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दवा मिली, तो मानो जंग जीता

अररिया आरएस : जिले में आयी बाढ़ के कारण इन दिनों जल जनित बिमारियों की संख्या में बेहताशा बढ़ोतरी हुई है. इस समय अमूमन सदर अस्पताल में लगभग एक हजार से अधिक रोगी अपना इलाज कराने आते हैं. सदर अस्पताल का ओपीडी व आपातकाल आयुष चिकित्सक के भरोसे चलता है. और तो और अस्पताल में […]

अररिया आरएस : जिले में आयी बाढ़ के कारण इन दिनों जल जनित बिमारियों की संख्या में बेहताशा बढ़ोतरी हुई है. इस समय अमूमन सदर अस्पताल में लगभग एक हजार से अधिक रोगी अपना इलाज कराने आते हैं. सदर अस्पताल का ओपीडी व आपातकाल आयुष चिकित्सक के भरोसे चलता है. और तो और अस्पताल में चार ओपीडी लगता है.

चार घंटे के ओपीडी में एक चिकित्सक को कम से कम 250 मरीजों को देखना पड़ता है. औसतन एक मरीज को चिकित्सक एक मिनट से अधिक नहीं दे पाते हैं. आधे मिनट में चिकित्सक को रोगी का डिटेल्स लिखना पड़ता है और आधे मिनट में मरीज को देख कर दवा लिखनी पड़ती है.

रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे अस्पताल कर्मी नीरज कुमार, जय कुमार, खालीद असारी व धर्मेंद्र यादव ने बताया कि सदर अस्पताल के प्रतिदिन ओपीडी में लगभग हजार मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. रजिस्ट्रेशन के लिए सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी रहती है. मरीजों की मानें तो सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी पर स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं में इजाफा नहीं हुआ. के तरफ से व्यवस्थ्या में कोई सुधार नहीं हुआ. जिस कारण मरीज अपने बीमारी के बारे में ठीक से चिकित्सक को बता भी नहीं पाते हैं. केवल बीमारी पूछ कर मरीज को दवा लिख दी जाती है. ऐसी स्थिति में सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज का अनुमान लगाया जा सकता है.
भगवान भरोसे होता है मरीजों का इलाज
ओपीडी के चिकित्सकों के भरोसे है आपात सेवा
जानकारों की मानें तो सदर अस्पताल की आपातकालीन सेवा ओपीडी चिकित्सकों के भरोसे ही चलता है. नतीजतन यहां से ज्यादातर मरीज रेफर ही किये जाते हैं. अस्पताल में भरती मरीज व इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को एक साथ देखना पड़ता है. ऐसे में कई बार इलाज में थोड़ा विलंब होने पर मरीजों के परिजन हंगामा भी करने लगते हैं और चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार भी कर बैठते हैं.
बिना दवा लिये वापस लौट जाते हैं मरीज
सदर अस्पताल में आये दर्जनों मरीजों की मानें तो रुपये के अभाव में ज्यादातर मरीज गरीब तबके लोग ही इलाज कराने आते हैं. बाढ़ के बाद सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. सदर अस्पताल में दवा के दो ही काउंटर हैं. इसमें एक महिला व एक पुरुष के लिए है. मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी के कारण दवा काउंटर पर दवा लेने वालों की भीड़ लगी रहती है.
मरीजों को घंटों लाइन में खड़े रहना उनकी मजबूरी होती है. मरीजों का कहना था कि दवा कांउटर से दवा लेना एक जंग जीतने के बराबर है. जो लोग दवा नहीं ले सकते हैं वे बिना दवा लिए वापस चले जाते हैं. मरीजों का कहना था कि एक तो पुर्जा कटाने में लाइन में लगना पड़ता है. इसके बाद चिकित्सक के पास दिखाने के लिए मारामारी करनी पड़ती है. आखिर में दवा के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ता है.
इन दिनों बाढ़ के कारण सदर अस्पताल में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. अन्य दिनों में सात सौ से आठ सौ तक मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था है. बाढ़ के कारण परेशानी हुई है जो थोड़े दिनों में ठीक हो जायेगा. चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए अधिकारियों को लिखा गया है.
डॉ जयनारायण प्रसाद, सिविल सर्जन

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