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सेटिंगबाजों के अड्डों पर छापेमारी एक कोचिंग संचालक हिरासत में
पेपर लीक मामला. ‘गुरू’ की खोज में अन्य जिलों से भी ली जा रही है मदद पटना : बीएससएसी की परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण को लेकर पुलिस प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक करानेवाले ओहदेदार ‘गुरू’ तक पहुंचने के लिए तेजी से हाथ-पांव मार रही है. पुलिस सबसे पहले सेटिंग का खेल करनेवाले मोहरों की […]
पेपर लीक मामला. ‘गुरू’ की खोज में अन्य जिलों से भी ली जा रही है मदद
पटना : बीएससएसी की परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण को लेकर पुलिस प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक करानेवाले ओहदेदार ‘गुरू’ तक पहुंचने के लिए तेजी से हाथ-पांव मार रही है. पुलिस सबसे पहले सेटिंग का खेल करनेवाले मोहरों की तलाश में है, जिनकी निशानदेही पर ‘गुरू’ को बेनकाब किया जा सके. इसके लिए पुलिस ने पटना में मौजूद सेटिंगबाजों के कुछ अड्डों पर छापेमारी भी की. सूत्रों के अनुसार बोरिंग रोड से एक कोचिंग संचालक को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
उससे पूछताछ की जा रही है. एएसपी (आॅपरेशन) राकेश कुमार दूबे के नेतृत्व में छापेमारी चल रही है. पुलिस को पता चला है कि पेपर लीक करानेवाले सेटिंगबाजों का गैंग पत्रकारनगर और कंकड़बाग इलाके में अड्डेबाजी करता है. पुलिस इन स्थलों को चिह्नित कर छापेमारी कर रही है. अगर वह सेटिंगबाजों के गैंग के कुछ गुर्गों को दबोच पाती है, तो असली ‘गुरू’ का चेहरा सामने आ सकता है. फिलहाल पटना पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. अब तक प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक कराने के आरोप में या स्कॉलर को बैठाने के मामले में जो भी गिरफ्तारी हुई है, उनकी ताजा स्थिति देखी जा रही है. आरोपित जेल में हैं या बाहर, कौन हैं, किस गैंग से हैं, इस संबंध में दूसरे जिलों के पुलिस अधिकारी से भी सहयोग लिया जा रहा है. इसमें वैशाली, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ समेत अन्य जिले शामिल हैं.
प्रतियाेगी परीक्षा का पेपर लीक कराने और सेटिंग कराने के मामले में पुलिस जिसे तलाश रही है उसका असली चेहरा क्या है? अब तक तीन नाम सामने आ चुके हैं जिन्हें इस पूरे खेल का गुरू बताया जा रहा है. दो नाम ऐसे हैं जो पहले आ चुके हैं और एक नाम इस बार मुन्ना गैंग की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है. गुरू उर्फ अमिताभ के नाम का दावा पुलिस कर चुकी है, जबकि दो अन्य नाम मीडिया के माध्यम से सामने आये हैं. सवाल यह है कि इसमें असली खिलाड़ी कौन है? क्या ये वही नाम हैं, जिनकी तलाश पुलिस को है.
या फिर कोई गुरू है, जो काफी पहुंच वाला है और अब तक उसका नाम सामने नहीं आ पाया है. प्रभात खबर ने अपनी पड़ताल में इस बात का दावा किया है कि सेटिंग करनेवाला गुरू ओहदेदार है. उसकी बिहार कर्मचारी चयन आयोग में हर जगह पहुंच है. अब इसकी पड़ताल में पुलिस तेजी से जुट गयी है.
गुरू नंबर एक
प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक करानेवाले सेटिंगबाज गुरू के नाम का खुलासा पटना पुलिस ने मुन्ना गैंग को दबोचने के बाद किया था. इसमें पुलिस ने बताया था कि मुन्ना गैंग के राहुल और नीतीश से पूछताछ में पता चला है कि एक शख्स गुरू उर्फ अमिताभ नाम का है. इसकी सेटिंग परीक्षा केंद्रों और कोचिंग सेंटरों से है. इसके माध्यम से बीएसएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराये जाते हैं. इसके एवज में मोटी रकम वसूली जाती है. पुलिस काे जानकारी मिली थी कि गुरू कंकड़बाग के सांईं मंदिर के पास का रहनेवाला है. हालांकि, इस गुरू की तलाश नहीं हो सकी है.
गुरू नंबर दो
दूसरे गुरू का नाम अन्य समाचार पत्रों के माध्यम से सामने आया था. इसमें दावा किया गया था कि पुलिस जिस गुरू को तलाश रही है वह मूल रूप से दिल्ली का रहनेवाला है. उसका नाम मिथिलेश पांडे उर्फ गुरू है. यह हरियाणा के चंडीगढ़ में वर्ष 2016 में जेबीटी, टीजीटी परीक्षा में सेटिंग करा चुका है. इसे दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य राज्यों की पुलिस तलाश रही है. लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षा लीक कराने में इसका हाथ होने का दावा किया गया है. इसकी सेटिंग उन प्रिटिंग प्रेसों के कर्मचारियों से बतायी जा रही है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर की छपाई होती है. दावा है कि गुरू कर्मचारियों से मिल कर पेपर लीक कराता है.
गुरू नंबर तीन
तीसरे गुरू का नाम चंद्रा जी बताया जा रहा है. इसका नाम वर्ष 2014 में उजागर हुआ था. कंकड़बाग पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से नकदी और कुछ इलेक्ट्राॅनिक उपकरण मिले थे, जिनके माध्यम से परीक्षा में मदद की जा रही थी. लेकिन काफी हाथ-पांव मारने के बाद भी पुलिस चंद्रा जी तक नहीं पहुंच पायी. पुलिस को आज तक चंद्रा नाम के शख्स की तलाश है. इसके बारे में दावा है कि इसके भी लिंक कोचिंग सेंटरों से हैं. यहीं से छात्रों से सौदा करता है और अपने नेटवर्क के माध्यम से पेपर आउट करा कर सेटिंगवाले परीक्षार्थियों की मदद करता है.
पटना पुलिस ने सैन्य प्रशासन से हवलदारों को सौंपने का किया आग्रह
पटना. सेना भरती घोटाला मामले में दोनों हवलदार देवले और शेखर को लेकर पटना पुलिस और सैन्य प्रशासन आमने-सामने आ गयी है. पटना पुलिस की टीम जब वारंट लेकर उन दोनों को पकड़ने के लिए पहुंची, तो सैन्य प्रशासन ने दोनों को पटना पुलिस के हवाले नहीं किया और एक पत्र दिया. इस पत्र सैन्य प्रशासन ने सीआरपीसी-45 का हवाला देते हुए हेड क्वार्टर से अनुमति लेने और अन्य प्रक्रिया अपनाने की जानकारी दी. इसके बाद पटना पुलिस की टीम ने उस पत्र के संबंध में अपने विधि विशेषज्ञों से चर्चा की. चर्चा में यह बात प्रकाश में आयी है कि यह नियम तभी लागू हो सकता है, जब तक गिरफ्तारी वारंट न निकला हो. लेकिन, अगर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया हो, तो फिर यह कानून लागू नहीं हो सकता है.
इसके बाद पटना पुलिस की टीम ने भी सैन्य प्रशासन को शुक्रवार को एक पत्र लिखा और फिर सारी जानकारी देते हुए दोनों को उनके हवाले करने का आग्रह किया. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि दोनों हवलदारों को सौंपने के लिए सैन्य प्रशासन को एक पत्र भेजा गया है. अब उनके जवाब के बाद कार्रवाई की जायेगी.
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