अररिया : 13 अगस्त 2017 को अररिया के लोग नहीं भूल पायेगें. इस दिन अचानक आयी बाढ़ ने जिले में हर तरफ तबाही का मंजर पेश किया था, जिसके टीस आज भी लोगों के जेहन में हैं. अररिया शहर भी अछूता नहीं रहा था. स्थिति ऐसी थी कि आम अवाम से लेकर जिला प्रशासन तक […]
अररिया : 13 अगस्त 2017 को अररिया के लोग नहीं भूल पायेगें. इस दिन अचानक आयी बाढ़ ने जिले में हर तरफ तबाही का मंजर पेश किया था, जिसके टीस आज भी लोगों के जेहन में हैं. अररिया शहर भी अछूता नहीं रहा था. स्थिति ऐसी थी कि आम अवाम से लेकर जिला प्रशासन तक को अपने जाल-माल के बचाव को लेकर मशक्कत करनी पड़ी थी. सिकटी, कुर्साकांटा व जोकीहाट से तो जिला मुख्यालय का संपर्क भी भंग हो गया था.
इन प्रखंडों में राहत सामग्री पहुंचना तक जिला प्रशासन के लिए मुश्किल का शबब बन रहा था. बावजूद उत्पन्न हुई इन परिस्थितियों से निपटने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई एहितायतन कदम उठता नहीं दिख रहा है. खास कर नगर प्रशासन की स्थिति तो और भी दु:खदायी है. शहर में बाढ़ के बाद आये पानी को निकालने के लिए नगर परिषद को काफी मशक्कत उठानी पड़ी थी. एक माह तक पंपसेट को लगाकर बाढ़ का पानी निकाला गया था.
जल निकासी को लेकर उत्पन्न हुए इन परिस्थितियों का एक बड़ा कारण ड्रैनेज का निर्माण नहीं होना था. शहर में आया पानी निकल नहीं पाया, घरों में जल जमाव के कारण शहरवासियों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा. एक बार फिर शहरवासी इस अनजाने भय से भयभीत हैं. रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण बहुत वार्डों में जल जमाव की समस्या भी उत्पन्न हो रही है. जिस पानी को पंपसेट के माध्यम से नगर प्रशासन द्वारा निकाला जा रहा है. लेकिन यह प्रक्रिया भी तब मुमकिन है जब शहर में जल जमाव की समस्या कम होगी, अगर पानी अधिक मात्रा में प्रवेश करता है तो फिर नप के पास भी कोई ठोस विकल्प नहीं होगा, जिससे एक बड़े तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता.
आदर्श आचार संहिता के कारण विकास कार्य हुआ है अवरुद्ध: मुख्य पार्षद
इधर इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्य पार्षद रितेश कुमार राय ने बताया कि लोकसभा उप चुनाव, विधानसभा उप चुनाव, नप उप चुनाव को लेकर लगातार आदर्श आचार संहिता के कारण विकास कार्य अवरूद्ध हुए हैं. चार ड्रैनेज, एक दर्जन ब्रांच नाला के निर्माण को लेकर प्राक्क्लन बन कर तैयार है. जिसे जल्द ही टेंडर के लिए भेजा जायेगा. उन्होंने बताया कि मौखिक स्तर पर कार्यपालक पदाधिकारी व कनीय अभियंता को जल जमाव वाले वार्डों का डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है. कहा कि डीपीएआर तैयार कर विभाग को भेजा जायेगा. जिसके बाद जल जमाव से निपटने की रणनीति पर काम किया जायेगा.
नगर प्रशासन के दावे
इधर इस संबंध में नप प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों को देखा जाये तो उनके दावे ख्याली पुलाव बन कर रह गये हैं. चार ड्रैनेज चांदनी चौक से कोशीधार, चांदनी चौक से बाबाजी की कुटिया, चांदनी चौक से बसंतपुर हाट चांदनी चौक से तेरापंथ धर्मशाला होते हुए कोशी धार आदि का प्राक्कलन तैयार होने का दावा तो नप प्रशासन कर रहा है. लेकिन उनमें से मात्र चांदनी चौक से सदर अस्पताल होते हुए कोशी धार तक बन रहा नाला ही दिख रहा है. वह भी बाढ़ से पूर्व तैयार हो जाए कहना मुश्किल लग रहा है.
जबकि शेष ड्रैनेज का तो टेंडर तक नहीं हुआ है. इधर वार्ड में मुख्यमंत्री नली-गली योजना के तहत दर्जनों ब्रांच नाला का प्राक्कलन बनकर तैयार रहने का दावा किया जा रहा है. लेकिन जब मास्ट नाला या फिर ड्रैनेज का निर्माण ही अधर में लटका हुआ है तो ब्रांच नाला के निर्माण से क्या फायदा. इधर एचएचआइ 327 ई द्वारा शहर में निर्माण कराया गया नाला भी शोभा का वस्तु बनी हुई है. इसका फायदा शहरवासियों को तो नहीं हो रहा है, बल्कि यह उल्टे परेशानी का कारण बन रहा है.