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नेशनल टूरिज्म डे : पर्यटक स्थलों को चाहिए प्रोमोशन और व्यवस्था अगर आपसे कोई पूछे कि आपके शहर में कोई घूमने की जगह है? कोई बड़े स्मारक या दर्शनीय जगह है? इस सवाल पर आप तपाक से कहेंगे, हां, हां हमारे यहां कई जगहें हैं, जैसे दियारा, बोधगया, राजगीर, मनेर शरीफ, गोलघर, वगैरह वगैरह. उस […]

नेशनल टूरिज्म डे : पर्यटक स्थलों को चाहिए प्रोमोशन और व्यवस्था

अगर आपसे कोई पूछे कि आपके शहर में कोई घूमने की जगह है? कोई बड़े स्मारक या दर्शनीय जगह है? इस सवाल पर आप तपाक से कहेंगे, हां, हां हमारे यहां कई जगहें हैं, जैसे दियारा, बोधगया, राजगीर, मनेर शरीफ, गोलघर, वगैरह वगैरह. उस वक्त वह आदमी आपसे यह पूछ ले कि आपके शहर आयें, तो हमे ठहरने की उत्तम व्यवस्था और वहां घूमने की अच्छी व्यवस्था मिलेगी?

इस सवाल पर हर इनसान थोड़ा सोच कर ही जवाब देगा. हम शहर में अकसर देखते हैं कि शहर के पास वो सब मौजूद है, जिससे पर्यटकों को बुलाया जा सकता है, लेकिन इस जगह का प्रमोशन होने के कारण लोग इन जगहों पर घूमने नहीं आते. छह से सात महीने पहले बीएसटीडीसी द्वारा दो रूट में बस चलायी गयी थी.

यह बस पर्यटकों को शहर और आसपास की कई जगहों पर घुमाते हुए जाती. इस बस के चलने के लिए कुछ जगहों पर एड भी दिया गया, लेकिन बेहतर ढंग से प्रमोशन करने की वजह से इस बस में यात्री नहीं आये. नतीजा इसे बंद करना पड़ा. अब शहर में हेरिटेज वॉक के लिए कोई सुविधा नहीं है. लोग खुद की गाड़ी से, बस से या किराये से गाड़ी कर के इन जगहों पर रास्ता पूछपूछ कर जाते हैं. यहां सवाल सिर्फ इतना है कि क्या शहर की विभिन्न जगहों को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जा सकता? जो स्थल पहले से हैं, उसका अन्य शहरों की तरह प्रमोशन नहीं करवाया जा सकता?

दियारा का हो बेहतर प्रमोशन : दियारा पटना का नया पिकनीक स्पॉट बनता जा रहा है. उस जगह पर्यटन विभाग द्वारा कई कार्यक्रम भी करवाये गये. हर साल अब काइट फेस्टिवल भी होने लगे हैं.

नहीं है बोटिंग स्पॉट : गंगा में बोटिंग करने का शौक किसे नहीं होता है, लेकिन उस जगह बोटिंग करके क्या फायदा होगा जहां जान का जोखिम हो. पर्यटक आए इसके लिए नदी में सुरक्षित वोटिंग की व्यवस्था बननी चाहिए.

रेस्तरां हो जायेगी बेहतर

शहर के लोगों को किसी भी सरकारी तरह के रेस्तरां, होटल, दुकान और जगहों से नफरत होती है. इसका कारण है कि वहां बेहतर देखभाल नहीं होती है. इसमें से गंगा के पास की एमवी गंगा विहार और भागीरथी विहार भी एक है. कुछ दिनों पहले तक यहां भी लोग हर शाम घूमने जाते थे. एमवी गंगा विहार में पहले हर ट्रीप पर फुल बुकिंग होती थी. अब यह हाल है कि यहां काफी कम लोग ही जाते हैं. सवाल यह उठता है कि क्या एमवी गंगा विहार को पर्यटन विभाग द्वारा बेहतर प्रमोशन नहीं किया जा सकता. एमवी गंगा विहार को रेगुलर चला कर उसे एट्रेक्टिव दिखाया जा सकता है.

बिहार टूरिज्म ने कुछ दिनों पहले पटना, बोधगया, राजगीर, नालंदा पावापुरी तक लोगों को घुमाने के लिए एक बस को शुरू किया था. वहां कम बुकिंग होने की वजह से इसे बंद कर दिया गया. इसके अलावा दियारा में भी लगातार कार्यक्रम करवा रहे हैं, ताकि उसका बेहतर प्रमोशन हो सके. विनय कुमार, मैनेजिंग डायरेक्टर बिहार टूरिज्म

गंगा आरती की बढ़े शान

अभी हम शुक्रवार, शनिवार और रविवार को हर शाम गंगा आरती देखते रहे हैं. क्या हम जानते हैं कि गंगा आरती के आसपास साफसफाई करके उसे और भी बेहतर बनाया जा सकता है. गंगा आरती के शुरुआती दिनों में कई लोग दूरदराज से इसे देखने जाते थे. अब उन दर्शकों की संख्या में काफी ज्यादा कटौती हुई है. क्या हमें इस कटौती की वजह पता है. इसकी सीधीसी वजह है, वहां के आसपास की गंदगी. इस जगह को भी अगर बेहतर रूप दिया जाये, तो वहां फिर से दूरदराज के पर्यटक आने लगेंगे.

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