एसआइटी को शक है कि कहीं बरार ने ही तो नहीं पेपर सेट किया और फिर पेपर लीक किया. सुधीर कुमार से उसकी बातचीत की पुष्टि हाे ही चुकी है. इस शक के पीछे सुधीर कुमार का झूठ भी है. गौरतलब है कि सुधीर कुमार ने पेपर सेट करने वाले प्रोफेसर के नाम का खुलासा नहीं किया है. जिस प्रोफेसर का नाम उन्होंने बताया था वह सत्यापन में गलत निकला. अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर बीएसएससी का पेपर किसने सेट किया था.
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बिहार परचा लीक कांड : IAS सीके अनिल को SIT भेजेगी नोटिस, उपस्थित नहीं हुए तो होगी कार्रवाई
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी आइएएस सीके अनिल काे नोटिस भेजेगी. एसआइटी सूत्रों की मानें तो यह तीसरा नोटिस है. अगर इस पर भी वह उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. गौरतलब है कि एसआइटी यह साफ कर चुकी है कि सीके अनिल की […]
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी आइएएस सीके अनिल काे नोटिस भेजेगी. एसआइटी सूत्रों की मानें तो यह तीसरा नोटिस है. अगर इस पर भी वह उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. गौरतलब है कि एसआइटी यह साफ कर चुकी है कि सीके अनिल की भूमिका पेपर लीक कराने में अब तक नहीं आयी है. लेकिन, आइएएस सुधीर कुमार की मदद करने में वह जरूर हैं. आवेदन पर फर्जी साइन करने का आरोप है. इसी संबंध में पूछताछ करने के लिए एसआइटी सीके अनिल को तलाश रही है. इसके अलावा फरारी के दौरान दिल्ली में अनंतप्रीत सिंह बरार के संपर्क में रहने की भी जानकारी एसआइटी को मिली थी. इसका खुलासा बरार से पूछताछ में हुई है.
एसआइटी ऐसे कुछ अन्य सवालों के बारे में सीके अनिल से पूछताछ करना चाहती है. लेकिन, वह अब तक सामने नहीं आये हैं. वह बीएसएससी के ओएसडी हैं और बिना अवकाश लिये लापता हैं.
बरार का लिया जायेगा हैंडराइटिंग सैंपल : एसआइटी रिमांड पर लिए गये अनंतप्रीत
इवेल्यूटर अनंत बरार कई वर्षों से बिना संविदा के ही बीएसएससी परीक्षा के मूल्यांकन का काम कर रहा था. उसके पास संविदा से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं है. दस्तावेज के नहीं होने के बाद वह कैसे मूल्यांकन कर रहा था, यह एक बड़ा सवाल है और इसी सवाल का जबाब एसआइटी को चाहिए. एसआइटी को उसने भरमाने का प्रयास किया था और बताया था कि उसके पास संविदा है और तमाम दस्तावेज दिल्ली में हैं. इसके बाद एसआइटी ने उससे उन दस्तावेजों को मंगाने के लिए कहा, तो फिर रास्ते पर आ गया और जानकारी दी कि कोई संविदा नहीं है, बल्कि मौखिक आदेश पर ही होता है. लेकिन अनंत बरार ने रिमांड के दौरान इस बात की जानकारी नहीं दी कि किसकी कृपा से वह मूल्यांकन का काम करता था.
इसमें एक बात स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग व मूल्यांकन की जिम्मेवारी अध्यक्ष की होती है, जिसके कारण वह अध्यक्ष या किसी अन्य पदाधिकारी के संरक्षण में था और हर साल मूल्यांकन की जिम्मेवारी उसे ही मिलती थी. इसके साथ ही वह कई अन्य परीक्षाओं का भी मूल्यांकन कार्य करता था. उसने बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार, आइटी मैनेजर नीति प्रताप सिंह से बातचीत होने की बात स्वीकारी थी. एसआइटी के पास ऐसे साक्ष्य थे कि उन लोगों की आपस में बातचीत होती थी. एसआइटी भी उसकी ऊंची पहुंच को देख कर हैरान है.
सप्ताह भर पहले एसआइटी से हटाने की एएसपी ने की थी दरख्वास्त
बीएसएससी पेपर लीक मामले में गठित एसआइटी से हटाये जाने को लेकर एएसपी राकेश दुबे ने एक सप्ताह पहले ही आवेदन दिया था. सूत्रों की मानें, तो अनुंसधान में दबाव के चलते उन्होंने ऐसा किया था. हालांकि उन्हें एसआइटी से हटाया नहीं गया है. वहीं एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई आवेदन नहीं मिला है. एएसपी राकेश दूबे एसआइटी में हैं और वह मामले की छानबीन कर रहे हैं. दरअसल बीएसएससी पेपर लीक मामले में जांच को लेकर एसआइटी की टीम में ही असंतोष और अविश्वास है.
यहां बता दें कि अनंतप्रीत सिंह बरार की गिरफ्तारी के बाद से ही जिस तरह से एसआइटी के अधिकारी अपना मुंह बंद किये हैं, उससे कंफ्यूजन के संकेत मिलते हैं. एएनएम भरती मामले में सुधीर कुमार और परमेश्वर राम से फोन पर सिफारिश करने के मामले में जिन हाइ प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आये थे, उनसे अब तक पूछताछ नहीं हो सकी है. एसआइटी प्रभारी मुन महाराज ने कहा है कि एसआइटी बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही है, एएनएम में नहीं. हालांकि जांच के क्रम में सबूत हाथ लगे हैं. इसकी जानकारी संबंधित विभाग को भेजी जायेगी.
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