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पटना : गांधी मैदान में आतंकी तहरीन अख्तर उर्फ मोनू के साथ बम प्लांट करने में शामिल आतंकी हैदर अली उर्फ अबदुल्ला के नेपाल भाग जाने का शक है. घटना के बाद इन दोनों आतंकियों को मोतिहारी स्थित ताबिश नेयाज उर्फ अरशद के घर पनाह लेने की योजना थी, लेकिन मौके से इम्तियाज के पकड़े जाने के बाद इन दोनों ने अपना प्लान बदल दिया.
हैदर के कहने पर ही सिठियो गांव के तारिक उर्फ एनुल, इम्तियाज आलम, नुमान अंसारी, तौफिक अंसारी आतंक की राह पकड़ी थी. बाद में तहरीन अख्तर उर्फ मोनू सिठियो गांव का दौरा किया था. इन आतंकियों से मिलने के बाद इनका माइंड वाश किया गया. इन्हें जेहादी बनाने के लिए मोनू ने कई सीडी दिखायी. सीडी देखने के बाद सभी आइएम के सक्रिय सदस्य बन गये.
* ताबिश ने कहा कि रेकी में सद्दाम भी था शामिल: सात दिनों के लिए रिमांड पर लिये गये आतंकी ताबिश नेयाज उर्फ अरशद पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह छह अक्तूबर को पटना आया था. यहां आने के बाद वह दो दिनों तक एक होटल में ठहरा. उसके बाद आठ से दस अक्तूबर तक कुनकुन सिंह लेन स्थित सद्दाम के घर ठहरा था. उसका कहना है कि हुंकार रैली के दिन बम प्लांट करने के लिए वह गांधी मैदान के चप्पे-चप्पे की रेकी किया था. उसके बाद वह पटना जंकशन का भी रेकी किया था. इन दोनों जगहों में उसके साथ सद्दाम भी था. गांधी मैदान की रेकी करने के बाद ताबिश ने सारी जानकारी आतंकी तहरीन व हैदर को दे दी थी.
* जिला सांख्यिकी पदाधिकारी था सद्दाम: पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि सद्दाम के पिता सांख्यिकी निदेशक नहीं थी. सद्दाम खुद इस विभाग में नौकरी करता था. वह दो सालों तक योजना विकास विभाग के अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय कांट्रेक्ट पर बहाल हुआ था. सद्दाम दो सालों तक मधुबनी व छपरा में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के पद पर रहा. इसी साल 8 अप्रैल को उसका कांट्रेक्ट समाप्त हो गया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया था.
* जंकशन पर दिन भर रहे रेल एसपी
पटना : पटना में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में हो रहे अनुसंधान को गति देने के लिए शनिवार को दिन भर रेल एसपी उपेंद्र कुमार सिन्हा पटना जंकशन पर जमे रहे. इस दौरान उन्होंने पटना जंकशन पर हुए बम ब्लास्ट के अनुसंधानकर्ता डीएसपी सुनील कुमार व एनआइए की टीम के साथ विचार-विमर्श किया. उन्होंने इस मामले में अनुसंधान की प्रगति की समीक्षा भी की. इधर, जंकशन पर लगे सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फुटेज को एनआइए की टीम लगातार खंगालने में लगी है. रेल पुलिस ने एनआइए की टीम को वीडियो फुटेज उपलब्ध करा दिया था.
* तहसीन ही है मेनन, तलाश जारी
पटना : समस्तीपुर के मनियापुर निवासी इंडियन मुजाहिद्दीन के प्रमुख आतंकियों में एक तहसीन उर्फ मोनू को मेमन के नाम से भी जाना जाता है. बम ब्लास्ट के बाद तहसीन ने पटना छोड़ दिया था. तब से एनआइए व बिहार पुलिस के वरीय अधिकारी उसकी तलाश में जुटे हैं. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, आइएम के सदस्यों के एनआइए की गिरफ्त में लगातार फंसते जाने के बाद से वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर भागता फिर रहा है. उसके बिहार की सीमा से बाहर पहुंचने की आशंका जतायी जा रही है. वह लगातार अपने मोबाइल का सिम बदल रहा है. उसके नेटवर्क की तलाश में एनआइए की टीम दबिश दे रही है.
27 अक्तूबर को ही एनआइए की एक टीम के बोधगया से पटना पहुंचने के दौरान ही तहसीन को दबोचने की तैयारी कर ली गयी थी, लेकिन वह फरार हो गया था. विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो उसे एनआइए की टीम के इतनी जल्दी पटना पहुंचने की उम्मीद नहीं थी. उसे इसका आभास था कि पटना सीरियल बम ब्लास्ट के तत्काल बाद पुलिस उसके आदमियों को अपनी गिरफ्त में ले सकती है. ऐसे में उसने तत्काल ही पटना छोड़ने का निर्णय कर लिया. खुफिया सूत्रों के अनुसार, तहसीन उर्फ मोनू उर्फ मेमन बेहद चालाक व शातिर अपराधी है. उसे अपने भेष बदले में महारत हासिल है. उसके द्वारा तत्काल अपनी जानकारी व पहचान छिपाने को लेकर ट्रेनिंग दी गयी है. उसने अपने साथ कई फर्जी दस्तावेज बना रखे है. सूत्रों के अनुसार उसके फिलवक्त झारखंड की सीमा में प्रवेश करने को लेकर जांच शुरू की गयी है.