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बालू-गिट्टी की बिक्री को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति हजारों लोगों के बेरोजगार होने की बढ़ी आशंका अररिया : लघु खनिज बिक्री को लेकर सरकार के नये प्रावधान के बाद से जिले में बालू-गिट्टी की बिक्री को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जिले में बालू-गिट्टी की उपलब्धता कम हो गयी है. इससे […]
बालू-गिट्टी की बिक्री को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति
हजारों लोगों के बेरोजगार होने की बढ़ी आशंका
अररिया : लघु खनिज बिक्री को लेकर सरकार के नये प्रावधान के बाद से जिले में बालू-गिट्टी की बिक्री को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जिले में बालू-गिट्टी की उपलब्धता कम हो गयी है. इससे बड़े निर्माण कार्य ठप हो चुके हैं. बालू व गिट्टी बिक्री के लिए लाइसेंस निर्गत होने के बाद निबंधित दुकान अभी अस्तित्व में नहीं आ पायी है. पुराने डिपो संचालक बालू-गिट्टी की मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. नयी प्रक्रिया के कारण हजारों लोगों के बेरोजगार होने की आशंका बढ़ गयी है. अनुमान के मुताबिक पूर्व से जिले में लगभग दो हजार डिपो संचालित थे. एक डिपो में कम से कम 10 लोगों को रोजगार प्राप्त था.
इस तरह लगभग 20 हजार लोग सीधे तौर से नयी प्रक्रिया से प्रभावित हो सकते हैं. नये सरकारी प्रावधान के बाद की स्थितियों पर स्थानीय व्यवसायी आलोक कुमार ने बताया कि 25 नवंबर के बाद से ही बालू लदा एक ट्रक जिला नहीं पहुंचा है. पहले से कहीं डंप किये गये बालू ही स्थानीय बाजार पहुंच रहे हैं. इसकी मनमानी कीमत ली जा रही है. बाजार में उपलब्ध बालू के लिए प्रति 80 सीएफटी के लिए ग्राहकों को 70 से 72 सौ तक अदा करने पड़ रहे हैं. सख्ती के कारण बंगाल से बालू की आवाजाही भी पूरी तरह बंद हो चुकी है. बालू-गिट्टी के व्यवसायी संजीव कुमार ने कहा कि सरकार अब तक इसे लेकर स्थिति साफ नहीं कर पायी है. इस कारण व्यवसायी, ट्रांसपोर्टर और खरीदार सभी परेशान हैं. पहले से उपलब्ध बालू पर अपना मुनाफा जोड़ कर बेचा जा रहा है. वार्ड संख्या दस के उदय कुमार ने कहा कि 10 साल से डीपो का कारोबार है. ग्राहकों के पास लाखों का बकाया है.
नये सरकारी नियम से कारोबार बंद होने पर सारी पूंजी डूबने की आशंका बढ़ गयी है. व्यवसाय से जुड़े विनय यादव ने बताया कि पिछले दस दिनों से पूरी तरह बेरोजगारी का आलम है. ट्रैक्टर, ट्रक सभी बेकार पड़े हैं. ऐसी स्थिति ज्यादा दिनों तक बनी रहने से भूखे मरने की नौबत आ सकती है. फारबिसगंज के व्यवसायी बैद्यनाथ चौधरी ने बताया कि लाइसेंस की प्रक्रिया में छट जाने के बाद पुराना धंधा बंद होने जा रहा है. अब परिवार के भरण पोषण की चिंता परेशान कर रही है. फारबिसगंज गोडियारे निवासी ने बताया कि नगरीय क्षेत्र से दस मीटर दूर होने के कारण उनके आवेदन को फारबिसगंज ग्रामीण में शामिल कर लिया गया. जबकि शहरी क्षेत्र में आवेदकों की कमी के कारण लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया तक पूरी नहीं हो पायी.
जिला मुख्यालय में 66 रुपये प्रति सीएफटी होगी बांका सेंड की कीमत
पुरानी कहावत जितना का बउआ नहीं उतने का झुनझुना वर्तमान में बालू की बिक्री पर लागू होता है.विभाग ने बालू की बिक्री के लिए जो नये दर निर्धारित किये हैं. इससे दाम में कोई खास गिरावट नहीं आने वाली है. शहर के व्यवसायी संजीव कुमार सुमन ने कहा कि जिले में अधिकांश बालू बांका के खदान से आते हैं. खान व भूतत्व विभाग के जारी नये रेट चार्ट के अनुसार बांका खदान में बालू की कीमत 722 रुपये 40 पैसे प्रति एक सौ सीएफटी निर्धारित की गयी है. दस चक्के वाले ट्रक पर 400 सीएफटी बालू लोड की सीमा विभाग ने तय की है. बालू के निर्धारित दर पर ढाई प्रतिशत सीजीएसटी व ढाई प्रतिशत एसजीएसटी अदा करना होगा. इसे जोड़ कर प्रति सौ सीएफटी बालू की कीमत 758.52 रुपये हो जाती है.
अब प्रति सौ सीएफटी की दर से 141.52 रुपये रॉयल्टी के रूप में चुकाने होंगे. इस तरह 400 सीएफटी बालू की कीमत 36 सौ 16 रुपये होते हैं. बांका से जिला मुख्यालय की अनुमानित दूरी 210 किलोमीटर है. नये नियम के मुताबिक प्रति सौ सीएफटी के लिए 20 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज लिया जायेगा. चार सौ सीएफटी बालू लदे ट्रक का ट्रांसपोर्टेशन शुल्क 16 हजार 800 रुपये होगा. फिर ट्रांसपोर्टेशन शुल्क पर नौ प्रतिशत जीएसीटी व नौ प्रतिशत सीजीएसटी अदा करना होगा. जो लगभग तीन हजार 24 रुपये होगा. इस तरह ट्रांसपोर्टेशन शुल्क बढ़ कर 19 हजार 824 रुपये हो जायेगा. बालू की कीमत 36 सौ 16 रुपये और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 19 हजार 824 जोड़े जाने के बाद 400 सीएफटी बालू की कीमत 23 हजार 424 रुपये हो जायेगी.
अब इस पर आठ प्रतिशत रिटेलर कमीशन के रूप में 18 सौ 73 रुपये और पांच प्रतिशत डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन के रूप में 11 सौ 71 रुपये अलग से जोड़े जायेंगे. तब जा कर चार सौ सीएफटी बालू की कीमत 26 हजार 468 के करीब होगी. इस तरह जिला मुख्यालय में बांका सेंड की खरीदारी के लिए ग्राहकों को प्रति सीएफटी को 66.17 रुपये अदा करने होंगे.
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