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कार्रवाई: विधान पार्षद रीतलाल को पटना पुलिस ने रिमांड पर लेकर की पूछताछ, जेल के अंदर कहां छिपाया मोबाइल

पटना : ठेकेदार शंभू प्रसाद से 25 लाख की रंगदारी मामले में खगौल थाने में दर्ज मामले में विधान पार्षद रीतलाल यादव को पटना पुलिस ने 24 घंटे के रिमांड पर ले लिया है और पूछताछ की जा रही है. पुलिस टीम उक्त केस के संबंध में रीतलाल यादव से पूछताछ कर रही है. सूत्रों […]

पटना : ठेकेदार शंभू प्रसाद से 25 लाख की रंगदारी मामले में खगौल थाने में दर्ज मामले में विधान पार्षद रीतलाल यादव को पटना पुलिस ने 24 घंटे के रिमांड पर ले लिया है और पूछताछ की जा रही है. पुलिस टीम उक्त केस के संबंध में रीतलाल यादव से पूछताछ कर रही है. सूत्रों के अनुसार रीतलाल से पटना पुलिस की टीम ने यह पूछा है कि जिस फोन से उसने अपने गुर्गे व नालंदा निवासी सोनू को फोन किया था, उसे जेल के अंदर कैसे मिला और जब पुलिस जेल पहुंची, तो उसे कहां छिपाया. हालांकि रीतलाल ने फोन होने की बात से इनकार कर दिया है.

इसके साथ ही पुलिस टीम ने पूछा कि सोनू ने उनके नाम का जिक्र किया है कि आपके कहने पर ही उसने ठेकेदार शंभू से रंगदारी मांगी थी. लेकिन इन तमाम सवालों पर रीतलाल का एक ही जवाब था कि वह किसी शंभू को नहीं जानते हैं और न ही वह सोनू को पहचानता है और इस तरह का कोई भी निर्देश नहीं दिया था. पुलिस टीम को रीतलाल यादव ने बताया कि वह जेल के अंदर है, तो वह कैसे निर्देश दे सकता है? सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने कई तरह के सवाल दागे, लेकिन उनका जवाब न में ही मिला या फिर नहीं जानते हैं, यह कह कर निकल गये. पुलिस ने यह सवाल भी किया कि सोनू ने उनका ही नाम क्यों लिया, तो इस जवाब पर रीतलाल चुप हो गये. फिलहाल पूछताछ के बाद पटना पुलिस को रीतलाल यादव से कुछ विशेष जानकारी नहीं मिल पायी है. उन्हें शुक्रवार की शाम बेऊर जेल से लेकर पटना पुलिस आयी थी और 24 घंटे की अवधि पूरा होने के बाद जेल भेज देगी.

पकड़े जाने के बाद क्या कहा था सोनू ने

ठेकेदार शंभू प्रसाद से 25 लाख की रंगदारी मांगी गयी थी. उक्त रंगदारी की सारी बात रिकॉर्ड कर ली गयी थी. इसके बाद सोनू को पटना पुलिस की टीम ने सात अप्रैल को पकड़ा, तो उसने अपने को विधान पार्षद रीतलाल यादव से जुड़े होने की जानकारी दी. उसने पुलिस को बताया कि जेल के अंदर से रीतलाल यादव ने ही मोबाइल फोन के माध्यम से निर्देश दिया था कि शंभू से रंगदारी वसूल करनी है. इसके बाद उसने ठेकेदार से रंगदारी मांगी थी. विधान पार्षद के माध्यम से ही उसे ठेकेदारी मिलती थी, इसलिए वह उनके लिए काम करता था. उक्त बयान के बाद ही पटना पुलिस ने विधान पार्षद रीतलाल यादव को रंगदारी के उक्त मामले में आरोपित बनाया था.

21 लाख गबन के आरोपित को पुलिस ने पकड़ा

पटना. कंकड़बाग पुलिस ने 21 लाख रुपये गबन के आरोपित प्रदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया और फिर न्यायालय में उपस्थित कराया. जहां से न्यायालय के आदेश के बाद प्रदीप कुमार को जेल भेज दिया गया. कंकड़बाग पुलिस ने उसे एफ सेक्टर से पकड़ लिया. बताया जाता है कि रांची के दीपक श्रीवास्तव ने न्यायालय में कंप्लेन केस किया था और उक्त मामले में ही वारंट निर्गत हुआ था. वारंट कंकड़बाग पुलिस के पास पहुंचा और गुप्त सूचना मिलने के बाद बेटे को पीसी कॉलोनी एफ सेक्टर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया.

आदेश के डेढ़ साल बाद भी कुख्यात नक्सली अजय कानू के जब्त रुपये नहीं मिले

पटना. बेऊर जेल में बंद कुख्यात नक्सली अजय कानू के जब्त किये गये 18,801 रुपये परिजनाें को डेढ़ साल बाद भी नहीं मिले हैें. सूत्रों के अनुसार अजय कानू को फुलवारीशरीफ थाना कांड संख्या 215 /2002 में 2002 को पटना पुलिस ने बेली रोड इलाके से गिरफ्तार किया था. उसके पास से उस समय 18,801 रुपये जब्त किये गये थे और फिर कुछ दिनों बाद अजय कानू के फुलवारीशरीफ थाना के हरिशचंद्र नगर के किराये के मकान से दो परिजनों को पकड़ा गया था और 35 हजार रुपये भी जब्त किये गये थे. न्यायालय द्वारा इस कांड में सभी आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी करते हुए जब्त की गयी 18,801 राशि को लौटाने का निर्देश पटना पुलिस को दिया था. यह आदेश 2015 में जारी हुआ था. सूत्रों के अनुसार इस आदेश के बावजूद अभी तक परिजनों को उक्त जब्त रुपये नहीं मिले हैं.

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