बांकेबाजार (गया): भाकपा-माओवादी की मध्य जोनल कमेटी की अगुवाई में बुधवार रात लगी जन अदालत में दो लोगों की हत्या कर दी गयी. मृतकों में लक्ष्मण परहिया और रामप्रवेश प्रसाद हैं.
दोनों डुमरी गांव के रहनेवाले थे. वहीं, दो लोगों को आर्थिक व शारीरिक दंड तथा एक व्यक्ति को साक्ष्य के अभाव में छोड़ दिया गया. दोनों का शव आमस थानांतर्गत निमियाटांड़ इलाके में फेंक दिया. सूचना मिलने के बाद एसटीएफ व सीआरपीएफ की टीम शवों को बरामद करने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी है.
हुसैनगंज गांव से पश्चिम सुदूर जंगल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भाकपा-माओवादी ने बुधवार की पूरी रात जन अदालत लगायी. दस्ते के एक दल ने मंगलवार को डुमरी गांव से लक्ष्मण परहिया, रामप्रवेश प्रसाद व सत्येंद्र प्रसाद, बारा टांड़ गांव के सुरेंद्र यादव तथा मोरैनिया गांव के प्रवेश भोक्ता को पकड़ कर उक्त जन अदालत में हाजिर किया था.
विस अध्यक्ष को सूचना देने का आरोप
डुमरी के लक्ष्मण परहिया और रामप्रवेश प्रसाद पर आरोप था कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के इशारे पर माओवादियों की गतिविधियों व उनके बैंकरों में रखे विस्फोटक, गोली, राइफल, बम की सूचना चौधरी को दी.
इससे इन बैंकरों पर पुलिस की छापेमारी से संगठन के करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है. दोनों पर एसपीएम सुप्रीमो चंदन से सांठ-गांठ कर धनेता गांव के वीरेंद्र कुमार की हत्या कराने का भी आरोप था. दोनों द्वारा गुनाह कबूलने पर अदालत में सजा-ए-मौत का फरमान सुनाया गया. प्रवेश भोक्ता को शारीरिक दंड व सुरेंद्र को आर्थिक व शारीरिक दंड दिया गया तथा साक्ष्य के अभाव में डुमरी के सत्येंद्र प्रसाद को बरी कर दिया गया. जन अदालत पांच घंटे तक चली. साथ ही वैसे लोगों को आगाह किया गया , जो लोग विधानसभा अध्यक्ष के इशारे पर संगठन को हानि पहुंचाने में लगे हैं. कहा कि उनका भी हाल लक्ष्मण व रामप्रसाद के जैसा होगा.