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ऑनर किलिंग से दहला अररिया, नहीं है लोगों में पुलिस की खौफ

मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : जिले में प्यार करने वालों को आज भी दर्दनाक मौत दी जाती है. ऐसे मामले गाहे-बगाहे सामने आते रहे हैं. कुछ-एक मामलों में आरोपियों का नाम सामने आ पाता है, तो अधिकांश मामलों में अज्ञात पर मामला फेंक पुलिस भी पल्ला झाड़ लेती है. वर्ष 2015 में ऐसा ही एक […]

मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : जिले में प्यार करने वालों को आज भी दर्दनाक मौत दी जाती है. ऐसे मामले गाहे-बगाहे सामने आते रहे हैं. कुछ-एक मामलों में आरोपियों का नाम सामने आ पाता है, तो अधिकांश मामलों में अज्ञात पर मामला फेंक पुलिस भी पल्ला झाड़ लेती है.

वर्ष 2015 में ऐसा ही एक मामला पहुंसी में सामने आया था, जब कुर्साकांटा प्रखंड के मधुबनी निवासी बालदेव सिंह के पुत्र गोविंद सिंह की हत्या उसकी कथित प्रेमिका के ससुरालवालों द्वारा बुरी तरह से पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में दर्जनों लोगों को नामजद किया गया था.
मामले के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन थानाध्यक्ष विवेकानंद सिंह के द्वारा कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया था. बाद में जनप्रतिनिधियों की पहल पर हाल ही में इस मामले में समझौता करने की बात सामने आयी है. वहीं 8 मार्च 2019 को नरपतगंज के बरदाहा गांव में मामा व नाना के द्वारा कंचन की हत्या कर दी गयी.
उसके शव को यूरिया डालकर जलाने का प्रयास किया गया. बाद में अधजला शव छोड़कर आरोपी फरार हो गये थे. इस संबंध में जो बातें सामने आयी थीं, वह यह थी कि मृतका कंचन अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रही थी. उसे रविंद्र नाम के लड़के से प्यार हो गया था, जिसके बाद से ही दोनों शादी करना चाह रहे थे. लेकिन घर के लोगों को उनका प्यार रास नहीं आ रहा था.
इस दौरान एक दिन लड़की के मामा व नाना ने मिलकर कंचन की गला दबाकर कंचन की हत्या कर दी और साक्ष्य को मिटाने की नीयत से यूरिया डालकर जलाने का प्रयास किया. लेकिन शव पूरी तरह जल नहीं पाया. बाद में लड़की के दादा के बयान पर हत्या का मामला दर्ज किया गया. वहीं नरपतगंज में ही रीतिका हत्याकांड का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है. आज भी उसकी मौत एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है.
लोगों की मानें तो यह भी कहीं न कहीं ऑनर किलिंग का मामला सामने आता है. वर्ष 2015-16 के आस पास कुर्साकांटा के हरिपुर में कंचन देवी की हत्या की गयी थी. जो कि आज भी गूढ़ रहस्य बना हुआ है. जिले में ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें या तो आरोपी का नाम सामने लाने में पुलिस विफल हो जाती है या बाद में परिजन ही मामले में समझौता कर लेना बेहतर समझते हैं.
सरपंच का घर सामने फिर भी चीख-पुकार पर वे बाहर नहीं निकले
भरगामा. प्रेम प्रसंग में बिनोद की हुई मौत ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया है. बताया गया कि बिनोद की जहां पीटाई हो रही थी उसके आगे वाला घर सरपंच का है, साथ ही इससे महज पांच घर के बाद ही वार्ड सदस्य का घर है. बताया गया कि बिनोद के चीख पुकार सुन कर भी उक्त दोनों प्रतिनिधि न तो उसे बचाने गये और न ही इस बाबत कोई सार्थक पहल ही किया.
प्रेम प्रसंग में बिनोद की हुई पीट-पीट कर हत्या से नया भरगामा व आस-पास के क्षेत्र में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. घटना के बाद से बिनोद के पिता बिंदेश्वरी दास का रो-रो कर बुरा हाल है. कतै गले रे बिनोद कह कर लगातार वे बेसुध हो जा रहे थे. होश में आने पर वे बिनोद को खेजते व शून्य की ओर निहारते रहते. मेहनत मजदूरी कर बिंदेश्वरी दास का किसी प्रकार घर चल रहा था.
बिनोद कमाने के लिए दिल्ली पंजाब जाता था. साथ ही शादी के सीजन में डांसर का काम करता था. बिनोद की हत्या के बाद उसके मां का भी रो-रो कर बुरा हाल है. रोते-रोते बराबर बोलती थी कि बिनोद के जान ले लेलकै दुश्मन गे, केकर की बिगारलिये रहे कि हमरा ऐहन दिन भगवान देखेलके. बिनोद दो भाई व तीन बहन में सबसे छोटा था. घटना के बाद से बिनोद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

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