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होटल के कमरे में मिली व्यवसायी की लाश
घटना. पत्नी से चल रहा था तलाक का केस, होटल में ही कमरा लेकर रहता था, शव से आ रही थी दुर्गंध पटना : कोतवाली थाने के फ्रेजर रोड की गुरुद्वारा गली स्थित अशोक विहार होटल में कमरा संख्या 19 में व्यवसायी रंजन कुमार सिंह (40) का शव रविवार की सुबह बरामद किया गया. शरीर […]
घटना. पत्नी से चल रहा था तलाक का केस, होटल में ही कमरा लेकर रहता था, शव से आ रही थी दुर्गंध
पटना : कोतवाली थाने के फ्रेजर रोड की गुरुद्वारा गली स्थित अशोक विहार होटल में कमरा संख्या 19 में व्यवसायी रंजन कुमार सिंह (40) का शव रविवार की सुबह बरामद किया गया.
शरीर थोड़ी-बहुत गल चुकी थी और काफी दुर्गंध आ रही थी और कमरे में गैस भी था. साथ ही पेट भी काफी फूला हुआ था. हालांकि, कमरा अंदर से बंद था. सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया. एफएसएल की टीम से जांच करायी गयी.
कमरे से काफी मात्रा में गुटखा, कपड़े व एक मोबाइल बरामद किये गये. घटना की जानकारी मिलने पर उनकी पत्नी सरिता सिंह भी पहुंची. उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि पहले उन्हें पीलिया हुआ था और फिर लीवर सिरोसिस की बीमारी थी. शराब पीने के कारण उन्हें यह बीमारी हुई थी. जिसका इलाज किदवईपुरी में एक डॉक्टर के यहां चल रहा था.
इस बयान के बाद पुलिस फिलहाल यह संभावना जता रही है कि लीवर सिरोसिस के कारण ही उनकी मौत हुई है. साथ ही काफी गुटखा खाने की आदत है, इसके कारण पुलिस यह भी संभावना जता रही है कि हो सकता है कि गुटखा खाने के बाद वह सो गये और गरदन में फंसने के कारण सांस लेने में कठिनाई हुई और मौत हो गयी हो.
रंजन कुमार तीन भाई व एक बहन है. बहन जमशेदपुर में रहती है.वह वहां हमेशा जाते थे. रंजन कुमार शास्त्री नगर थाने के पटेल नगर के गांधी मूर्ति के पास रहते थे. वैसे वह मूल रूप से छपरा के निवासी है. पहले इनका बिजनेस था, लेकिन इधर इन्होंने सारा व्यवसाय बंद कर दिया था. मकान के किराये से आनेवाली रकम से ही घर का खर्च चलता था.
27 को होटल कर्मी ने भी देखा : 27 अप्रैल को रंजन कुमार को होटलकर्मी ने भी देखा था. साथ ही पत्नी ने भी पुलिस को जानकारी दी कि उस दिन एक बजे रात में उनसे बात हुई थी और फिर उन्होंने फोन काट दिया था. इसके बाद फिर बात नहीं हुई. अब उनकी मौत बीमारी से हुई या उन्होंने आत्महत्या कर ली, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है.
सूत्रों के अनुसार रंजन का अपनी पत्नी सरिता के साथ पारिवारिक विवाद था. पिछले साल दीपावली के समय रंजन ने खुद ही अपनी से तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था, जो फिलहाल विचाराधीन है. वह 29 मार्च को अपने घर से निकले थे और जमशेदपुर गये थे. इस दौरान पत्नी से भी बात होती थी. पत्नी जब यह पूछती थी कि वह कब आयेंगे, तो वह बताते थे कि जल्द ही आ जायेंगे. इसके बाद वह जमशेदपुर से पटना भी आये, लेकिन अपने घर में रहने के बजाय फ्रेजर रोड की गुरुद्वारा गली में होटल के कमरे में रहने लगे.
होटल के रजिस्टर के अनुसार उन्होंने 17 अप्रैल को कमरा लिया था. होटल के रजिस्टर में उन्होंने अपना एड्रेस पटेल नगर लिखा था, लेकिन यह जानकारी दी थी कि वह जमशेदपुर से आये हैं और कुछ दिन रहने के बाद उन्हें रांची जाना है. इधर, काफी दिनों से बात नहीं होने के बावजूद जब रंजन वापस घर नहीं लौटे, तो उनकी पत्नी ने शास्त्री नगर पुलिस को इसकी जानकारी चार-पांच दिन पहले दी थी.
इसके बाद शास्त्री नगर थाने के एक पुलिस अधिकारी ने जब फोन किया, तो उन्होंने यह बताया कि वह जमशेदपुर में हैं और जल्द ही पटना आ जायेंगे. जबकि वे पटना में ही थे.
होटल कर्मियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल : शव से दुर्गंध आने लगी थी और कमरा भी 28 व 29 अप्रैल को नहीं खुला. इसके बावजूद होटल कर्मियों का ध्यान इस ओर नहीं गया कि आखिर दरवाजा नहीं खुला है और दुर्गंध क्यों आ रही है? इस सवाल का जवाब जब पुलिसकर्मियों ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि चूहा मर गया है और उसी की दुर्गंध आ रही है.
लेकिन, हर होटल में अगले दिन हर सुबह कमरे को साफ किया जाता है, लेकिन क्या कोई कमरा को साफ तक नहीं किया गया और किसी ने इस बात की सुध नहीं ली कि आखिर दो दिनों से वह रूम क्यों नहीं खुला? डीएसपी विधि व्यवस्था ने कहा कि होटल कर्मियों की कार्यशैली के संबंध में भी जांच की जा रही है.
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