छत्तीसगढ़ में बारूदी सुरंग विस्फोट
गालूडीह/कटिहार : गालूडीह थाना क्षेत्र के केशरपुर (बाघुड़िया) पिकेट में सीआरपीएफ 193 बटालियन के सहायक कमांडेंट के पद पर काफी दिनों से कार्यरत मो नेहाल आलम रविवार को छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा के समीप भैजी थाना क्षेत्र के एक गांव में नक्सलियों द्वारा किये गये लैंड माइन विस्फोट में शहीद हो गये. वे कटिहार के के दमदम गांव के रहनेवाले महबूब आलम के पुत्र हैं. उनका परिवार फिलहाल दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में रहता है.
नेहाल आलम का यहां से दिल्ली स्थानांतरण हो गया था. वर्तमान में वे छतीसगढ़ में सीआरपीएफ के 219 बटालियन में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात थे. जवानों के साथ नक्सलियों के खिलाफ विशेष ऑपरेशन पर रविवार को वे निकले थे. भैजी थाना क्षेत्र के जंगलों में शाम तीन से चार बजे के बीच बम विस्फोट में वे शहीद हो गये. इसकी सूचना मिलते ही मुसाबनी में स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय के जवान शोक में डूब गये.
परिवार रहता है दुर्गापुर में : सीआरपीएफ 193 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट संदीप कुमार नीरज ने बताया नेहाल आलम का छतीसगढ़ से सारंडा में तैनात सीआरपीएफ 197 बटालियन में स्थानांतरण हो गया था. दो-तीन दिन में वे सारंडा आने वाले थे. परंतु अनहोनी हो गयी. नेहाल आलम कटिहार के रहने वाले थे. उनकी पत्नी और दो बेटी दुर्गापुर में रहती है. इस घटना से सीआरपीएफ और स्थानीय थाना पुलिस की जवान मर्माहत है.
ऑपरेशन ग्रीन हंट को अंजाम तक पहुंचाया था
वर्ष 2010 से 11 तक नेहाल आलम घाटशिला और गालूडीह थाना क्षेत्र के हीरागंज और केशरपुर में तैनात रहे. इस दौरान घाटशिला में मार्च 2010 में नक्सलियों के विरूद्ध शुरू ऑपरेशन ग्रीन हंट को नेहाल आलम ने घाटशिला के पूर्व एएसपी अनूप बिरथरे के साथ मिलकर अंजाम तक पहुंचाया था. रात में नक्सलियों की तर्ज कर बासाडेरा में उन्होंने ग्रामीणों संग बैठक की थी. नेहाल आलम ने अपने कामों से सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों का दिल जीतने में कामयाब हुए थे.