशवासियों को दिखने लगा है.
यह काला कानून देश के संविधान पर हमला है. सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश कुमार ने कहा की पूरी दुनिया में जन्म के आधार पर नागरिकता का कानून है. लेकिन केंद्र सरकार धर्म के आधार पर नागिरकता का प्रावधान देश में लाना चाहती है.
गौरक्षा, सीएए, एनआरसी के नाम पर देश में मची है मारकाट : प्रियंका
जेएनयू की छात्रा प्रियंका यादव ने कहा कि आज गौरक्षा, सीएए, एनआरसी के नाम पर देश में मारकाट मची हुई है. हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा. जामिया की छात्रा चंदा यादव ने कहा कि आज देश केंद्र सरकार द्वारा फैलाये गये नफरत की आग में जल रहा है. देश में बेराजगारी पिछले 40 सालों का अपना रिकार्ड तोड़ चुकी है. फुले, आंबेडकर, भगत सिंह को पूजने वाले इस देश में गोडसे व सावरकर को पूजा जाने लगा है. हमें इसका एकजुट होकर विरोध करना होगा.
भीम आर्मी के प्रदेश संयोजक मनोज कुमार भारती ने कहा कि भीम आर्मी एक शर्त पर एनआरसी का समर्थन कर सकती है, जब नागरिकता डीएनए टेस्ट के आधार पर तय करने का प्रावधान लागू किया जाय. कार्यक्रम को भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष नवनीत काला, हैदर यासीन, शहनाज फिरदौस, आशीष कुमार, इम्तियाज अमिश लड्डू, मुज्जमिल जमाल, फैज अहमद आदि ने संबोधित किया. संचालन दीपक दास ने किया. मौके पर मासूम रेजा, सिबतेन अहमद, इबरार सिद्दिकी, इजहार साबिरी, कमाले हक, आमिर रेजा, रजी अनवर, कैफ अनवर, आमिर फारूख, तौसिफ आलम, यशदान मिर्जा, नरेंद्र राणा,नरेंद्र काला, कंवर, तारिक अनवर आदि थे.