शहर में स्लम बस्ती में रहने वालों को होगा अपना पक्का घर
Advertisement
नयी पुनर्वास नीति बनी पहल. स्लम बस्ती में होगा पक्का घर
शहर में स्लम बस्ती में रहने वालों को होगा अपना पक्का घर 40 हजार वर्ग फीट से अधिक एरिया में घर बनाने वालों को जमीन का 15 प्रतिशत देना होगा नप को जमीन देने के बाद ही होगा उनका नक्शा पास, बदले में नप भू स्वामी को 250 रुपये वर्ग फीट की दर से देगा […]
40 हजार वर्ग फीट से अधिक एरिया में घर बनाने वालों को जमीन का 15 प्रतिशत देना होगा नप को
जमीन देने के बाद ही होगा उनका नक्शा पास, बदले में नप भू स्वामी को 250 रुपये वर्ग फीट की दर से देगा मुआवजा
अररिया : नप क्षेत्र में भवन बना रहे नक्शा की लंबाई व चौड़ाई 40 हजार वर्ग फीट या इससे अधिक होता है तो भू स्वामी इस बात को लेकर तैयार रहें कि उन्हें उसका 15 प्रतिशत जमीन मलिन बस्ती(स्लम) पुनर्वास नीति के तहत नप को देनी होगी. अन्यथा उनका नक्शा नप द्वारा पास नहीं किया जायेगा. इसको लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने सभी नगर निकायों को पत्र भेज कर इस योजना को अमल में लाने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं है कि नगर परिषद इस जमीन को मुफ्त में लेगा.
इसके बदले में 250 रुपये प्रति वर्ग फीट के दर से भू स्वामी मुआवजा दिया जायेगा. भूस्वामी से ली गयी जमीन पर मलीन बस्ती के लोगों को पुनर्वास योजना के तहत बसाया जायेगा.
क्या कहता है पत्र
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद द्वारा निर्गत पत्रांक 1378 दिनांक 14 जून 17 में स्पष्ट किया गया है कि किफायती आवास और मलीन बस्ती पुनर्वास नीति 2017 के तहत उल्लेखित प्रावधानों का अनुपालन सभी नगर निकाय सुनिश्चित करें. इस पुनर्वास नीति को बिहार राज्य के शहरी एवं आयोजना प्राधिकार क्षेत्र में लागू किया गया है. इसके तहत 40 हजार वर्ग फीट या इससे अधिक क्षेत्रफल वाली भूमि पर सभी आवासीय स्कीमों में 15 प्रतिशत आवास क्षेत्रफल का हिस्सा कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्गों के लिए सुरक्षित किया जायेगा.
नगर निकाय को देना होगा 50% की भागीदारी
इसके अलावा अगर बिहार राज्य बोर्ड, शहरी स्थानीय निकाय योजना के तहत अपने सभी आवास स्कीमों में कम से कम 50 प्रतिशत भूखंड, कमान, फ्लैट का निर्माण आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, निम्न आय वर्गों के लिए सुनश्चित करना होगा. हालांकि अभी नप के पास अपनी भूमि ही नहीं है कि वह इस प्रकार के किसी आवस स्कीम को शहर में लागू कर पाये.
पदाधिकारियों की माने तो अगर सरकार जमीन मुहैया कराती है तो भवनों का निर्माण करा कर प्रावधानों के आधार पर वितरित किया जायेगा. किफायती आवास और मलिन बस्ती पुनर्वास नीति 2017 के दिये गये बिंदुओं पर अगर गौर करें तो राज्य सरकार के द्वारा भी प्रति आवास इकाई लाभार्थी को प्रोत्साहित करने के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जायेगी.
पात्रता के मापदंड
इस योजना का लाभ प्राप्त करने वाले लाभुकों की अधिकत आय की सीमा का भी निर्धारण किया गया है. आय प्रमाण पत्र नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किया जायेगा. इसके लिए तहसीलदार, कार्यपालक पदाधिकारी, एसडीओ आदि को प्राधिकृत किया गया है. साथ ही उनका शहरी क्षेत्र में अपने या पत्नी के नाम से कही भी जमीन या मकान नहीं हो. उन्हें इसका शपथ पत्र देना होगा. आवेदक व्यस्क हो और बिहार राज्य का निवासी हो. एक आवेदक एक ही आवेदन कर पायेगा. आवास आवंटित होने के एक वर्ष के अंदर कब्जा व दस वर्षों के भीतर लाभार्थी को आवासीय इकाई की बिक्री करने की अनुमति नहीं होगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement